सब्जी उत्पादन और आधुनिक बागवानी में पॉलीहाउस का महत्वपूर्ण योगदान है| यदि किसान कुछ विशेष सावधानियों को ध्यान में रखें तो इसमें बेमौसमी सब्जियों की खेती एक वरदान के रूप में सिद्ध हो सकती है| पॉलीहाउस में आमतौर पर सभी सब्जियों को उगाया जा सकता है, किन्तु सब्जियों का चयन पौधों की ऊंचाई, मौसम, सब्जी तैयार होने का समय, उत्पादन लागत एवं बाजार भाव को ध्यान में रखकर करना चाहिए|
इसके लिए ज्यादातर उन सब्जियों को चुनें जो कम जगह घेरती हों और उनका बाजार भाव ज्यादा मिलता हो| पॉलीहाउस में उगाने के लिये निम्न सब्जियां उपयुक्त रहती हैं, जैसे- शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, खरबूजा, लौकी, गोभी, बैंगन, फ्रेंचबीन, करेला, चप्पनकद्दू और तरबूज आदि प्रमुख है|
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पॉलीहाउस बनाने की विधि
ढांचे की बनावट के आधार पर पॉलीहाउस कई प्रकार के होते हैं| पॉलीहाउस बनाने के लिये बांस की खपच्ची, बांस, जी आई पाइप, आयरन एंगल, सुतली आदि का प्रयोग ढांचा बनाने के लिये किया जाता है और इसे 150 से 200 माइक्रोन मोटी पॉलीथीन से ढंका जाता है| पॉलीथीन शीट का पराबैंगनी होना जरूरी होता है| सूर्य का प्रकाश पारदर्शी पॉलीथीन से पॉलीहाउस के अन्दर पहुंचता है, किन्तु विकिरण से पुनः वायुमण्डल में प्रवेश न कर पाने के कारण वह पॉलीहाउस का तापमान बढ़ाने में सहायक होता है| किसानों के लिये कम लागत के पॉलीहाउस उपयुक्त होते हैं और विभिन्न राज्यों की सरकारों द्वारा इन पर बागवानी मिशन के तहत 50 तक प्रतिशत अनुदान दिया जाता है|
कम लागत के पॉलीहाउस- इस प्रकार के ग्रीन हाउस का ढांचा बांस की खपच्चियों तथा सुतली की सहायता से बनाया जाता है| इस प्रकार के पॉलीहाउस में कोई भी यंत्र वातावरण का नियंत्रण करने के लिये नहीं लगाया जाता एवं ऐसे पॉलीहाउस मैदानी क्षेत्रों के लिये सर्दी की ऋतु में प्रयोग किये जा सकते हैं|
मध्यम लागत के पॉलीहाउस- इस प्रकार के ग्रीन हाउस का ढांचा प्रायः लोहे के पाइप या जी आई पाइप द्वारा बनाया जाता है| इसमें कूलर, छाया देने वाले जाल, पानी के फव्वारे तथा गर्म हवा फेंकने वाले ब्लोअर का इस्तेमाल होता है| इस में वातावरण को अर्धनियंत्रित किया जा सकता है|
अधिक लागत के आधुनिक पॉलीहाउस- ये ग्रीन हाउस मध्यम लागत वाले पॉलीहाउस से काफी बड़े आकार के होते हैं| इसमें वातावरण का नियंत्रण आधुनिक यंत्रों द्वारा किया जाता है, जिसको कम्पयूटर प्रणाली द्वारा संचालित किया जाता है और सिंचाई ड्रिप प्रणाली द्वारा की जाती है|
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पॉलीहाउस तकनीक के उपयोग
1. विपरीत मौसम यानी बेमौसमी सब्जियों की नर्सरी तैयार की जा सकती है तथा कम समय में नर्सरी तैयार होती है|
2. ये संरचनाएं सब्जियों को ठण्ड, पाला, गर्मी और हवा से बचाती हैं|
3. सब्जियों की अगेती पौध तैयार करने में सहायक जिससे अगेती फसल लेकर ज्यादा भाव में बाजार में बेचा जा सकता है|
4. अधिक मूल्य वाली सब्जियों का उत्पादन करना संभव|
5. बेमौसमी सब्जी उत्पादन-खीरा, शिमला मिर्च, टमाटर का वर्ष भर उत्पादन किया जा सकता है|
6. सब्जियों के उत्पादन और उत्पादकता में बढोतरी संभव|
7. सब्जियों की गुणवत्ता बढ़ती है|
8. कीड़ों और बीमारियों की रोकथाम आसानी से की जा सकती है|
9. सब्जियों की मोनोक्रापिंग को बढ़ाना यानी साल में कई बार फसल उगा सकते है, जिससे क्रापिंग इन्टेंसिटी बढ़ती है|
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पॉलीहाउस में बेमौसमी सब्जियों की किस्में
टमाटर- पंत टी- 3, डी टी एच- 7, अविनाश- 2, डी ए आर एल- 304, एच वाई बी- 99, के-126, एन पी- 5002 और नवीन प्रमुख है|
शिमला मिर्च- केलिफोर्निया वंडर, अलंकार, भारत इन्दिरा, गोल्डन समर, हीरा, बाम्बी, ओरोबेली, तनवी और जैमिनी आदि प्रमुख है|
