
स्वास्थ्य का अंग्रेजी पर्याय Health हैं| इस शब्द Health(स्वास्थ्य) को विद्वानों ने अलग अलग अंदाज में परिभाषित किया है, और नजरिय से देखा हैं| लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन ने Health को इस तरह परिभाषित किया है| “शारीरिक, मानसिक, मनोवेज्ञानिक, अध्यात्मिक और सामाजिक दृष्टी से सही होने की संतुलित सतह का नाम स्वास्थ्य है ना की बीमारी के न होने का”| लेकिन हम लोग लगभग स्वास्थ्य को केवल बीमारी से ही जोड़ कर देखतें है| लेकिन स्वास्थ्य सिर्फ बीमारीयों के न होने का नाम नही है| हमें बहुमुखी स्वास्थ्य के बारें में जानकारी अवश्य होनी चाहिए| हम विस्तार से इसके बारें में बात करेगे|
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शारीरिक स्वास्थ्य (Physical Health)
शारीरिक स्वास्थ्य शरीर की स्तिथि को दर्शाता है| जब सभी शरीर के आंतरिक और बाहरी अंग, ऊतकों, कोशिकाओं का ठीक से काम करना क्यों की उन्हें कार्य करना चाहिए| इसमें शरीर की संरचना, विकास, कार्यप्रणाली और रखरखाव शामिल होता है| यह एक जीव के कार्यात्मक और क्षमता का स्तर भी है की वो दैनिक कार्य करने के लिए फिट हो| जैसे सुनाई देना, दोड़ना, चलना, दिखाई देना व अन्य सामान्य गतिविधियां| अच्छे Physical Health को सुनिश्चत करने के लिए निम्नलिखित मापदंड है|
1. गतिविधि – ताकत, लचीलापन और धीरज का होना|
2. संतुलित आहार के साथ गहरी नींद
3. शरीर के सभी अंग सामान्य आकार के हो और उचित रूप से कार्य करें
4. सामान्य मानकों के अनुसार होना चाहिए, नाड़ी स्पंदन, शरीर का भार व व्यायाम सहनशीलता आदि सब कुछ व्यक्ति के आकार, आयु व लिंग के लिए|
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मानसिक स्वास्थ्य (Mental Health)
मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ हमारे भावनात्मक, मनोवेज्ञानिक और सामाजिक कल्याण से है| यह प्रभावित करता है कि हम कैसे सोचते है, महसूस करते है और कार्य करते है| यह ये भी सीमांकित करने में मदद करता है कि हम तनाव कैसे संभालते है| दूसरों से कैसा व्यवहार करते और मिलते है| जीवन के दौरान, यदि हम मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का अनुभव करते है| तो आप की सोच, मनोदशा और व्यवहार प्रभावित हो सकते है| इसे अच्छा बनाएं रखने के तरीकें निम्नलिखित है
1. दूसरों से मिलना और उनकी मदद करना|
2. सकारात्मक सोचना और शारीरिक रूप से सक्रिय रहना|
3. पर्याप्त नींद लेना|
4. व्यवहार में प्रसन्ता, शान्ति और सम्रद्धि रखना|
5. मन को संतुलित रखना|
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अध्यात्मिक स्वास्थ्य (Spiritual Health)
हालाँकि अध्यात्मिक स्वास्थ्य को परिभाषित करने के लिए कोई पैमाना तो बना नही है| लेकिन हम यह कह सकते है कि हमारा अच्छा स्वास्थ्य आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ हुए बिना अधुरा है| क्योकि जीवन के अर्थ और उदेश्य की तलाश करना हमें अध्यात्मिक बनता है| समृद्ध अध्यात्मिक स्वास्थ्य हमारे निजी मन्यताओं और मूल्यों को दर्शाता है, जैसे सुख, अर्थ, सदभाव, उदेश्य, आशा, शक्ति और हमारे जीवन मै आंतरिक शान्ति प्रदान करती है| इसकों अच्छा बनाएं रखने के कुछ उपाय है|
1. इसके लिए हमें भौतिक जगत की वस्तुओं का मोह त्यागना होगा|
2. स्वयं को जानना होगा क्योंकि स्वयं को जानने व अनुभव करने वाली आत्मा हमेशा शांत और पवित्र होगी|
3. दुसरे जीवों के प्रभाव में आए बिना उनके साथ भाईचारे का नाता रखना, इसे आपके कर्म उन्नत होगें|
4. सकारात्मक उर्जा का संचार बनाएं रखना जिसे दुर्जन विचार दूर हो|
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बौद्धिक स्वास्थ्य (Intellectual health)
यह किसी के भी भी जीवन को बढ़ाने के लिए कौशल और ज्ञान को विकसित करने के लिए संज्ञानात्मक क्षमता है| यह एक व्यक्ति की समीक्षकों को सोचने, उसके आसपास के सवाल, वर्तमान घटनाओं पर ध्यान देने और अप्रत्याशित बाधाओं को अनुकूल करने के लिए रचनात्मक तरीके विकसित करने की क्षमता को दिखाया गया है| जो लोग बौधिक रूप से स्वस्थ है वे साधन-सम्पन है| वे खुले दिमाक को बनाये रखते है और कई अलग-अलग दृष्टीकोण से मुद्दों को देखने की क्षमता प्रदर्शित करते है|
1. लोभ के वश में न हो और समस्याओं का सामना करने तथा उनका बौद्धिक समाधान तलाशने में निपूर्ण हो|
2. आत्म-सयंम, भय, क्रोध, मोह, जलन, अपराधबोध और चिंता के वश में न हो|
3. सभी प्रकार के व्यवहारों में विनम्रता में रहना और दूसरों की आवस्यकताओ को ध्यान में रखना|
4. नये विचारों के लिए खुलापन और उच्च भावनात्मक दिमाक|
5. समझोता करने वालो बुधि, आलोचना को स्वीकार कर सके और आसानी से व्यथित न हो|
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सामाजिक स्वास्थ्य (Social Health)
समाजिक स्वास्थ्य में दूसरों के साथ पारस्परिक सम्बंधो को संतोषजनक बनाने की आप की क्षमता शामिल है| क्यों की हम सामाजिक प्राणी है| सामाजिक रूप से सब के द्वारा स्वीकार किया जाना हमारे भवनात्मक खुशहाली से जुड़ा हुआ है|
1. दूसरों से रिश्ते विकसित करें|
2. पहचान की भावना स्थापित करें|
3. अपनी क्षमता के अनुसार समाज कल्याण के कार्य करना
4. परिवार व समाज से संबधों को खुशहाली की और ले जाने का लगातार प्रयास करें|
अच्छे स्वास्थ्य की आवश्यकता हम सब को है|यह किसी एक विशेष धर्म, जाती, सम्प्रदाय या लिंग जाती तक सिमित नही है|अधिकांश लोग अच्छे स्वास्थ्य के महत्व को नही समझते है और समझते भी है तो वे उसकी उपेक्षा कर रहे है| हम जब भी स्वास्थ्य की बात करते है तो हमारा ध्यान केवल शारीरिक स्वास्थ्य तक ही सिमित रहता है| हम बाकी आयामों की तरफ ध्यान नही देते| अत: हमे इन आवश्यक बातों के बारे में अवश्य सोचना चाहिए|
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Chanda kumari says
Mast hai… Sab sahi likha hua hai…. Really Knowledgeable…. Please Share and suscribe this… pls pls pls…
Bhupender says
Hi Chanda,
आपका धन्यवाद
Sonali says
Santust hain dhanyawaad