जवाहरलाल नेहरू की बेटी इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी एक भारतीय राजनीतिज्ञ, राजनेता और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की एक केंद्रीय हस्ती थीं| वह भारत की पहली प्रधान मंत्री थीं जिन्होंने जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक और फिर जनवरी 1980 तक देश की सेवा की| इंदिरा गांधी 1959 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं| 1964 में अपने पिता की मृत्यु के बाद उन्हें राज्य सभा के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया और सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल की सदस्य बनीं|
बाद में, वह अपने प्रतिद्वंद्वियों को हराकर भारत की प्रधान मंत्री बनीं| 1984 में, उनके अपने ही अंगरक्षकों द्वारा उनकी हत्या कर दी गई, जिससे देश को बहुत दुख और सदमा लगा| लेकिन वह इतनी पूजनीय हैं कि आज भी इस प्रतिभाशाली राजनेता की यादें धुंधली नहीं हुई हैं| उनके जन्मदिन पर, जैसा कि हम इस असाधारण राजनेता को याद करते हैं, यहां उनके कुछ सबसे प्रसिद्ध उद्धरणों की एक सूची दी गई है जो आपको प्रेरित और प्रोत्साहित करेंगे|
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इंदिरा गांधी के उद्धरण
1. “मेरे दादाजी ने एक बार मुझसे कहा था कि दो तरह के लोग होते हैं, जो काम करते हैं और जो श्रेय लेते हैं| उन्होंने मुझसे पहले समूह में रहने का प्रयास करने को कहा, प्रतिस्पर्धा बहुत कम थी|”
2. “आप बंद मुट्ठी से हाथ नहीं मिला सकते|”
3. “चुनाव जीतना या हारना देश को मजबूत करने से कम महत्वपूर्ण नहीं है|”
4. “मैंने एक लंबा जीवन जीया है, और मुझे गर्व है कि मैंने अपना पूरा जीवन अपने लोगों की सेवा में बिताया है| मुझे सिर्फ इसी बात पर गर्व है और कुछ नहीं, की मैं अपनी आखिरी सांस तक सेवा करती रहूंगी और जब मैं मरूंगी, तो मैं कह सकती हूं कि मेरे खून की हर बूंद भारत को सशक्त और मजबूत करेगी|”
5. “शहीदों की जान की कीमत पैसों से नहीं आंकी जा सकती, उनका बलिदान प्रतिकर से परे है| लेकिन एक कृतज्ञ राष्ट्र अपनी पत्नियों और बच्चों के कष्टों को कम करने के लिए अपने ऋण और अपने दायित्व को याद रखता है|” -इंदिरा गांधी
6. “शहादत से कुछ ख़त्म नहीं होता, यह केवल एक शुरूआत है|”
7. “विकासशील देशों की पर्यावरणीय समस्याएँ अत्यधिक औद्योगीकरण के दुष्प्रभाव नहीं हैं, बल्कि विकास की अपर्याप्तता को दर्शाती हैं|”
8. “आजादी के लिए लड़ने वाले सभी लोग मेरे नायक थे| मेरा मतलब है, यह उस तरह की कहानी थी जिसे पढ़ना मुझे पसंद आया, स्वतंत्रता संघर्ष वगैरह|”
9. “एक देश की शक्ति इससे नही आंकी जाती की उसमे दुसरे देशो से क्या उधर लिया है| बल्कि इससे आंकी जाती है एक देश ने खुद क्या प्राप्त किया है|”
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10. “जब कभी भी आप एक कदम आगे बढ़ाएंगे, तो आपके रास्ते में मुश्किलें तो आयेंगी ही|” -इंदिरा गांधी
11. “आपको किसी भी क्रिया के मध्य में रहना चाहिये और प्रतिक्रिया देते समय जोश से भरा हुआ होना चाहिये|”
12. “क्षमा ही बहादुर व्यक्ति का सबसे बड़ा गुण है|”
13. “शिक्षा एक मुक्त फ़ोर्स की तरह है और हमारी उम्र में तो ये एक प्रजातांत्रिक फ़ोर्स की तरह है, हमे जाती और धर्म के भेदभाव को भूलकर एकता के साथ रहना चाहिये|”
14. “गुस्सा कभी भी बिना तर्क के नहीं होता, लेकिन शायद ही कभी किसी अच्छे तर्क के साथ होता है|”
15. “कार्रवाई के प्रति पूर्वाग्रह रखें – देखते हैं अब कुछ होता है| आप उस बड़ी योजना को छोटे-छोटे चरणों में तोड़ सकते हैं और पहला कदम तुरंत उठा सकते हैं|” -इंदिरा गांधी
16. “उन मंत्रियों से सावधान रहना चाहिए जो पैसे के बिना कुछ नहीं कर सकते, और जो पैसे से सब कुछ करना चाहते हैं|”
17. “लोग अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं लेकिन अपने अधिकारों को याद रखते हैं|”
18. “जहां इच्छा नहीं, वहां प्रेम नहीं|”
19. “मेरे पिता एक राजनेता थे, मैं एक राजनीतिक महिला हूं| मेरे पिता एक संत थे, पर मैं नही|”
20. “कभी भी किसी दीवार को तब तक ना गिराओ, जब तक कि आपको ये पता ना हो कि यह किस काम के लिए खड़ी की गई थी|” -इंदिरा गांधी
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