भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के कृषि वैज्ञानिको द्वारा गन्ना बीज टुकड़ो को उपचारित करने वाला यन्त्र तैयार किया गया है, जिसको उपयोग में लाकर गन्ने की फसल को अनेक रोगों से बचाया जा सकता है| यह गन्ना उत्पादन बढ़ाने की एक नई तकनीक है| जिससे गन्ना के बीज टुकड़ों को उपचारित कर के स्वस्थ पौध [Read More] …
गन्ना नर्सरी की उन्नत विधियां | गन्ने की नर्सरी कैसे तैयार करें?
गन्ना नर्सरी एक ऐसा स्थल है, जिसके लिये आदर्श जलवायु, भूमि और सिंचाई व्यवस्था आवश्यक है| नर्सरी का उद्देश्य आदर्श और स्वच्छ पौधे तैयार करना है| इसलिए नर्सरी प्रबंध उचित ढंग से करना आवश्यक है| इन गन्ना नर्सरी की उन्नत विधियों की प्रक्रिया के तहत उचित प्रबंध और पौध प्रतिरोपण गन्ना उत्पादन के दो महत्वपूर्ण [Read More] …
गन्ना के बीज का उत्पादन कैसे करें | गन्ने का बीज कैसे तैयार करें?
गन्ना हमारे देश की प्रमुख नकदी फसल है| इसकी अच्छी पैदावार सुनिश्चित करने के लिए गन्ना के बीज का स्वस्थ और शुद्ध होना अत्यंत आवश्यक है| जहां अन्य फसलों जैसे- गेहूं, धान, मक्का, बाजरा, कपास, सरसों आदि में किसान प्रतिवर्ष बाजार से नया बीज खरीद कर उपयोग करते हैं, वही मिल में भेजे जाने वाले [Read More] …
गन्ना बुवाई की उपयोगी विधियाँ? | गन्ने की बुवाई कैसे करें?
हमारे देश को गन्ने की मातृभूमि माना जाता है| इसके अधिक उत्पादन हेतु किसान बन्धुओं को गन्ना बुवाई विधियों पर अपने क्षेत्र और परिस्थितियों के अनुसार ध्यान देना आवश्यक है| इसके लिए गन्ना बुवाई की उस तकनीक का चयन करना चाहिए, जिससे किसानों को कम उत्पादन लागत आये और अतिरिक्त लाभ भी प्राप्त हो| इस [Read More] …
गन्ने की क्षेत्रवार किस्में | गन्ने की सबसे अच्छी किस्में कौन सी है?
गन्ने की उन्नत किस्मों की क्षमता के अनुसार उत्पादन ले पाना तभी संभव है| जब उसके लिए उचित ज्योमित और अनुकूल जल एवं मिटटी प्रबन्धन तथा क्षेत्र की प्रचलित किस्म उपलब्ध हो| गन्ने की आँख के समुचित अंकुरण, जड़ों के विकास तथा फसल की ओज के लिए प्रारम्भिक आवश्यकता है, की गन्ना बुआई के समय [Read More] …
गन्ना की उत्तर पश्चिम क्षेत्र की किस्में: विशेषताएं और पैदावार
भारत की नकदी फसलों में गन्ना की फसल का एक प्रमुख स्थान है| जिसकी खेती अर्ध उष्णकटिबंधीय और कटिबंधीय क्षेत्रों में लगभग 5 मिलियन हैक्टर से भी अधिक क्षेत्रफल में की जाती है| अर्ध उष्णकटिबंधीय क्षेत्र का गन्ने की खेती में 55 प्रतिशत से भी अधिक क्षेत्रफल का योगदान है, हालांकि, उष्णकटिबंधीय भारत के साथ [Read More] …
जूट की उन्नत खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और पैदावार
जूट की खेती के लिए गर्म और नम जलवायु की आवश्यकता होती है| 100 से 200 सेंटीमीटर वर्षा और 24 से 35 डिग्री सेंटीग्रेड तापक्रम उपयुक्त है| जूट के रेशे से ब्रिग बैग्स, कनवास, टिवस्ट और यार्न के अलावा कम्बल, दरी, कालीन, ब्रुश तथा रस्सियां आदि तैयार की जाती है| जूट के डंठल से चारकोल [Read More] …
कृषि रसायनों का सावधानीपूर्वक सुरक्षित उपयोग कैसे करें
कृषि रसायनों (Agricultural chemicals) का उपयोग वर्तमान की आवश्यकता है| क्योंकि आज भी हमारे देश में कृषि 70 प्रतिशत लोगों का व्यवसाय है, और कृषि उत्पादकता वर्तमान में मुख्य चर्चा का विषय बना हुआ है| सभी कृषि वैज्ञानिक उत्पादकता बढ़ाने के सभी संभव प्रयास कर रहें है| क्योंकि हमे इतनी विशाल जनसंख्या के लिए पर्याप्त [Read More] …
नीम आधारित जैविक कीटनाशक कैसे बनाएं; जाने बनाने का तरीका
नीम आधारित जैविक कीटनाशक (बायो पेस्टीसाइड्स) समन्वित कीट प्रबन्धन में फसलों को कीट व्याधि से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण और उपयुक्त घटक मानी गई है| इनके उपयोग से पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाये फसलों के रस चूसने वाले कीटों, मधुआ, थ्रिप्स, सफेद मक्खी इत्यादि पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है| आजकल कई बहुराष्ट्रीय या [Read More] …
अरंडी की उन्नत किस्में | अरंडी की सबसे अच्छी किस्में कौन सी है?
अरंडी वानस्पतिक तेल प्रदान करने वाली खरीफ की एक मुख्य व्यवसायिक फसल है| इसकी उत्तम खेती के लिए अरंडी की उन्नत किस्म का चयन करना आवश्यक है| जिससे इसकी खेती से भरपूर पैदावार प्राप्त हो| इसके लिए किसानों को प्रमाणित और अपने क्षेत्र विशेष की अनुमोदित किस्म का चयन करना चाहिए| इस लेख में अरंडी [Read More] …