टीचर या अध्यापक एक बेहतरीन करियर विकल्प है, खासकर भारत जैसे देश में जहां शिक्षा विकास और आधुनिकीकरण के लिए मूलभूत आवश्यकता है। शिक्षक जादूगर होते हैं, जिन्हें लगातार अपने छात्रों को चुनौती देना, प्रेरित करना और बढ़ावा देना होता है। एक शिक्षक की भूमिका न केवल छात्रों को ज्ञान पढ़ाना है, बल्कि वे छात्रों के आत्म-सम्मान का निर्माण करने और उनके नैतिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार हैं।
शिक्षा के सभी स्तरों पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की मांग अधिक है। लेकिन हमें यह भी नही भूलना चाहिए की भारत योग्य शिक्षकों की कमी का सामना कर रहा है। इसलिए जो प्रशिक्षक एक टीचर या अध्यापक के रूप में अपना करियर स्ट्रीम विकल्प चुनने के इच्छुक हैं, उन्हें इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि एक योग्य शिक्षक कैसे बनें।
टीचिंग में करियर
आज के आर्थिक उदारीकरण के बाद से सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों में बहुत सी टीचर के लिए नौकरियों उपलब्ध है। देश के दूर दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्कुल, कॉलेज, तकनीकी संस्थान और यूनिवर्सिटीज खुल रही है। तो जाहिर है कि इन संस्थानों मे योग्य. अनुभवी और प्रोफेसनल शिक्षकों की मांग भी बढती जा रही है।
यदि आप भी इस पेशे में रूचि रखते है तो आप को टीचर बनने के लिए शिक्षण पाठ्यक्रम, योग्यता और योग्यता की परीक्षा को स्पस्ट करना होगा। 12 वीं के बाद कुछ कोर्सिज कर सकते है। स्नातक के बाद भी टीचर (Teacher) बनने के लिए कोर्सिज होते है। आइए हम भारत में उपलब्ध कुछ प्रसिद्ध शिक्षण पाठ्यक्रमो पर नजर डालते है। जिसके द्वारा आप एक शिक्षक बन सकते है।
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टीचर बनने के लिए कोर्स
बीए+बीएड एकीकृत पाठ्यक्रम
बैचलर आफ एजुकेशन (B.ED) यह एक डिग्री है| यह एक स्नात्कोत्कर पाठ्यक्रम है। जिसके पूरा करने पर आप टीचर के योग्य हो जाते है। सरकार ने एकीकृत कार्यक्रम करने का निर्णय लिया ताकि शिक्षकों की कमी को पूरा किया जा सके।
यह कोर्स बैचलर ऑफ़ आर्ट्स और बैचलर आफ एजुकेशन दोहरी डिग्री का एक सयोंजन है। व्यक्तिगत विरीयता के आधार पर कोई एक विषय चुन सकता है और इस एकीकृत कोर्स को कर सकता है। शिक्षा के क्षेत्र में आने के लिए यह कोर्स बहुत लोकप्रिय है।
अवधि- कोर्स की अवधि 4 साल है जो 4 शैक्षणिक वर्षो के कार्यक्रम में विभाजित है।
पात्रता- अंग्रेजी विषय के साथ 10+2 होना चाहिए 50% अंको के साथ, डी ईडी योग्यता वाले इस कार्यक्रम मे दुसरे शैक्षणिक सत्र में सीदे प्रवेश कर सकते है।
बी एससी+बी ईडी एकीकृत पाठ्यक्रम
बैचलर आफ एजुकेशन, यह बी एससी का सयोंजन है। आप कोई भी एक विषय लेकर कर सकते हो। इस कोर्स के बाद आप के पास नौकरी के सीनियर सेकेंडरी तक बहुत विकल्प मोजूद होते है।
अवधि- चार वर्ष
पात्रता- 10+2 विज्ञान विषयों सहित 50% अंक अनिवारिय होते है।
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बी ईएल ईडी पाठ्यक्रम
बैचलर आफ एलीमेंट्री एजुकेशन (B. EL. ED) यह एक प्राथमिक टीचर प्रशिक्षण पाठ्यक्रम कार्यक्रम है। इस पाठ्यक्रम को विधार्थियों को प्रशिक्षित करने और प्राथमिक स्कुल टीचर की भूमिका निभाने में सक्षम बनाने के लिए मंसूबा किया गया है। यह कोर्स सिधांत और व्यवहारिक पाठ्यक्रमों का एक सयोंजन है।
