12वीं के बाद कॉमर्स (Commerce) एक ऐसा विषय है, जो छात्रों के लिए करियर के अनेक विकल्प खोलता है| 12वीं के बाद कॉमर्स से स्नातक कर के एमबीए करने का चलन बहुत पहले से चला आ रहा है| लेकिन 12वीं के बाद कॉमर्स के छात्र इसके आलावा भी अनेक कोर्सेज को विकल्प के तौर पर देख सकते है| बल्कि उनके लिए सरकारी से प्राइवेट सेक्टर में भी नौकरी के बहुत अवसर है|
भारत में ही नही अपितु दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियों में पिछले कुछ समय से सकारात्मक बदलाव हुए है| एक विषय के तौर पर वाणिज्य के लिए और उसके छात्रों के लिए नई सम्भावनाएं बनी है| बिज़नेस ट्रेड बाजार के उतराव चढाव, अर्थशास्त्र की मूल बातें, राजकोषीय नीतियों, औधोगिक नीतियों, शेयर बाजार आदि के ज्ञान से वाणिज्य के छात्रों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हुए है|
इस विषय के छात्र एसएससी, बैंकिंग, रेलवे और सिविल सेवा आदि की प्रवेश परीक्षा में भाग ले सकते है| इसके अलावा पहचान, प्रतिष्ठा और अच्छी आय के साथ प्राइवेट सेक्टर में भी अनेक सुनहरे अवसर होते है| 12वीं के बाद कॉमर्स (Commerce) के बाद आप के पास कई डिग्री कोर्सेज अवसर है, जो इस प्रकार है|
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कॉमर्स स्ट्रीम कोर्स बीकॉम
बी कॉम यानि बैचलर ऑफ कॉमर्स, यह 12वीं के बाद तीन साल का पाठ्यक्रम होता है| तो कॉमर्स (Commerce) के छात्रों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है| इस डिग्री की मदद से आप अकाउंटिंग फाइनेंस, ऑपरेशनस, टेक्सेसंन और दुसरे अनेक फिल्ड में अपना करियर बना सकते है|बीकॉम में छात्रों को अकाउंटिंग, अकाउंटेंट, लाभ व हानि और कम्पनी के कानून की जानकारी दी जाती है|
बीकॉम (B. Com) ऑनर्स
12वीं के बाद बीकॉम ऑनर्स यानि बैचेलर ऑफ कॉमर्स (ऑनर्स), आमतौर पर छात्र बीकॉम और बीकॉम (ऑनर्स) में अंतर समझ पाते और भ्रमित हो जाते है| बीकॉम ऑनर्स 3 साल का डिग्री कोर्स है, इसमें 40 विषय होते है| छात्रों को इन विषय के आलावा एक विशेष विषय करवाया जाता है|विशेष के लिए छात्र मार्किटिंग मैनेजमेंट, एकाउंटिंग और फाइनांससल मैनेजमेंट इंटरनेशनल ट्रेड व फाइनांस, ई कॉमर्स, बैंकिंग व रिसोर्स मैनेजमेंट में से कोई एक विषय चुन सकते है|
बीकॉम- एकाउंटिंग और फईनांस
बीकॉम एकाउंटिंग एंड फाइनांस यानि बैचलर ऑफ कॉमर्स इन एकाउंटिंग व फाइनांस, 12वी के बाद 3 साल का डिग्री कोर्स है| इस कोर्स के बाद एकाउंटिंग और फाइनांस मेंकरियर के काफी मौके होते है| शुरुवाती समय में आप ट्रेनर के तौर पर काम कर सकते है| इस डिग्री प्रोग्राम में आप को अकाउंट, फाइनांस और टेक्स्सेसं जैसे करीब 39 विषय पढ़ाए जाते है| इस पाठ्यक्रम में फाइनांस ज्यादा पढ़ाया जाता है|
बीकॉम- बैंकिंग एंड इंश्योरेंस
12वीं के बाद बीकॉम- बैंकिंग एंड इंश्योरेंस यानि बैचलर ऑफ कॉमर्स बैंकिंग एंड इंश्योरेंस, यह कॉमर्स (Commerce) की अकादमिक और प्रोफेसनल दोनों प्रकार की डिग्री है| इस कोर्स में एकाउंटिंग, बैंकिंग, इंश्योरेंस लॉ, बैंकिंग लॉ, और इंश्योरेंस के रिस्क और कवर की जानकारियां दी जाती है|
इसमें विषयों की सिस्टेमेटिक पढाई करवाई जाती है| इस कोर्स में 38 विषय होते है| इसके साथ साथ बैंकिंग और इंश्योरेंस से जुड़े दो प्रोजेक्ट भी होते है| इस कोर्स को करने के बाद छात्र एमकॉम, एमबीए, सीएएफए जैसे महत्वपूर्ण कोर्स कर सकते है| वही इस कोर्स के बाद प्राइवेट सेक्टर में नौकरी की भरमार होती है|
