गुलाब की खेती गुणवत्तायुक्त पुष्पोत्पादन हेतु खुला स्थान जहाँ पर दिन भर धूप रहती हो उचित पाया गया है| मिट्टी में बरसात के दिनों में पानी का जमाव नहीं होना चाहिए| वह स्थान जहाँ पर बहुत तेज आंधी तूफान हमेशा आती हो वहाँ पर पॉलीहाउस में इसकी खेती सम्भव नहीं है| स्थान का चुनाव करते समय वहाँ की मिट्टी तथा पानी का पी एच मान एवं ई सी का परीक्षण जरूर कर लेना चाहिए| यदि गुलाब की खेती कट फ्लावर निर्यात के उद्देश्य से करना हो तो स्थान का चुनाव करते समय यह ध्यान देना चाहिए कि गुलाब की खेती का और जलवायु का अपना विशेष महत्व होता है|
यदि किसान बन्धु ग्रीन हाउस या पॉलीहाउस में गुलाब की खेती कर रहें है, तो इसकी उत्तम खेती के लिए ग्रीन हाउस या पॉलीहाउस के उचित तापमान की जानकारी होना आवश्यक है| गुलाब की वैज्ञानिक तकनीक से बागवानी की जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ पढ़ें- गुलाब की खेती की जानकारी
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जलवायु
गुलाब बहुवर्षीय वर्ग का पौधा है और इसके पौधों की अच्छी बढ़वार के लिए अनुकूल जलवायु का होना अतिआवश्यक है| इसकी व्यावसायिक खेती बहुत गर्म एवं ठण्डी जलवायु में अच्छी नहीं होती है| पौध रोपण के समय वातावरण का ठण्डा होना जरूरी है| इसके पौधे कर्तित पुष्प हेतु पॉलीहाउस में उगाए जाते हैं|
गुलाब के लिए वेंटीलेटेड पॉलीहाउस की आवश्यकता होती है तथा पॉलीहाउस की ऊँचाई लगभग 18 से 20 फुट होनी चाहिए| जलवायु के अन्तर्गत प्रकाश, तापमान, आपेक्षिक आर्द्रता और कार्बन डाइऑक्साइड की उचित सान्द्रता पौधे के वृद्धि एवं विकास के लिए बहुत ही आवश्यक है|
प्रकाश
प्रकाश का गुलाब फसल के पौधों की वृद्धि एवं विकास पर बहुत ही प्रभाव पड़ता है| गुलाब को न ही कम एवं अधिक प्रकाश अवधि की आवश्यकता है| बल्कि अधिक प्रकाश की तीव्रता होनी चाहिए| यह भी पाया गया है, कि प्रकाश की तीव्रता तथा तापमान कम हो तो गुलाब के पौधों से ऐसी पुष्प डण्डियाँ उत्पादित होती हैं| जिनमें पुष्प आता ही नहीं है|
प्रकाश की तीव्रता और तापमान बहुत अधिक होने की दशा में पॉलीहाउस या ग्रीन हाउस में शैडिंग नेट उपयोग में लाते हैं| जिससे पॉलीहाउस का तापमान कम हो जाता है| ऐसा करने से गर्मी के मौसम में पुष्प डण्डी की लम्बाई, पुष्प तथा पत्ती का आकार बढ़ जाता है| सर्दी के दिनों में कभी-कभी प्रकाश की अवधि कम होने पर बिजली का बल्ब जलाकर अतिरिक्त कृत्रिम प्रकाश देना चाहिए|
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तापमान
इसके पौधों के वृद्धि एवं पुष्पन पर तापमान का बहुत प्रभाव देखा गया है| गुलाब के पौधों की अच्छी बढ़वार के लिए दिन का तापमान 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेड तथा जब बादल में छाया हो उस समय 18 से 20 डिग्री सेंटीग्रेड होना चाहिए| इसकी अच्छी गुणवत्ता की पुष्प डण्डियों के उत्पादन के लिए पॉलीहाउस का रात्रि का तापमान 15 से 16 डिग्री सेंटीग्रेड के आस-पास होना अच्छा पाया गया है|
पॉलीहाउस या ग्रीन हाउस का तापमान अधिक घटने पर पुष्पन की अवधि बढ़ जाती है और पुष्प उत्पादन की पैदावार कम हो जाती हैं| पॉलीहाउस का औसत तापमान बढ़ने पर पुष्पन अवधि घटती है| परन्तु पुष्प की गुणवत्ता घट जाती है, गर्मी के मौसम में पॉलीहाउस के वातावरण का दिन का तापमान बढ़ने पर इसे घटाने के लिए प्राकृतिक वेंटीलेशन को खोल दिया जाता है|
जाड़े के मौसम में पॉलीहाउस के वातावरण का तापमान घटने पर तापमान को बढ़ाने के लिए प्राकृतिक वेंटीलेशन को दिन में 4 बजे सायंकाल तक बन्द कर देना चाहिए| पॉलीहाउस का तापमान रात में बढ़ाने के लिए बिजली या डीजल से चलने वाले उष्मा (गर्म हवा या पानी का भाप) उत्पादन करने वाले यन्त्रों का इस्तेमाल किया जाता है|
आर्द्रता
गुलाब का पुष्प उत्पादन करने के लिए ऐसे क्षेत्र का चुनाव करना चाहिए जहाँ पर वर्षा अधिक न होती हो क्योंकि वर्षा अधिक होने पर वातावरण में आर्द्रता बढ़ जाने के कारण कवक से होने वाले रोगों का प्रकोप बढ़ जाता है| पॉलीहाउस में 70 प्रतिशत तक आर्द्रता होने पर गुलाब के पौधों की वृद्धि बहुत अच्छी होती है| वातावरण में आर्द्रता कम और अधिक होना गुलाब के लिए हानिकारक पाया गया है|
आर्द्रता कम होने पर गुलाब के पौधों पर लाल मकड़ी का प्रकोप बढ़ जाता है| पॉलीहाउस या ग्रीन हाउस में आर्द्रता को बढ़ाने के लिए फुहार सिंचाई विधि का प्रयोग किया जाता है|
कार्बन डाइऑक्साइड
वातावरण में कार्बन डाइऑक्साइड का होना पौधों के बढ़वार के लिए बहुत जरूरी है| कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता ठीक होने पर पौधों में प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बढ़ जाती है तथा पौधे अधिक मात्रा में भोजन बनाते हैं|
यह देखा गया है, कि यदि पॉलीहाउस या ग्रीन हाउस के वातावरण में 900 पी पी एम कार्बन डाइऑक्साइड की सान्द्रता हो तो गुलाब के पौधों की बढ़वार 13 प्रतिशत तक बढ़ जाती है| पॉलीहाउस के वातावरण में लकड़ी का बुरादा तथा चूना को जलाने पर कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता बढ़ाया जा सकता है|
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