सर्दियों में पशुओं को ठंड लगने की आशंका रहती है, जिससे पशुओं के स्वास्थ्य पर तो विपरीत असर पड़ता ही है, साथ ही साथ दूध उत्पादन भी प्रभावित होता है| इससे पशुपालकों को बहुत हानि उठानी पड़ती है| इस हानि से बचने के लिए पशुओं को सर्दी से बचना बहुत आवश्यक है| सर्दियों में तापमान [Read More] …
चन्द्रशूर की उन्नत खेती: किस्में, बुआई, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
रबी मौसम में बारानी और सिंचित स्थितियों में खेती किये जाने वाला चन्द्रशूर एक बहुत गुणकारी तथा लाभकारी औषधीय पौधा है| सरसों ( क्रुसीफेरी) कुल से संबन्धित इस पौधे को हालिम, हलम, असालिया, रिसालिया, असारिया, हालू, अशेलियो, चनसूर, चन्द्रिका, आरिया, अलिदा, गार्डन-कैस और लेपिडियम सेटाइवम आदि नामों से भी पुकारा जाता है| इसे उत्तर प्रदेश, [Read More] …
मसाले वाली फसलों को अधिक पैदावार के लिए रोगों से ऐसे बचाए
मसालों का भोजन में विशेष स्थान है| मसाले जहां भोजन को स्वादिष्ट बनाते हैं वहीं शरीर के लिए आवश्यक जैव रसायन भी उपलब्ध कराते हैं| जिससे भोजन शीघ्र पचता है, व शरीर स्वस्थ रहता है| जीवन के लिए उपयोगी इन मसाले की फसलों का रोगों से बचाव करना बहुत जरूरी है| सौंफ, अजवायन, जीरा एवं [Read More] …
पॉलीहाउस में बेमौसमी सब्जियों की खेती कैसे करें; आधुनिक तकनीक
सब्जी उत्पादन और आधुनिक बागवानी में पॉलीहाउस का महत्वपूर्ण योगदान है| यदि किसान कुछ विशेष सावधानियों को ध्यान में रखें तो इसमें बेमौसमी सब्जियों की खेती एक वरदान के रूप में सिद्ध हो सकती है| पॉलीहाउस में आमतौर पर सभी सब्जियों को उगाया जा सकता है, किन्तु सब्जियों का चयन पौधों की ऊंचाई, मौसम, सब्जी [Read More] …
पाले एवं सर्दी से फसलों का बचाव कैसे करें; जाने सुरक्षा के उपाय
सर्दी के मौसम में उगाई जाने वाली अधिकांश फसलें सर्दियों में पड़ने वाले पाले एवं सर्दी से प्रभावित होती है| सब्जी और फल इस पाले के प्रति संवेदनशील होते है, जबकि खाद्यान्न फसलें अपेक्षाकृत कम प्रभावित होती है| पाला पड़ने से फसलों को आंशिक या पूर्ण रूप से हानि पहुंचती है| जबकि अत्यधिक पाले एवं [Read More] …
सब्जियों का पाले और शीतलहर से बचाव कैसे करें; उपयोगी उपाय
सब्जियों की फसलों से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए मौसम का सब्जियों फसल के अनुकूल होना बहुत आवश्यक है| मौसम की प्रतिकूल दशाओं जैसे असमय वर्षा , लू चलना, ओले गिरना या पाला पड़ने से फसलों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है| सर्दियों में विशेषकर दिसंबर से जनवरी के महीनों में पाला पड़ता है| इसका [Read More] …
बागों के लिए हानिकारक है शीतलहर और पाला: जाने बचाव के उपाय
बागों के लिए हानिकारक है पाला, आज भारत फलोत्पादन में विश्व में दूसरे स्थान पर है, परन्तु देश में अधिकतर फलों की उत्पादकता बहुत ही कम है| कम उत्पादकता के कई कारण हैं| इन्हीं कारणों में से एक है, उत्तरी भारत के मैदानी क्षेत्रों में पाले का पड़ना| यह बागों में फलों का उत्पादन और [Read More] …
गन्ने में भरपूर पैदावार के लिए न होने दें लौह तत्व की कमी
गन्ने की बढ़वार के लिए 17 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, जिनमें लोहा भी एक तत्व है| लगातार सघन खेती और खादों के असंतुलित प्रयोग से भारत की भूमि में जैविक पदार्थ एवं आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे लोहे की कमी हो रही है| गन्ने की अधिक उपज प्राप्त करने के लिएआवश्यक पोषक तत्व [Read More] …
जौ के प्रमुख रोग की रोकथाम कैसे करें | जौ फसल में रोग नियंत्रण
जौ हमारे देश के शुष्क व अर्द्धशुष्क क्षेत्रों में उगाई जाने वाली प्रमुख रबी फसलों में से एक है| इसे कम पानी एवं नमकीन भूमि में उगाया जा सकता है| जौ फसल को मुख्य रूप से पशुओं को दाने के रूप में खिलाया जाता है| लेकिन अब माल्ट उद्योगों के स्थापित होने से उद्योग जगत [Read More] …
बासमती धान में बकानी रोग की रोकथाम | बकानी रोग क्या है?
धान भारतवर्ष की प्रमुख खाद्यान्न फसल है| देश के कृषि योग्य भूमि के 30 प्रतिशत हिस्से में धान की खेती होती है| बासमती धान की खेती से अधिक लाभ के कारण, बासमती धान के उत्पादन में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिला है| अपने अद्भुत गुणों एवं दानों की पकने की गुणवत्ता के कारण अन्तर्राष्ट्रीय [Read More] …