खीरा- जापानीज लौंग, ग्रीन, पूसा संयोग, प्वाइनसेट, रानी, फूले पराची और कसन आदि प्रमुख है|
खरबूजा- पंजाब संकर- 1और दिप्ती आदि|
फ्रेंचबीन- पंत अनुपमा और पंतबीन- 2, पूसा पार्वती कंटेण्डर आदि प्रमुख है|
करेला- पूसा दौ मौसमी और पूसा विशेष आदि प्रमुख है|
बैंगन- पूसा हाईब्रिड- 5,6 और 9, पंत संकर, हिसार और श्यामल आदि प्रमुख है|
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पॉलीहाउस में बेमौसमी सब्जियों की पौध तैयार करना
ग्रीन हाउस या पॉलीहाउस में सब्जियों की नर्सरी का विकास तेजी से होता है| इसमें सब्जियों की विपरीत मौसम में नर्सरी तैयार करके किसान अधिक लाभ ले सकते हैं| इसमें कम लागत वाले पॉलीहाउस में सब्जियों की नर्सरी जैसे- शिमला मिर्च, टमाटर, बैंगन और बेलवाली सब्जियां जैसे- खीरा, लौकी, करेला, तोरई, चप्पन कद्दू एवं ककड़ी इत्यादि, की बेमौसमी अर्थात सर्दी में नर्सरी पौध तैयार करके एक दो महीने अगेती फसल ली जा सकती है, जिसके बाजार में बहुत अच्छे दाम मिलते हैं| इसके लिये बांस की खपच्ची, पोलीथीन शीट, सुतली से एक झोपड़ीनुमा ग्रीन हाउस बनाया जा सकता है और इसमें सब्जियों की पौध दिसम्बर से जनवरी में तैयार की जा सकती है|
अगेती नर्सरी (पौध) से फायदे-
1. अधिक पैदावार
2. बेमौसमी उत्पादन
3. अच्छी गुणवत्ता
4. कम पानी की आवश्यकता
5. कम खरपतवार व आसान नियंत्रण
6. स्वस्थ व समय पर पौध उत्पादन
7. विपरीत परिस्थितियों से बचाव
8. कीट व रोग नियंत्रण आसान|
इन बातों का रखें ध्यान-
1. केवल उन्नत और संकर किस्में ही उगाएँ|
2. सही सब्जी की फसल और सही किस्म का चयन|
3. सब्जी की बिजाई से पहले पॉलीहाउस में गोबर की खाद डालकर अच्छी तरह मिला दें तथा जमीन को पांच प्रतिशत फोरमेलिन से उपचारित करें|
4. शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा आदि ज्यादा लाभदायक फसलें होती हैं|
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पॉलीहाउस में बेमौसमी सब्जियों की प्रोपेगेशन ट्रे में तैयार करें
सब्जियों की पौध के लिये प्रोपेगेशन ट्रे जिसे प्रो ट्रे भी कहते हैं, का इस्तेमाल करें जो आमतौर पर 98 छेदों वाली होती है, इसमें कोकोपीट + परलेट + वर्मीकुलेट का 4:1:1 का मिश्रण लेकर ट्रे तैयार कर लें तथा बीज की बिजाई कर दें|
पॉलीहाउस में बेमौसमी सब्जियों के फायदे
1. प्रत्येक बीज का बिना क्षति के अंकुरण|
2. जड़ों का पूरा विकास एवं निकालने एवं रोपाई में सुविधाजनक|
3. पौधों का विकास एक समान और स्वस्थ पौधों का तैयार होना
4. कम समय में पौध का तैयार होना|
5. पौध की बीमारियां कम|
6. कीट नियंत्रण सरलता से किया जा सकता है|
7. रोपाई उपरान्त कम मृत्युदर और पौधों का विकास जल्दी होना|
8. पॉलीहाउस को बागवानी के व्यावसायीकरण ने किसानों की एक खास जरूरत बना दिया है, जिसमें बेमौसमी सब्जियां उगाकर आमदनी को कई गुणा बढ़ाया जा सकता है|
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9. परम्परागत कृषि विधियों की अपेक्षा पॉलीहाउस में सब्जियों को उगाने से खुले वातावरण की तुलना में दो से चार गुणा तक अधिक पैदावार ली जा सकती है|
10. वर्ष भर सब्जी उत्पादन करना, साथ ही उत्पादन की मात्रा, गुणवत्ता तथा उत्पादकता में भी काफी बढ़ोतरी प्राप्त की जा सकती है|
11. पॉलीहाउस में पर-परागण वाली सब्जियों के बीजों को सरलता से तैयार किया जा सकता है, इस प्रकार तैयार किए गए बीजों में वंश शुद्धता बनाये रखी जा सकती है और यह बीज उच्च गुणवत्ता के होते हैं|
पॉलीहाउस के अन्दर उगाई जाने वाली सब्जियों में वे सभी सस्य क्रियायें करनी पडती हैं, जिन्हें खुले खेत में करते हैं| गोबर की खाद का भरपूर इस्तेमाल करना चाहिये| बीच-बीच में मिट्टी का निर्जीवीकरण करना आवश्यक होता है| जिसके लिये फार्मेलडिहाइड और अन्य रसायन या प्लास्टिक शीट बिछाकर सौर ऊर्जा का उपयोग किया जा सकता है|
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