धान की खेती में जैव नियंत्रण और एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन, परिणाम स्वरूप सघन और एकल खेती तथा रसायनों के अविवेक पूर्ण एवं अत्यधिक प्रयोग से जहां, एक और जैव विविधता का ह्रास हुआ है| वहीं रोग जनकों और कीटों में रसायनों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हुई है| यही कारण है, कि धान की खेती [Read More] …
जैव नियंत्रण एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन | एकीकृत कीट और रोग नियंत्रण
जैव नियंत्रण एकीकृत नाशीजीव नियंत्रण, परिणाम स्वरूप सघन और एकल कृषि तथा रसायनों के अविवेक पूर्ण तथा अत्यधिक प्रयोग से जहां, एक और जैव विविधता का ह्रास हुआ है| वहीं रोग जनकों एवं कीटों में रसायनों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हुई है| यही कारण है, कि निरन्तर रसायनिक दवाओं के प्रयोग के बावजूद कीट [Read More] …
रजनीगंधा की उन्नत खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल, उत्पादन
रजनीगंधा एक बहुपयोगी पौधा है| जिसका पुष्प तथा सुगन्ध उद्योगों में महत्वपूर्ण स्थान है| इस अलंकारिक कन्दीय पौधे के पुष्प सुन्दरता, लालित्य तथा विशिष्ट गन्ध के लिए कर्तित पुष्प के रूप में उपयोगिता के कारण पुष्प उद्योग में प्रचलित तथा प्रसिद्ध हैं| रजनीगंधा के फूल ऐसे समय उपलब्ध होते हैं| जब बाजार में अन्य सजावटी [Read More] …
एमेरीलिस की उन्नत खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल, उत्पादन
एमेरीलिस एक अति सुंदर और आकर्षक कंदीय पुष्प है, तथा एमेरीलिडेसी कुल का सदस्य है| इसका वानस्पतिक नाम एमेरीलिस बैलेडोना या इसे हिपिस्ट्रम भी कहते हैं| इसको कुछ अन्य नामों से भी पुकारा जाता है, जैसे-ट्रमपेट लिली, नाइट स्टार लिली एवं बारडोज लिली आदि| एमेरीलिस का जन्म स्थान साउथ अफ्रीका माना जाता है| एमेरीलिस बहुरंगीय [Read More] …
गुलाब में कीट प्रबंधन कैसे करें | गुलाब में कीट नियंत्रण कैसे करें?
गुलाब में कीट प्रबंधन या नियंत्रण, पुष्प जगत में गुलाब का महत्वपूर्ण स्थान है, गुलाब को फूलों की रानी के नाम से भी जाना जाता है| गुलाब एक कर्तित पुष्प है, जिसका विश्व में व्यापक रूप से व्यापार किया जाता है| कर्तित पुष्पों की मांग, भारत सहित सारे विश्व में 12 से 13 प्रतिशत वार्षिक [Read More] …
गुलाब में रोग प्रबंधन कैसे करें | गुलाब को बीमारी से कैसे बचाएं?
गुलाब में रोग प्रबंधन, गुलाब का फुल पुष्प जगत में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, यह एक कर्तिक पुष्प है, जिसका व्यापार संसार में होता है, इन फूलों की मांग हमारे देश के साथ साथ पुरे विश्व में है| इसकी वार्षिक बढ़ोतरी भी इसके उज्ज्वल भविष्य की तरफ इशारा करती है, भारत में इसकी खेती [Read More] …
प्रमुख सब्जियों में कीट नियंत्रण कैसे करें; जाने आधुनिक उपाय
प्रमुख सब्जियों में कीट नियंत्रण, सब्जियां हमारे प्रति दिन भोजन का एक आवश्यक हिस्सा है| शहरी आबादी में दिनोंदिन बढ़ोत्तरी होने से, शहरों के आस-पास गांवों में साग-सब्जी बोना एक लाभदायक व्यवसाय बन गया है| साग-सब्जियों का संतुलित खाने में अधिक महत्व है| क्योंकि इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, लवणएवं विटामिन प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं| [Read More] …
पपीता में पोषक तत्व प्रबंधन | पपीते के पौधे में कौन सी खाद डालें?
पपीता पोषक तत्वों से भरपूर एव अत्यन्त स्वास्थ्यवर्धक तथा बहुत ही कम समय में तैयार होने वाला फल है| जो बहुत ही स्वादिष्ट तथा रूचिकर होता है| इसका उत्पति स्थान अमेरिका के उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र हैं| लेकिन भारत में इसकी खेती की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है| क्षेत्रफल की दृष्टि से भी यह हमारे [Read More] …
क्षारीय एवं लवणीय मिट्टी में पोषक तत्वों का प्रबंधन कैसे करें?
क्षारीय एवं लवणीय मिट्टी प्राचीन समय से ही भारत में ऊसर (बंजर) या रेह के नाम से जानी जाती है| आज से लगभग 157 वर्ष पहले, नहर द्वारा सिंचाई शुरू होने के उपरान्त से इस समस्या की गम्भीरता को महसूस किया गया, पहली बार एक किसान ने सरकार का ध्यान इस समस्या की ओर आकर्षित [Read More] …
गेहूं की उत्तम पैदावार के लिए मैंगनीज का प्रबंधन कैसे करें?
गेहूं की उत्तम पैदावार के लिए मैंगनीज का प्रबंधन, हमारे देश में गेहूं, धान के बाद दूसरी सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है| भारत में आज कुल 8.59 करोड़ टन से अधिक गेहूं का उत्पादन हो रहा है| गेहूं की औसत उत्पादन 28.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जो कि अनुसंधान संस्थानों के फार्मों पर प्राप्त तथा [Read More] …