अवधि- कोर्स की अवधि चार वर्ष है, सिधान्त भाग 3 वर्ष और 1 व्यवहारिक पाठ्यक्रम के लिए।
पात्रता- किसी भी विषयों के साथ 10+2 न्यूनतम अंक 50% होने चाहिए।
डी ईएल ईडी कोर्स
डिप्लोमा आफ एलेमंट्री एजुकेशन (D EL ED) यह एक प्राथमिक टीचर प्रशिक्षण डिप्लोमा प्रमाणपत्र कार्यक्रम है। यह पाठ्यक्रम विधार्तियों को प्रशिक्षित करता है और आप को प्राथमिक स्कुल शिक्षक की भूमिका निभाने मे सक्षम बनाता है।
अवधि- पाठ्यक्रम की अवधि 2 वर्ष
पात्रता- 10+2 किसी भी विषय के साथ न्यूनतम अंक 50% होने चाहिए।
बी पी ईडी कोर्स
बैचलर आफ फिजिकल एजुकेशन (B. P. ED Course) यह BPT पाठ्यक्रम के रूप मे भी जाना जाता है। यह एक स्नातक डिग्री कार्यक्रम है, जो शारीरिक शिक्षा पर केन्द्रित है।
अवधि- पाठ्यक्रम की अवधि 3 वर्ष है।
पात्रता- किसी भी विषय के साथ 10+2 और न्यूनतम 50% अंको के साथ।
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डीपीई पाठ्यक्रम
डिप्लोमा ऑफ़ फिजिकल एजुकेशन (DPE Course) यह एक स्नातक डिप्लोमा प्रमाणपत्र कार्यक्रम है। जो शारीरिक शिक्षा पर केन्द्रित है।
अवधि- इस पाठ्यक्रम की अवधि 2 वर्ष है।
पात्रता- किसी भी विषय के साथ 10+2 और न्यूनतम 50% अंक के साथ।
बी ईडी पाठ्यक्रम
बैचलर ऑफ़ एजुकेशन (B. ED Course) यह एक स्नात्कोत्कर पाठ्यक्रम है। स्नातक अपनी स्नातक बैचलर डिग्री पूरा करने के बाद इस पाठ्यक्रम के योग्य हो जाता है। उसके बाद वह माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर एक टीचर की भूमिका निभा सकता है। स्नातकोत के बाद ही आप इस पाठ्यक्रम के योग्य बनते है।
अवधि- 2 वर्ष
पात्रता- बीससी, बीए और बीकॉम डिग्री और न्यूनतम 50% अंक के साथ।
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डिप्लोमा द्वारा टीचर करियर
कुछ महत्वपूर्ण डिप्लोमा जिनको करने के बाद भी आप टीचर या अध्यापक बन सकते है, जैसे-
1. बीटीसी (मूल प्रशिक्षण प्रमाणपत्र) BTC (Basic Training Certificate)
2. पीटीसी (प्राथमिक शिक्षक प्रमाणपत्र) PTC (Primary Teacher Certificate)
3. ईटीई (प्राथमिक शिक्षक शिक्षा) ETE (Elementary Teacher Education)
4. एनटीटी (नर्सरी टीचर ट्रेनिंग) NTT (Nursery Teacher Training)
5. डीईडी (शिक्षा में डिप्लोमा) DED(Diploma in Education)
6. टीटीसी (शिक्षक परीक्षण प्रमाणपत्र) TTC (Teacher Training Certificate)
7. जेबीटी (जूनियर बैसिक ट्रेनिंग) JBT (Junior Basic Training)
उपर्युक्त सभी पाठ्यक्रम या तो प्रमाणपत्र या डिप्लोमा कार्यक्रम है| इन सभी पाठ्यक्रमों में नौकरी की रूप रेखा लगभग समान ही है| इन सभी में से किसी एक को पूरा करने के बाद आप प्राथमिक स्तर के टीचर बन सकते है|
अवधि- पाठ्यक्रम की अवधि 2 वर्ष है।
पात्रता- 10+2 किसी भी विषय के साथ न्यूनतम अंक 50% होना चाहिए।
नोट- अंक प्रतिशत अलग अलग संस्था के अलग-अलग हो सकते है।
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टीचर पात्रता परीक्षा
टीचर या अध्यापक बनने के लिए पाठ्यक्रम (Course) करना ही काफी नही है। कुछ परीक्षाएं भी पास करना जरूरी होता है वो परीक्षाएं इस प्रकार है, जैसे-
टीईटी पात्रता परीक्षा
भारत के अधिकतर राज्यों में इस परीक्षा का आयोजन बीएड और डीएड पाठ्यक्रम वालो के लिए होता है। बीएड करने के बाद टीचर बनने के लिए इस परीक्षा का पास करना अनिवार्य है। जिसका बीएड का रिजल्ट नही आया है, वे उम्मीदवार भी इसमें भाग ले सकते है। इस परीक्षा को पास करने के बाद सरकार एक सर्टिफिकेट देती है। जिसकी वैधत निश्चित होती है| उस समय के अंदर उम्मीदवार शिक्षक के लिए आवेदन कर सकता है।
