ग्रीनहाउस या पॉलीहाउस में रंगीन शिमला मिर्च सर्वाधिक उगाई जाने वाली सब्जी है| जबकि टमाटर व खीरा क्रमश: दूसरे तथा तीसरे स्थान पर आते हैं| पॉलीहाउस के अंदर उगाई जाने वाली शिमला मिर्च बाहर खेतों में उगाई जाने वाली शिमला मिर्च से कई बातों में भिन्न है, जैसे फसल की उम्र, तुड़ाई का समय इत्यादि| [Read More] …
शिमला मिर्च की उन्नत किस्में: जाने विशेषताएं और पैदावार
शिमला मिर्च की फसल से भरपूर उपज के लिए उसकी उन्नत या संकर किस्मों का चयन करना आवश्यक है| शिमला मिर्च उत्पादकों की अच्छे उत्पादन के लिए अपने क्षेत्र की प्रचलित किस्म का चयन करना चाहिए, इसके साथ साथ उस किस्म की विशेषताओं तथा उपज की जानकारी होना भी आवश्यक है| कृषकों की जानकारी के [Read More] …
पॉलीहाउस में टमाटर व शिमला मिर्च के कीट का एकीकृत प्रबंधन
पॉलीहाउस में टमाटर और शिमला मिर्च का पुरे साल उत्पादन किया जा सकता है| इस पॉलीहाउस तकनीक द्वारा उगाई गई टमाटर व शिमला मिर्च की गुणवता बहुत अच्छी होती है एवं अच्छे भाव भी मिलते हैं, खासकर जब बेमौसम में इनकी काश्त की जाये| इसलिए यह तकनीक हमारे देश में टमाटर व शिमला मिर्च उत्पादकों [Read More] …
पॉलीहाउस में शिमला मिर्च और टमाटर के रोग का एकीकृत प्रबंधन
पॉलीहाउस में शिमला मिर्च और टमाटर का वर्षभर उत्पादन किया जा सकता है| इस पॉलीहाउस तकनीक द्वारा उगाई गई शिमला मिर्च व टमाटर की गुणवता बहुत अच्छी होती है तथा अच्छे भाव भी मिलते हैं, खासकर जब बेमौसम में इनकी खेती की जाये| इसलिए यह तकनीक हमारे देश में शिमला मिर्च व टमाटर उत्पादकों के [Read More] …
पॉलीहाउस में सब्जियों के कीट और रोग नियंत्रण हेतु भूमि उपचार
पॉलीहाउस में वर्षभर सब्जियों का उत्पादन किया जा सकता है| इस पॉलीहाउस तकनीक द्वारा उगाई गई सब्जियों की गुणवता बहुत अच्छी होती है और अच्छे दाम मिलते हैं, खासकर जब बेमौसम में इनका उत्पादन किया जाये| इसलिए यह तकनीक हमारे देश में सब्जी उत्पादकों के लिए वरदान सिद्ध हो रही है तथा तेजी से प्रचलित [Read More] …
मिर्च व शिमला मिर्च की फसल में समेकित नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें
हमारे देश में उगाई जाने वाली विभिन्न प्रकार की सब्जियों में मिर्च व शिमला मिर्च की फसल का प्रमुख स्थान है| यह लोगों के भोजन का प्रमुख अंग होने के अतिरिक्त, किसानों की आय बढ़ाने में भी मुख्य भूमिका निभाती है| लेकिन मिर्च व शिमला मिर्च का उत्पादकता स्तर काफी कम है| इनके उत्पादन में [Read More] …
करेले की उन्नत व संकर किस्में: जाने विशेषताएं और पैदावार
करेले की खेती के लिए उन्नत या संकर किस्म का सही चुनाव एक महत्वपूर्ण कार्य है| करेले फसल से अधिकतम उपज के लिए उचित पोषक तत्व, समय पर बुआई, पौध संरक्षण के साथ करेले की किस्मों का चयन भी आवश्यक है| करेले की कम पैदावार होना किसानों द्वारा स्थानीय किस्मों को महत्व देना हो सकता [Read More] …
बैंगन की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और पैदावार
बैंगन भारत की मूल फसल है| यह आलू और टमाटर के बाद भारत में तीसरी मुख्य सब्जी है| पूरे विश्व का एक चौथाई बैंगन उत्पादन क्षेत्र भारत में है| बैंगन के बहुत से उपयोग हैं, ज्यादातर इसका अचार और सब्जी के रूप में प्रयोग होता है| चूँकि इसका सीधा संबंध मानव आहर से है| तो [Read More] …
बैंगन की फसल में जैविक विधि से कीट और रोग नियंत्रण कैसे करें
बैंगन की फसल में कीटों एवं रोगों द्वारा काफी नुक्सान होता है| बैंगन की फसल में इन कीट एवं रोगों नियंत्रित करने के लिए किसान बहुत ही जहरीले रासायनिक कीटनाशक का सहारा लेते हैं| किसानों द्वारा इन कीटनाशकों का प्रयोग करने से तीव्र विषैलापन पैदा होता है तथा कटाई के बाद बैंगन में इन कीटनाशकों [Read More] …
बैंगन की संकर व उन्नत किस्में: जाने विशेषताएं और पैदावार
बैंगन की खेती से अधिकतम उपज प्राप्त करने के लिए अनेक संकर व उन्नत किस्में है| लेकिन इसके लिए किसानों को अधिकतम पैदावार देने वाली अपने क्षेत्र की प्रचलित किस्मों का चयन करना आवश्यक है| क्योंकि बैंगन की खेती एक व्यवसाय के रूप में अपना स्थान रखती है| इसका सब्जी उत्पादन में विशेष योगदान है| [Read More] …