सरसों वर्गीय फसल हमारे देश की तिलहन अर्थव्यवस्था में मुख्य भूमिका निभाती है| इन फसलों की बढ़ोतरी का सीधा असर दुर्लभ विदेशी मुद्रा की बचत में होता है| इन फसलों में तोरिया, पीली व भूरी सरसों, गोभी सरसों, कर्ण राई, राया (भारतीय सरसों) व तारामीरा हैं| सरसों का तेल स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता [Read More] …
फ्रेंचबीन (फ्रांसबीन) की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
दलहनी कुल की सब्जियों में फ्रेंचबीन (फ्रांसबीन) का प्रमुख स्थान है| इसकी खेती हमारे देश के सम्पूर्ण मैदानी क्षेत्रों में सर्दियों के मौसम में व पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मियों के मौसम में की जाती है| दक्षिणी भारत में इसकी खेती पूरे वर्ष की जाती है| फ्रेंचबीन (फ्रांसबीन) की हरी फलियों का उपयोग सब्जी के रूप [Read More] …
फ्रेंच बीन फसल के कीट एवं रोग और उनकी की रोकथाम कैसे करें
फ्रेंच बीन की फसल दलहनी और फलियों वाली सब्जियों में अपना प्रमुख स्थान रखती है| फ्रेंच बीन की फसल से अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए इस फसल की अन्य कृषि क्रियाओं के साथ-साथ कीट एवं रोगों की रोकथाम भी आवश्यक है| इस फसल को हानी पहुँचाने वाले अनेक कीट और रोग है, लेकिन फ्रेंच [Read More] …
फ्रांसबीन (फ्रेंचबीन) की जैविक खेती: किस्में, देखभाल और उत्पादन
फ्रांसबीन (फ्रेंचबीन) की जैविक खेती इसके उत्पादकों के लिए वरदान सिद्ध हो सकती है| क्योंकि यह दोहरे लाभ वाली फसल है| इसकी हरी फलियों का उपयोग सब्जी में जबकि पके दानों का दाल के लिए होता है और फ्रांसबीन (फ्रेंचबीन) में मुख्यत: पानी, प्रोटीन, कुछ मात्रा में वसा तथा कैल्सियम, फास्फोरस, आयरन, कैरोटीन, थायमीन, राइबोफ्लेविन, [Read More] …
फ्रांसबीन फसल के रोग एवं कीट और उनका जैविक नियंत्रण कैसे करें
फ्रांसबीन (फ्रेंचबीन) की जैविक फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए रोग एवं कीट से होने वाली हानी की रोकथाम जरूरी है| फ्रांसबीन (फ्रेंचबीन) फसल के रोगों में जड़ सड़न तथा अंगमारी, श्याम वर्ण, पत्तों का कोणदार धब्बा, फ्लावरी लीफ स्पॉट, क्राऊन सड़न, जीवाणु अंगामरी और मौजेक आदि प्रमुख है, जबकि कीटों में माईट, [Read More] …
फ्रेंचबीन की किस्में | फ्रेंचबीन की सबसे अच्छी किस्में कौन सी है?
पहाड़ी क्षत्रों में गर्मी और मैदानी क्षेत्रों में सर्दी की सब्जी और दलहनी फसलों में फ्रेंचबीन (फ्रांसबीन) का प्रमुख स्थान है| फ्रेंचबीन की खेती से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए उसकी उन्नत किस्मों का प्रयोग करना चाहिए| इसके साथ-साथ अपने क्षेत्र की प्रचलित और अधिकतम पैदावार देने वाली तथा विकार रोधी किस्म का चयन [Read More] …
कुंदरू की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, पोषक तत्व, देखभाल, उपज
कुंदरू एक लतावाली बहुवर्षीय सब्जी की फसल है, जो कि किसी सहारे के साथ तेजी से बढ़ती है| यह अधिकतर गृह वाटिका में भारत के सभी हिस्सों में उगायी जाती है| कम ठंड पड़ने वाले स्थानों पर यह लगभग सालभर फल देती है| परन्तु जिन स्थानों पर ज्यादा ठंडक पड़ती है, वहां पर यह फसल [Read More] …
चप्पन कद्दू की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और उत्पादन
ग्रीष्म व जायद ऋतू में उगाई जाने वाली कद्दू वर्गीय सब्जियों में चप्पन कद्दू बहुत ही महत्वपूर्ण है| जबकि पॉली हाउस या ग्रीन हाउस में इसकी खेती वर्ष भर की जाती है| यह कुकुरबिटेसी कुल के अन्तर्गत आती हैं| चप्पन कद्दू की खेती उत्तर भारत के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर की [Read More] …
ककड़ी की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, पोषक तत्व, देखभाल, पैदावार
जायद ऋतू में उगाई जाने वाली कद्दू वर्गीय सब्जियों में ककड़ी बहुत ही महत्वपूर्ण है| यह कुकरबिटेसी परिवार से संबंधित है एवं इसका बानस्पतिक नाम कुकमिस मेलो है| इसका मूल स्थान भारत है| यह हल्के हरे रंग की होती है, जिसका छिल्का नर्म और गुद्दा सफेद होता है| इसे मुख्य रूप से कच्ची अवस्था में [Read More] …
चिकनी तोरई की खेती: किस्में, सिंचाई, पोषक तत्व, देखभाल, पैदावार
चिकनी तोरई कद्दूवर्गीय सब्जियों में अत्यन्त ही महत्वपूर्ण स्वास्थवर्धक और पौष्टिक गुणों से भरपूर सब्जी है| इसका अंग्रेजी नाम स्पान्ज गार्ड एवं वानस्पतिक नाम लूफा सिलेन्ड्रिका या लूफा इजिप्टिका है| इसकी खेती देश के लगभग सभी राज्यों में सुगमता पूर्वक की जाती है| चिकनी तोरई के कोमल मुलायम फलों को सब्जी के लिए उपयोग में [Read More] …