सीटीईटी पात्रता परीक्षा
यह परीक्षा CBSC की और से आयोजित करवाई जाती है। केंद्रीय विधालय, दिल्ली क्षेत्र के अधीन स्कुल, तिब्बती स्कुल और नवोदय विधालयों में टीचर बनने के लिए इस परीक्षा का पास करना जरूरी है। इसके वैधता 7 साल के लिए है। इसमें स्नातक और बीएड उम्मीदवार भी हिस्सा ले सकते है। इस परीक्षा में 60% अंक वाले उम्मीदवार को ही पास माना जाता है। उसके बाद ही उम्मीदवार को नौकरी के लिए आवेदन करने का सर्टिफिकेट मिलता है, राज्य सरकार इसको मान्यता नही देती।
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टीजीटी और पीजीटी
टीजीटी के लिए स्नातक और बीएड होना जरूरी है तो पीजीटी के लिए पोस्ट ग्रेजुएट और बीएड डिग्री होना अवश्यक है। यह परीक्षा राज्य स्तर पर आयोजित होती है| मुख्य रूप से दिल्ली और उत्तर प्रदेश मे यह परीक्षा लोकप्रिय है। टीजीटी पास टीचर 6th से 10th कक्षा तक पढ़ते है तो पीजीटी वाले शिक्षक सेकेंडरी और सीनयर सेकेंडरी के विधार्थियों को पढ़ते है।
यूजीसी नेट (UGC Net)
यह परीक्षा साल में दो बार दिसम्बर और जून में आयोजित की जाती है, नेट परीक्षा में 3 पेपर होते है। उम्मीदवार हिंदी और अंग्रेजी किसी भी भाषा में परीक्षा दे सकता है। पहले पेपर में रीजनिंग, सामान्य ज्ञान और शिक्षण योग्यता के प्रश्न होते है बाकि दो पेपर में चुने गये विषय से सम्बंधित प्रश्न होते है। यह परीक्षा किसी भी कोलेज में लेक्चचर की नौकरी पाने के लिए जरूरी होती है।
कुछ एडवांस कोर्स होते है वो इस प्रकार है- M. ED, M. PHIL, M. SC और MA।
तो इन सब में से किसी एक प्रक्रिया के माध्य से आप टीचर या अध्यापक की नौकरी प्राप्त कर सकते है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न? (FAQs)
आपको एक शिक्षण विषय (गैर-पेशेवर, डिग्री पाठ्यक्रम) में स्नातकोत्तर डिग्री और शिक्षा स्नातक (बीएड) डिग्री की आवश्यकता है। आप किसी भी विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन कर सकते हैं।
टीचर या अध्यापक बनने में आमतौर पर चार से पांच साल लगते हैं। यह स्नातक की डिग्री को पूरा करने के लिए आवश्यक समय की लंबाई है, जो शिक्षकों के लिए न्यूनतम योग्यता है, चाहे वे प्राथमिक, मध्य विद्यालय या हाई स्कूल में पढ़ा रहे हों।
सभी पब्लिक स्कूलों में शिक्षकों के पास कम से कम स्नातक की डिग्री होना आवश्यक है। उदाहरण के लिए, यदि आप प्रीस्कूल या प्राथमिक स्कूल शिक्षक बनना चाहते हैं, तो कई विश्वविद्यालय और कॉलेज शिक्षा में स्नातक की डिग्री प्रदान करते हैं, जिसमें प्रारंभिक बचपन की शिक्षा जैसे अधिक विशिष्ट कार्यक्रम शामिल हैं।
ग्रेड स्तर के शिक्षकों के लिए कठिन काम होता है, लेकिन हाई स्कूल के शिक्षकों को दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हाई स्कूल का शिक्षक बनना उतना आसान नहीं है, जितना कि मास्टर ऑफ आर्ट्स इन टीचिंग (MAT) या मास्टर ऑफ एजुकेशन (MEd) की डिग्री हासिल करना और लाइसेंस प्राप्त करना।
टीचर या अध्यापक के लिए विभिन्न कार्य भूमिकाओं में प्राथमिक विद्यालय शिक्षक, प्राथमिक विद्यालय शिक्षक, शैक्षिक सलाहकार, विशेष शिक्षक आदि शामिल हैं।
आमतौर पर एक टीचर या अध्यापक का औसत वेतनमान 3,50,000 से 7,00,000 वार्षिक होता है।
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