गेहूं की खरपतवार में प्रमुख रूप से संकरी पत्ती वाले खरपतवार जैसे मंडूसी, कनकी, गुल्ली डंडा, जंगली जई, पोआ घास, लोमड़ घास और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार जैसे बथुआ, खरथुआ, जंगली पालक, मैना, मैथा, सोंचल, मालवा, मकोय, हिरनखुरी, कंडाई, कृष्णनील, प्याजी, चटरी-मटरी आदि पाये जाते हैं| इन सब गेहूं की खरपतवार रोकथाम के लिए निम्नलिखित खरपतवारनाशियों की संस्तुति की जाती है, जैसे-
गेहूं की खरपतवार और खरपतवारनाशी-
खरपतवारनाशी | खरपतवार नियंत्रण | मात्रा एकड़ में |
क्लोडिनोफोप (टॉपिक, पॉइंट, झटका) | संकरी पत्ती | 160 ग्राम |
पिनोक्साडेन (एक्सिल 5 ई सी) | संकरी पत्ती | 400 मिलीलीटर |
फिनोक्साप्रॉप (प्युमा पॉवर) | संकरी पत्ती | 400 मिलीलीटर |
मेटसुल्फुरोन (अलग्रिप) | चौड़ी पत्ती | 8 ग्राम |
कारफेन्टाजोन (एफिनिटी) | चौड़ी पत्ती | 20 ग्राम |
2, 4-डी (वीडमार) | चौड़ी पत्ती | 500 मिलीलीटर |
आईसोप्रोट्यूरॉन (आईसोगार्ड 75 डब्ल्यू पी) | संकरी एवं चौड़ी पत्ती | 500 ग्राम |
सल्फोसल्फ्यूरॉन (लीडर, एस एफ 10, सफल) | संकरी एवं चौड़ी पत्ती | 13 ग्राम |
सल्फोसल्फ्यूरॉन+मेटसुल्फुरोन (टोटल, वेस्टा) | संकरी एवं चौड़ी पत्ती | 16 ग्राम |
मिसोसल्फ्यूरॉन+आइडोसल्फ्यूरॉन (अटलांटिस) | संकरी एवं चौड़ी पत्ती | 160 ग्राम |
फिनोक्साप्रॉप+मेट्रीब्यूजीन (एकार्ड प्लस) | संकरी एवं चौड़ी पत्ती | 500 से 600 मिलीलीटर |
पेन्डीमिथालिन (स्टाम्प) | संकरी एवं चौड़ी पत्ती | 1500 मिलीलीटर |
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1. आईसोप्रोट्यूरॉन, 2,4-डी, कारफेन्टाजोन, मेटसुल्फुरोन, पिनोक्साडेन, मिसोसल्फ्यूरॉन+आइडोसल्फ्यूरॉन फिनोक्साप्रॉप+मेट्रीब्यूजीन, और क्लोडिनोफोप आदि बुवाई के 30 से 35 दिन के बाद 120 से 150 लीटर प्रति एकड़ पानी में मिलाकर छिड़काव करें|
2. सल्फोसल्फ्यूरॉन+मेटसुल्फुरोन, सल्फोसल्फ्यूरॉन, बुवाई के 20 से 25 दिन के बाद (पहली सिंचाई से पहले) या बुवाई के 30 से 35 दिन बाद (सिंचाई के बाद) प्रयोग करें|
3. पेन्डीमिथालिन बुवाई के पहले 2 से 3 दिन तक 120 से 170 लीटर प्रति एकड़ पानी में घोलकर छिड़काव करें|
विशेष- हम किसान भाइयों को कहेंगे की आप उपरोक्त कीटनाशक के गेहूं की खरपतवार हेतु प्रयोग के लिए अपने खंड के लिए कृषि अधिकारी से भी संपर्क करें, क्योंकि जलवायु और क्षेत्र इनमें विशेष महत्व रखते है और एक ही खरपतवारनाशी बार बार प्रयोग में न लाये|
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ध्यान देने योग्य बातें-
1. गेहूं की खरपतवार रोकथाम के लिए हमेशा खरपतवार रहित गेहूं के बीज का उपयोग करें|
2. खरपतवारनाशी की सही मात्रा, सही समय एवं उपयुक्त तकनीक द्वारा छिड़काव करें|
3. गेहूं की खरपतवार हेतु खरपतवारनाशी को अदल-बदल कर उपयोग में लाएं|
4. फसल चक्र में चारे वाली फसलें जैसे बरसीम, जई इत्यादि का समायोजन अवश्य करें|
5. गेहूं की खरपतवार हेतु उपयुक्त छिड़काव करने के लिए फ्लैट फेन नोजल का प्रयोग करें|
6. गेहूं की खरपतवार मंडूसी का प्रभाव कम करने के लिए शून्य आधार द्वारा अगेती बुवाई करें|
7. शाकनाशी प्रतिरोधकता नियंत्रण के लिए ग्लाईफोसेट + पेन्डीमैथालीन का प्रयोग शून्य कृषण द्वारा बुवाई से पूर्व करें|
8. अधिक असर के लिए सल्फोसल्फ्यूरॉन या सल्फोसल्फ्यूरॉन + मैटसल्फ्यूरॉन को पहली सिंचाई से पहले उपयोग करें|
9. जहां भी क्लोडिनाफॉप व सल्फोसल्फ्यूरॉन से प्रतिरोधकता आ गई है, वहाँ पेन्डीमैथालीन, एकार्ड प्लस और पिनोक्साडेन का उपयोग करें|
10. एकार्ड प्लस का प्रयोग पी बी डब्ल्यू 550 और डब्ल्यू एच 542 किस्मों में नहीं करें|
11. क्लोडिनाफॉप या फिनोक्साप्रॉप या पिनोक्साडेन को 2, 4-डी के साथ नहीं मिलाएं, 2, 4-डी का छिड़काव पहले छिड़काव के एक सप्ताह के पश्चात करें|
12. गेहूं की खरपतवार हेतु छिड़काव बुवाई के 30 से 35 दिन तक ही कर दें|
13. खरपतवारनाशी की संस्तुत मात्रा से कम या अधिक मात्रा का प्रयोग नहीं करें|
14. गेहूं की खरपतवार के बीज नहीं पनपने दें|
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