प्रधानमंत्री ग्रामीण उजाला योजना, ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (EESL)) ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत आने वाली तेल विपणन कंपनियों के साथ ऊर्जा कुशल उपकरणों के वितरण के लिये समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है| यह समझौता उजाला (उन्नत ज्योति द्वारा सभी के लिये रियायती एलईडी) योजना के तहत किया गया है|
समझौते के अनुसार तेल विपणन कंपनियाँ (इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिन्दुस्तान पेट्रोलियम) अपने कुछ चुनिदा विक्रय केन्द्रों के माध्यम से एलईडी बल्ब, एलईडी ट्यूबलाइट और ऊर्जा कुशल पंखों का वितरण करेंगी अर्थात यह सरकार की एक महत्त्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत कार्यशील पुराने तापदीप्त बल्बों के बदले मात्र 10 रुपए में विश्व में सबसे सस्ते) ग्रामीण क्षेत्रों में एलईडी बल्बों का वितरण किया जाएगा| इस लेख में प्रधानमंत्री ग्रामीण उजाला योजना का उल्लेख किया गया है|
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क्यों महत्त्वपूर्ण है यह प्रयास?
1. दरअसल, तीनों तेल विपणन कंपनियों, इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम के पूरे देश में 54,500 खुदरा विक्रय केन्द्रों का एक विशाल नेटवर्क है|
2. ये विक्रय केन्द्र ईंधन की बढ़ती ज़रूरतों को पूरा करते हैं और साथ ही साथ अन्य सेवाओं जैसे एटीएम, सर्विस स्टेशन, सुविधा स्टोर और पीयूसी जैसी सेवा भी उपलब्ध कराते हैं|
3. इन खुदरा विक्रय केन्द्रों के विशाल नेटवर्क से ईईएसएल को बाज़ार तक अपनी पहुँच बनाने में और ऊर्जा कुशल उपकरणों को उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी|
4. इस योजना के सफल क्रियान्वयन से उपभोक्ताओं के बिल में प्रतिवर्ष 13,346 करोड़ रुपए (अनुमानित) की कमी आई है| इससे कार्बन डाईऑक्साइड के उत्सर्जन में प्रति वर्ष लगभग 2.7 करोड़ टन की कमी आई है|
ग्रामीण उजाला योजना क्या है?
1. भारत सरकार के राष्ट्रीय कार्यक्रम ‘उन्नत ज्योति द्वारा सभी के लिये रियायती एलईडी (UJALA) की शुरुआत पिछले वर्ष की गई|
2. इस कार्यक्रम का क्रियान्वयन ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सार्वजनिक उपक्रम एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (EESL) द्वारा किया जा रहा है| विदित हो कि एलईडी आधारित घरेलू सक्षमता लाइटिंग कार्यक्रम (DELP) को ‘उजाला’ नाम दिया गया है|
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ग्रामीण उजाला योजना के लाभ
1. उजाला न केवल उपभोक्ताओं को बिजली बिल कम रखने में मदद देगा, बल्कि देश में ऊर्जा संरक्षण में भी योगदान करेगा|
2. ग्रामीण उजाला कार्यक्रम की निगरानी पारदर्शी तरीके से राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही है। एलईडी बल्बों के प्रयोग से पर्यावरण की भी सुरक्षा होगी|
3. यूनिट के लिहाज़ से बिजली की बचत करने के अलावा कार्बन-डाइऑक्साइड के दैनिक उत्सर्जन में कमी आएगी|
4. साथ ही समाज के सभी वर्गों द्वारा इसका इस्तेमाल किया जाएगा क्योंकि उजाला योजना के तहत वितरित किए गए एलईडी बल्ब का दाम इसके बाज़ार मूल्य का एक-तिहाई है|
5. बेहतर गुणवत्ता वाले इन बल्बों पर तीन साल की मुफ्त प्रतिस्थापन (Free Replacement) वारंटी भी दी जाती है|
6. ईईएसएल द्वारा क्रियान्वित की जा रही उजाला योजना को देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में व्यापक तौर पर स्वीकार किया गया है| बड़े पैमाने पर इसे स्वीकार किये जाने का मुख्य कारण एलईडी बल्बों की कम ऊर्जा खपत के बावजूद अच्छी रोशनी देने की क्षमता है|
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ग्रामीण उजाला योजना महत्वपूर्ण बिंदु
कवरेज एरिया: प्रकाश उत्सर्जक डायोड (Light-Emitting Diode- LED) वर्तमान में सबसे अधिक ऊर्जा कुशल और तेज़ी से विकास करने वाली प्रकाश प्रौद्योगिकियों में से एक है|