कॉमर्स से सीडब्लूए
12वीं के बाद सीडब्लूए यानि कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट, कॉमर्स (Commerce) में यह चौरस सीए से मिलता जुलता है| 12 वीं के बाद भी छात्र (ICWA) का कोर्स कर सकते है| इसके लिए 12वीं पास छात्र को पहले फाउंडेशन कोर्स करना होता है| कोर्स पूरा करने के बाद छात्र को अकाउंटेंट और उससे जुड़े पदों पर काम करने का मौका मिलता है|
इसके लिए पहले द इंस्टिट्यूट ऑफ कॉस्ट एंड वर्क अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया में एंट्रेंसे परीक्षा के लिए आवेदन करना होता है| प्रवेश के लिए जून और दिसम्बर में परीक्षा होती है| फाउंडेशन कोर्स के बाद इंटरमिडीएट कोर्स करना होता है| और फिर सीए की तरह फाइनल परीक्षा होने के बाद कोर्स पूरा होता है|
बीकॉम फ़ाइनान्शियल मार्केट्स
बैचलर ऑफ कॉमर्स इन फ़ाइनान्शियल मार्केट्स में फाइनांस, इन्वेस्टमेंट, स्टॉक्स मार्केट, कैपिटल और म्यूचल फंड के बारे में जानकारी दी जाती है| इस कोर्स में 6 समेस्टर होते है, और 41 विषयों की पढाई होती है| इस डिग्री को प्राप्त करने के बाद आप ट्रेनर एसोसिएट, फाइनांस ऑफिसर, फाइनांस कंट्रोलर, फाइनांस प्लानर, रिस्क मैनेजमेंट और मनी मार्केट डीलर की नौकरी मिल सकती है|
कॉमर्स से सीए
12वीं के बाद सीए यानि चार्टर्ड अकाउंटेंट, द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट ऑफ इंडिया (आईसीएआई) चार्टर्ड अकाउंट का कोर्स करवाता है| सीए में करियर बनाने के लिए इसकी शुरुवात कॉमन प्रोफिसियंसी टेस्ट (CPT) से होती है| जिसे पास करने के बाद ही छात्र अपने दुसरे पड़ाव की तरफ बढ़ सकता है|
इसमें चार विषय एकाउंटिंग, मर्केटाइल लॉ, जरनल इक्नोमिक्स और क्वांटिटेटिव एप्टीट्युड शामिल होते है| मान्यता प्राप्त बोर्ड कॉमर्स (Commerce) स्ट्रीम का कोई भी छात्र सीए में अपना करियर बना सकता है| इसके लिए उसकी एकाउंटिंग में मजबूत पकड़ और एक्सपर्ट व्यू का होना आवश्यक है|
कॉमर्स से सीएस
12वीं के बाद सीए यानि कंपनी सेक्रेटरी, इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया (आईसीएसआई) देश में कंपनी सेक्रेटरी कोर्सेज चलता है| साइंस, कॉमर्स और आर्ट्स जिसमें फाइन आर्ट्स शामिल न हो 12वीं के बाद कंपनी सेक्रेटरी के लिए आवेदन कर सकते है| इसके तीन चरण होते है| फाइन आर्ट्स को छोडकर किसी भी स्ट्रीम का छात्र सीए का कोर्स कर सकता है|
स्नातक उम्मीदवार को आठ महीने की छुट होती है, उसकों फाउन्डेशन कोर्स से छुट होती है| और उन्हें सीधे दुसरे चरण में प्रवेश मिल जाता है| सीए बनने के लिए किसी कम्पनी या अनुभवी सीए के साथ 16 महीनें की ट्रेनिंग आवश्यक होती है| उसके बाद आप आईसीएसआई के एसोसिएट सदस्य बन जाते है|
कॉमर्स से बीबीए
हालाँकि किसी भी स्ट्रीम से 12वीं करने वाले छात्र बीबीए कर सकते है| लेकिन 12वीं के बाद कॉमर्स (Commerce) छात्रों के बिच यह कोर्स खासा लोकप्रिय है| यह तीन साल का कोर्स है, जिसमें छात्रों को बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेसन के गुर सिखाए जाते है| इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्र विभिन्न कंपनीज में एचआर, फाइनांस, सेल्स और मार्केटिंग डिपार्टमेंट के लिए आवेदन कर सकता है|
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