भिंडी की उन्नत खेती के लिए उसकी उन्नत किस्मों का चयन करना आवश्यक है| कृषकों को अधिक पैदावार के लिए अपने क्षेत्र की प्रचलित भिंडी की किस्म का चयन करना चाहिए इसके साथ साथ उस किस्म की विशेषताओं और उपज की जानकारी होना भी आवश्यक है| कृषकों की जानकारी के लिए इस लेख में भिंडी की उन्नत किस्मों की विशेषताएं और पैदावार का उल्लेख किया गया है| भिंडी की उन्नत खेती कैसे करें की जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें- भिन्डी की खेती- किस्में, रोकथाम व पैदावार
भिंडी की किस्में और विशेषताएं एवं पैदावार
हिसार उन्नत-
1. इस भिंडी की किस्म के पौधे मध्यम ऊँचाई 90 से 120 सेंटीमीटर और इंटरनोड पासपास होते हैं|
2. पौधे में 3 से 4 शाखाएँ प्रत्येक नोड से निकलती हैं|
3. इस भिंडी की किस्म की पत्तियों का रंग हरा होता हैं|
4. पहली तुड़ाई 46 से 47 दिनों बाद शुरू हो जाती हैं|
5. औसत पैदावार 12 से 13 टन प्रति हेक्टेयर होती हैं|
6. फल 15 से 16 सेंटीमीटर लम्बे हरे और आकर्षक होते है|
7. यह किस्म वर्षा और गर्मियों दोनों समय में उगाई जाती हैं|
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वी आर ओ- 6-
1. इस भिंडी की किस्म को काशी प्रगति के नाम से भी जाना जाता है|
2. यह किस्म येलोवेन मोजेक विशाणु रोग रोधी है|
3. पौधे की औसतन ऊँचाई वर्षा ऋतु में 175 सेंटीमीटर और गर्मी की फसल में कुछ कम रहती है|
4. इंटरनोड पासपास होते हैं|
5. औसतन 38 वें दिन फूल निकलना शुरू हो जाते हैं|
6. गर्मी में इसकी औसत पैदावार 13.5 टन और बरसात में 18.0 टन प्रति हेक्टेयर तक ली जा सकती है|
पूसा ए- 4-
1. यह भिंडी की एक उन्नत किस्म है|
2. यह एफिड और जैसिड के प्रति सहनशील किस्म हैं|
3. यह पीतरोग यैलो वेन मोजैक विशाणु रोधी है|
4. फल मध्यम आकार के गहरे, कम लस वाले, 12 से 15 सेंटीमीटर लंबे और आकर्षक होते है|
5. बोने के लगभग 15 दिन बाद से फल आना शुरू हो जाते है और पहली तुडाई 45 दिनों बाद शुरू हो जाती हैं|
6. इसकी औसत पैदावार ग्रीष्म में 10 टन तथा खरीफ में 15 टन प्रति हेक्टेयर है|
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परभनी क्रांति-
1. इस भिंडी की किस्म पीत-रोगरोधी है|
2. फल बुआई के लगभग 50 दिन बाद आना शुरू हो जाते है|
3. फल गहरे हरे और 15 से 18 सेंटीमीटर लम्बे होते है|
4. इसकी पैदावार 9 से 12 टन प्रति हेक्टेयर है|
पंजाब- 7-
1. इस भिंडी की किस्म भी पीतरोग रोधी है|
2. फल हरे और मध्यम आकार के होते है|
3. बुआई के लगभग 55 दिन बाद फल आने शुरू हो जाते है|
4. इसकी पैदावार 8 से 12 टन प्रति हेक्टेयर है|
अर्का अनामिका-
1. इस भिंडी की किस्म येलोवेन मोजेक विशाणु रोग रोधी है|
2. इसके पौधे ऊँचे 120 से 150 सेंटीमीटर सीधे व अच्छी भााखा युक्त होते हैं|
3. फल रोम रहित मुलायम गहरे हरे और 5 से 6 धारियों वाले होते हैं|
4. फलों का डंठल लम्बा होने के कारण तोड़ने में सुविधा होती हैं|
5. यह किस्म दोनों ऋतुओं में उगााई जा सकती हैं|
6. इस भिंडी किस्म की पैदावार 12 से 15 टन प्रति हेक्टेयर हैं|
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वर्षा उपहार-
1. इस भिंडी की किस्म येलोवेन मोजेक विशाणु रोग रोधी है|
2. पौधे मध्यम ऊँचाई 90 से 120 सेंटीमीटर और इंटरनोड पासपास होते हैं|
3. पौधे में 2 से 3 शाखाएँ प्रत्येक नोड से निकलती हैं|
4. पत्तियों का रंग गहरा हरा, निचली पत्तियां चौडी और छोटे छोटे लोब्स वाली तथा ऊपरी पत्तियां बडे लोब्स वाली होती हैं|
5. वर्षा ऋतु में 40 दिनों में फूल निकलना शुरू हो जाते हैं और फल 7 दिनों बाद तोडे जा सकते हैं,फल चौथी पांचवी गाठों से पैदा होते हैं|
6. औसत पैदावार 9 से 10 टन प्रति हेक्टेयर होती हैं|
7. इसकी खेती ग्रीश्म ऋतु में भी कर सकते हैं|
अर्का अभय-
1. यह किस्म येलोवेन मोजेक विशाणु रोग रोधी है|
2. इसके पौधे की ऊचाई 120 से 150 सेंटीमीटर सीधे और अच्छी भााखा युक्त होते हैं|
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हिसार नवीन-
1. इस किस्म में रोग रोधक क्षमता अद्भुत है|
2. इसके पत्तों का रंग हल्का पिला होता है|
3. वर्षा ऋतू की यह उत्तम किस्म है|
4. इस किस्म की औसत पैदावार 11 से 12 टन प्रति हेक्टेयर है|
एच बी एच-
1. यह भिंडी की एक संकर किस्म है|
2. यह रोगरोधी और इसके पत्तों का रंग हल्का पिला होता है|
3. यह वर्षा ऋतू की फसल है|
4. इसकी औसत पैदावार 12 से 13 टन प्रति हेक्टेयर है|
पंजाब- 8-
1. यह येलोवेन और मोजेक विषाणु रोगरोधी किस्म है|
2. इस किस्म की पैदावार 10 से 11 टन प्रति हेक्टेयर मानी जाती है|
विशेष- किसान भाईओं की जानकारी के लिए जैसे-जैसे हमें अन्य भिंडी की उन्नत और संकर (हाइब्रिड) किस्मों की जानकारी उपलब्ध होती रहेगी हम उनको इस लेख में उपलब्ध कराते रहेंगे|
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