कार्यान्वयन:
1. इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण उपभोक्ताओं को 3 साल की वारंटी के साथ 7 वाट और 12 वाट के LED बल्बों का वितरण किया जाएगा|
2. प्रत्येक उपभोक्ता अधिकतम पाँच एलईडी बल्ब प्राप्त कर सकता है|
3. कार्यक्रम में शामिल ग्रामीण परिवारों को अपने विद्युत उपयोग का हिसाब रखने हेतु घर में मीटर भी लगवाना होगा|
4. उजाला कार्यक्रम के तहत कन्वर्जेस एनर्जी सर्विसेज़ लिमिटेड (CESL) द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च गुणवत्ता वाले एलईडी बल्बों का वितरण किया जाएगा|
5. ईईएसएल, विद्युत मंत्रालय के तहत एक सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU)- एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज़ लिमिटेड (EESL) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है|
वित्तपोषण तंत्र:
1. इस कार्यक्रम का वित्तपोषण पूरी तरह से कार्बन क्रेडिट ट्वारा किया जाएगा तथा यह भारत में इस तरह का पहला कार्यक्रम होगा|
2. कार्बन क्रेडिट (या “कार्बन ऑफसेट”) उन परियोजनाओं या गतिविधियों हेतु प्रदान किया जाना वाला प्रमाण पत्र है जो ग्रीनहाउस गैसों का कम उत्सर्जन करते हैं|
3. परियोजना संचालनका, जैसे कि सौट और पवन ऊर्जा डेवलपर्स, या लुप्तप्राय वन के संरक्षकों द्वारा इन प्रमाण पत्रों को किसी भी व्यक्ति या कंपनी को बेचा जा सकता है ताकि भविष्य में परियोजनाओं का विस्तार करने हेतु अतिरिक्त राजस्व अर्जित किया जा सके|
4. जब कोई कार्बन ऑफसेट की खरीद करता है तो अन्य द्वारा कार्बन की कमी या उन्मूलन हेतु फंडिंग की जाती है|
5. इसके अलावा कार्बन क्रेडिट प्रलेखन/ डॉक्यूमेंटेशन को इन कार्यक्रम (Shine Program ) की गतिविधियों में शामिल करने हेतु संयुक्त राष्ट्र (United Nations- UN) के मान्यता प्राप्त सत्यापनकर्ताओं के पास भेजा जाएगा|
6. शाइन कार्यक्रम की गतिविधियों के तहत स्वैच्छिक कार्बन मानक से संबंधित सत्यापन हेतु खरीदारों की ज़रूरतों के आधार पर एक विकल्प के साथ कार्बन क्रेडिटों प्राप्त किया जा सके|
7. वहीं बाज़ार के साथ प्रारंभिक विचार-विमर्श पर आधारित एक खुली प्रक्रिया के माध्यम से भी कार्बन क्रेडिट खटीदारों को तैयार किया जाएगा|
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महत्त्व:
1. पेरिस जलवायु समझौते (Paris Climate Accord) के तहत राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदानों को पूरा करने में मदद करना|
2. यदि भारत में सभी 300 मिलियन लाइटों को बदल दिया जाए तो बिजली की पीक डिमांड में 22,743 मेगावाट की कमी आएगी और प्रतिवर्ष लगभग 40,743 मिलियन किलोवाट ऊर्जा की बचत होगी| साथ ही कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में 37 मिलियन टन की कमी आएगी|
3. वैश्विक कार्बन व्यापार में अतिरिक्त कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भारत की स्थिति में सुधार होगा|
4. 24 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा|
5. भारत के प्रधानमंत्री ने वर्ष 2015 में स्वतंत्रता दिवस पर दिये गए अपने भाषण में वादा किया था कि उन सभी गाँवों में जहाँ बिजली नहीं है, 1,000 दिनों के भीतर बिजली की पहुँच सुनिश्चित की जाएगी|
6. सरकार द्वारा दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना की घोषणा की गई जिसका उद्देश्य बुनियादी बिजली संरचना (Basic Power Infrastructure) और कनेक्टिविटी स्थापित करना था|
7. यह घरेलू एलईडी बाज़ाटों को विकसित करने में सहायक होगा|
8. सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) का लाभ प्राप्त करने में सहायक होगा|
9. विशेष रूप से SDG-7 की स्थिति प्राप्त करने में सहायक होगा जो कि सस्ती, विश्वसनीय और आधुनिक ऊर्जा सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करने पर केंद्रित है|
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न?
