बाजरा की जैविक खेती गर्म जलवायु और 50 से 60 सेन्टीमीटर वर्षा वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह से की जा सकती है| बाजरे की फसल अधिक वर्षा वाले उन क्षेत्रों में अच्छी तरह से की जा सकती है जहां पर उचित जल निकास हो| बाजरा की जैविक खेती के लिए उपयुक्त जलवायु बाजरा फसल के [Read More] …
जैविक विधि से कीट और रोग तथा खरपतवार प्रबंधन कैसे करें?
जैविक विधि से कीट एवं रोग और खरपतवार नियन्त्रण अवश्यक है क्यों की वर्तमान खेती में रासायनिक उर्वरक और कीट नाशक रसायनों का प्रयोग दिनों-दिन बढ़ रहा है| इसके परिणामस्वरूप पर्यावरण प्रदूषण एवं भूमि की उर्वरा शक्ति का ह्रास हो रहा है| साथ ही साथ फल, सब्जी तथा अनाज की गुणवत्ता में भी गिरावट आ [Read More] …
जैविक कृषि प्रबंधन के अंतर्गत फसल उत्पादन के बिंदु और लाभ
जैविक कृषि प्रबंधन के अन्तर्गत एक आम धारणा के अनुसार जैविक कृषि का अर्थ है, बिना रसायनिक उत्पादों के खेती करना परन्तु वास्तव में यह एक ऐसी जीवन शैली है| जिसमें प्रकृति के सहयोग से सभी जीव स्वरूपों जैसे पौधे, पशु, मानव आदि के बीच सामंजस्य स्थापित कर बिना किसी बाहरी उत्पादों, की मदद के [Read More] …
बाजरा की उन्नत किस्में | बाजरे की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
भारत में बाजरा खरीफ की बहुत महत्वपूर्ण फसल है| बाजरे की अधिक पैदावार लेने के लिए किसानों को उसको सही समय पर बोने, उपयुक्त खाद देने और समय पर पौध संरक्षण उपाय अपनाने के साथ साथ अपने क्षेत्र की प्रचलित किस्म चुनने की ओर भी विशेष ध्यान देना चाहिये| सामान्य बाजरे की तुलना में संकर [Read More] …
बाजरा में पोषक तत्व प्रबंधन | बाजरे में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें?
आमतौर पर बाजरा की खेती कम उर्वरता की भूमियों में खाद और उर्वरकों का थोड़ी मात्रा में प्रयोग करके उगाई जाती है, परन्तु अच्छी पैदावार प्राप्त करने के उद्देश्य से समुचित मात्रा में सन्तुलित उर्वरकों का प्रयोग आवश्यक होता है| उर्वरकों का प्रयोग मिटटी-परीक्षण के आधार पर किया जाना फायदेमंद है| अखिल भारतीय समन्वित मोटे [Read More] …
हरे चारे के लिए ज्वार की खेती: किस्में, बुवाई, देखभाल और उत्पादन
खरीफ में हरे चारे के लिए ज्वार की खेती सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण है| हरे चारे की ज्वार की किस्मों में एक कटाई से लेकर तीन से चार कटाइयां देने की क्षमता है| गर्मी के मौसम में उगाई गई ज्वार में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए, क्योकि ज्वार के चारे में धुरिन नामक विषैले पदार्थ [Read More] …
मक्का की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और उत्पादन
मक्का की जैविक खेती, भारत में मक्का खरीफ मौसम की एक प्रमुख फसल है| यह एक बहुउपयोगी फसल है, जिसका प्रयोग भोजन एवं अन्य परिष्कृत खाद्य पदार्थ जैसे कार्न फ्लेक्स, पापकोर्न आदि में किया जाता है| खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग होने के कारण यदि इसका जैविक उत्पादन किया जाये तो अधिक लाभ होगा, [Read More] …
बेबी कॉर्न मक्का की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल, उत्पादन
बेबी कॉर्न मक्का का भुट्टा है, जो सिल्क (भुट्टा के ऊपरी भाग में आयी रेशमी कोपलें) की 1 से 3 सेंटीमीटर लम्बाई वाली अवस्था और सिल्क आने के 1 से 3 दिन के अन्दर ऋतु के अनुसार पौधा से तोड़ लिया जाता है| इस अवस्था में दाने अनिषेचित होते हैं| अच्छे बेबी कॉर्न की लम्बाई [Read More] …
स्वीट कॉर्न मक्का की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल, उपज
यह मीठी और स्वादिष्ट एक विशेष प्रकार की मक्का है, जिसका दाना अधिक मीठा होता है| इसे सब्जी और अनेक तरह के पकवान जैसे- स्वीट कॉर्न केक, स्वीट कॉर्न क्रीम स्टाइल इत्यादि बनाने में भी प्रयोग किया जाता है| हरा भुट्टा तोड़ने के तुरंत बाद हरे पौधे को काटकर हरे चारे के रूप में उपयोग [Read More] …
मक्का फसल में कीट रोकथाम | मक्का में कीट नियंत्रण कैसे करें?
मक्का फसल को भी अन्य फसलों की तरह अनेक हानिकारक कीटों द्वारा नुकसान पहुचाया जाता है| किसान भाइयों को मक्का फसल सही समय पर बोने, उन्नत किस्मों का चुनाव करने, उपयुक्त खाद देने और समय पर कीट रोकथाम करने का प्रयास करना चाहिए, ताकि मक्का फसल से अच्छी पैदवार प्राप्त हो सके| इस लेख में [Read More] …