नीम आधारित जैविक कीटनाशक (बायो पेस्टीसाइड्स) समन्वित कीट प्रबन्धन में फसलों को कीट व्याधि से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण और उपयुक्त घटक मानी गई है| इनके उपयोग से पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाये फसलों के रस चूसने वाले कीटों, मधुआ, थ्रिप्स, सफेद मक्खी इत्यादि पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है| आजकल कई बहुराष्ट्रीय या राष्ट्रीय कम्पनियाँ नीम आधारित जैव कीटनाशक के उत्पादों का विपणन कर रही है, जो अपेक्षाकृत काफी महंगे होते है|
जबकि कृषक बन्धु इन उत्पादो को अपने खेत या घर पर स्वंय बना सकते है, जिसकी विधि काफी सरल है| जानकारी के लिए नीम आधारित जैविक कीटनाशक बनाने की सरल तकनीक का इस लेख द्वारा उल्लेख किया जा रहा है| कृपया इसका अधिकाधिक प्रयोग करें|
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नीम आधारित जैविक कीटनाशक बनाने की विधि
निबोली को एकत्रित करना- एक सूती कपड़ा या मच्छर दानी को निबोली से लदे नीम के पेड़ के नीचे बिछायें अब टहनियों को हिलायें और पके फलों को कपड़े पर गिराकर एकत्रित करें तथा अनावश्यक फलों की अलग कर दें|
निबोली से गिरी (बीज) अलग करना- एकत्रित निबोलीयों को पानी में भरी बाल्टी में डाले| हाथ से मसलकर गूदे को बीज से अलग करके बीजो को एकत्रित करना चाहिये|
बीजो गिरी को सुखाना और जमा करना- बीजो को सूती कपड़े पर बिछाकर 7 से 8 दिनों तक सुखावें, फिर हवादार बोरी में भरकर जमा कर लेवें|
छिलका हटाना- बीजो के उपर के सख्त छिलकों को तोड़कर अन्दर की गिरी निकाल लें|
गिरी को पीसना- एकत्रित गिरी को पीसकर महिन पाउडर बना लें|
पाउडर का घोल बनाना- उक्त 2 किलो ग्राम पाउडर को 10 लीटर पानी में भिगोकर रातभर रख दें|
घोल तैयार करना- अगले दिन सुबह घोल को सूती कपड़े से छान लें, अब छने हुए घोल में 100 लीटर पानी मिलावें|
घोल का छिड़काव- आवश्यकता समझे तो घोल (नीम आधारित जैविक कीटनाशक) की साद्रता जाँच करा लेंवें अन्यथा स्प्रेयर में डाल कर अपने खेत की खड़ी फसल में सिफारिश अनुसार उपयोग में लेवें|
इस प्रकार किसान भाई बिना किसी खर्च के नीम आधारित जैविक कीटनाशक अपने घर पर तैयार कर सकते है, जो की एकदम शुद्ध नीम आधारित जैव कीटनाशक होगा और अपनी जैविक फसल पर कीट और रोग रोकथाम के लिए आवश्यकतानुसार इसका प्रयोग कर सकते है|
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