प्रश्न: ग्रामीण उजाला योजना के तहत एलईडी प्राप्त करने के लिए कौन पात्र है और एलईडी खरीदने के लिए क्या आवश्यकताएं हैं?
उत्तर: ग्रामीण उजाला योजना के तहत प्रत्येक घरेलू परिवार जिनके पास अपनी संबंधित बिजली वितरण कंपनी से मीटर का कनेक्शन है, एलईडी बल्ब प्राप्त करने के लिए पात्र हैं| उपभोक्ता ईएमआई भुगतान (बिजली बिल में मासिक/द्विमासिक किश्तों) पर या पूरी राशि का भुगतान करके अग्रिम भुगतान पर एलईडी खरीद सकता है| उजाला एलईडी बल्ब प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता को निम्नलिखित दस्तावेज ले जाने होंगे, जैसे-
ईएमआई के लिए: नवीनतम बिजली बिल की प्रति और सरकार द्वारा अधिकृत आईडी प्रमाण की प्रति|
अपफ्रंट के लिए: सरकार द्वारा अधिकृत आईडी प्रूफ की कॉपी|
प्रश्न: एलईडी बल्ब कहाँ और कैसे प्राप्त किया जा सकता है?
उत्तर: उजाला एलईडी बल्ब शहर में निर्धारित स्थानों पर स्थापित विशेष काउंटर (कियोस्क) के माध्यम से वितरित किए जा रहे हैं। ये रिटेल स्टोर्स पर उपलब्ध नहीं होंगे| वितरण काउंटरों का स्थान विवरण (www.ujala.gov.in) पर उपलब्ध है, जहां उपभोक्ता सुविधा के लिए स्थानों को जियो-टैग किया गया है|
प्रश्न: एलईडी बल्ब की कीमत क्या है?
उत्तर: उजाला उपकरण 70 रुपये प्रति एलईडी बल्ब, 220 रुपये प्रति एलईडी ट्यूबलाइट और 1110 रुपये प्रति पंखे की दर से खरीदे जा सकते हैं| उपकरणों की कीमत में बल्ब की कीमत, वितरण, जागरूकता लागत जैसे घटक शामिल होते हैं, जिन्हें प्रतिस्पर्धी बोली, वार्षिक रखरखाव लागत (एएमसी), पूंजी की लागत और प्रशासनिक लागत के माध्यम से खोजा जाता है|
प्रश्न: क्या होगा अगर एलईडी बल्ब फ्यूज हो जाए? क्या कोई वारंटी है?
उत्तर: यदि तकनीकी खराबी के कारण एलईडी बल्ब काम करना बंद कर देता है, तो ईईएसएल एक वर्ष की अवधि के लिए मुफ्त प्रतिस्थापन प्रदान करता है| सभी प्रतिस्थापन नामित प्रतिस्थापन / वितरण कियोस्क के माध्यम से किए जाते हैं जैसा कि (www.ujala.gov.in) पर उल्लेख किया गया है| वितरण अवधि के दौरान इन एलईडी को किसी भी उजाला कियोस्क से बदला जा सकता है| वितरण के बाद, राज्य विशिष्ट प्रतिस्थापन अभियान हैं जो खुदरा दुकानों/स्थानों को इंगित करेंगे जहां प्रतिस्थापन उपलब्ध होगा|
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