भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कृषि वैज्ञानिको द्वारा गन्ना बीज टुकड़ो को उपचारित करने वाला यन्त्र तैयार किया गया है, जिसको उपयोग में लाकर गन्ने की फसल को अनेक रोगों से बचाया जा सकता है| यह गन्ना उत्पादन बढ़ाने की एक नई तकनीक है| जिससे गन्ना के बीज टुकड़ों को उपचारित कर के स्वस्थ पौध को उत्पादित किया जा सके| इस लेख में किसानों की जानकारी के लिए गन्ना बीज टुकड़ों का उपचार करने वाले यंत्र से रोग प्रबंधन कैसे संभव है, का उल्लेख है| गन्ना की उन्नत खेती की जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें- गन्ना की खेती- किस्में, प्रबंधन व पैदावार
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गन्ना बीज टुकड़ा उपचार यंत्र
गन्ना बीज टुकड़ों को कवकनाशी में डुबोना एक पारम्परिक विधि है, जिससे लाल सड़न रोग या कंडुआ रोग को प्रभावी रूप से नियंत्रित नहीं किया जा सका है, क्योंकि इस विधि से गन्ना बीज टुकड़ो द्वारा कवकनाशी का अवशोषण बहुत ही कम होता है| प्रयोगों से पता चलता है, की प्रभावी रूप से नियंत्रित करने के लिये कवकनाशी में डुबोने का समय काफी बढ़ाना पड़ता है| मगर नई फसल को मुख्य कवक रोगों से बचाने के लिये, इस प्रकार के प्रभावी कवकनाशी उपचार को प्रयोग में नहीं लाया जा सका, क्योंकि खेत के हालातों में इतने अधिक बीज टुकड़ों के आयतन को उपचारित करना पारम्परिक ढंग से सम्भव नही था|
इसलिए एक ऐसी तकनीक को विकसित करने की आवश्यक्ता सामने आई जिससे कवकनाशी तीव्र गति से व प्रभावी रूप से बीज टुकड़ों में समाहित हो सके| इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के गन्ना प्रजनन संस्थान, कोयंबतूर ने एक तीव्र मशीनीकृत बीज टुकड़ा उपचार तकनीक विकसित की है, जिससे कवकनाशी के साथ उपचार करने के लिये ऋणातमक दाब का प्रयोग किया जाता है| इस यन्त्र के प्रयोग से लाल सड़न तथा कँडुवा रोगों को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सका है|
इसके बाद गन्ना बीज टुकड़ा उपचार के लिये विभिन्न परिमाणों के यन्त्र, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने केन्द्रीय कृषि इंजीनीयरिंग संस्थान, क्षेत्रीय स्टेशन, कोयंबतूर के साथ मिलकर, विकसित किये गये हैं| रोगग्रस्त स्थानों पर इन यन्त्रों का कवकनाशी से उपचार करने के लिये प्रयोग कर कवकनाशीयों की लाल सड़न तथा कँडुआ रोगों के विरूद्ध बेहतर तरीके से नियंत्रण को प्रदर्शित किया गया है|
इसके अलावा इस इकाई को स्वस्थ गन्ना बीज टुकड़ा जनित पौध नर्सरी कार्यक्रम के लिये, विभिन्न कृषि निवेशों का उपयोग करने के लिये, मानकीकृत किया गया है| जिससे पौध के शुरूआती बल में वृद्धि देखी गई तथा जैविक और अजैविक तनावों के प्रबंधन में भी मदद मिली|
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गन्ना बीज उपचार यंत्र की विशेषतायें
1. जब लाल सड़न तथा कँडुआ रोग गन्ने के लिये चुनौतिपूर्ण समस्या बन गये थे, तब इस नई तकनीक से गन्ना उत्पादन को बनाये रखने में मदद मिली है|
2. इस यन्त्र से बीज टुकड़ों को 10 से 15 मिन्ट में उपचारित किया जा सका, जिससे रसायनों या जैविक इनाक्यूलम का गन्ने के बीज टुकड़ों या कलिकाओं में अधिक प्रभावी विसरण सम्भव हुआ है|
3. इस यन्त्र से रसायनों की आवश्यक्ता दसवें हिस्से तक आ गई, जैसेकि रात्री भर सोखने के लिये 3 किलोग्राम की आवश्यक्ता के मुकाबले मशीनी उपचार के लिये केवल 300 ग्राम की आवश्यक्ता देखी गई है|
4. बीज टुकड़ों जनित पौध नर्सरी उगाने के लिये करीब 5,000 बीज टुकड़ों को एक बार में उपचारित किया जा सकता है तथा यन्त्र को बार बार प्रयोग कर एक दिन में 1 लाख बीज टुकड़ों को उपचारित किया जा सकता है|
5. वर्ष 2016 के दौरान इस तकनीक को एक प्राइवेट व्यवसायी को नॉन एक्सकल्यूसिव आधार पर हस्तान्त्रित किया गया था, तब से अब तक भारत में कई चीनी मिलों के यहाँ इस यन्त्र को, स्वस्थ बीज टुकड़ा जनित पौध नर्सरी कार्यक्रम के अन्तर्गत स्थापित किया गया है|
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