बीज उत्पादन की विधियां, जैसा कि हम सभी जानते हैं, कि किसान को खेती करने के लिए बहुत से सामग्री की आवश्यकता होती है| उन सामग्री में एक बहुत ही अहम सामग्री है, बीज क्योंकि जब हमारा बीज ठीक रहेगा तभी फसल उत्पादन दर अच्छी होगी| आमतौर पर यह देखा जा रहा है, कि किसान [Read More] …
धान व गेहूं फसल चक्र में जड़-गांठ सूत्रकृमि रोग की रोकथाम कैसे करें
धान व गेहूं फसल चक्र में जड़-गांठ सूत्रकृमि, धागे की तरह के पादप परजीवी सूक्ष्मजीव होते हैं, जो फसलों की जड़ों पर परजीवी के रूप में रहकर पौधों के भोजन पर ही अपना जीवन निर्वाह करते हैं| सूत्रकृमि पौधों की जड़ों में घाव उत्पन्न करके नई प्रकार की कोशिकायें बनाते हैं| जिससे पौधों में खाद्य [Read More] …
कद्दू वर्गीय सब्जियों की खेती: किस्में, बुवाई, देखभाल और उत्पादन
कद्दू वर्गीय सब्जियाँ गर्मी और वर्षा के मौसम की महत्वपूर्ण फसलें हैं| पोषण की दृष्टि से ये बहुत ही महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनमें बहुत ही आवश्यक विटामिन, खनिज तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं, जो हमें स्वस्थ रखने में सहायक सिद्ध होते हैं| कद्दू वर्गीय सब्जियों की उन्नत किस्में खीरा- पोइंसेट, जापानीज लोंग ग्रीन, [Read More] …
जलवायु परिवर्तन कृषि को प्रभावित कैसे कर रहा है; जाने प्रभाव
जलवायु परिवर्तन, औद्योगिकीकरण तथा बढ़ते वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है| परिणामस्वरूप बढ़ती ग्रीन हाउस गैसों के उत्सजर्न से वैश्विक तापमान में वृद्धि और जलवायु परिवर्तन से समस्त विश्व चिंतित है| चिंता का विषय इसलिए भी है, क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है, एवं भारतीय अर्थ व्यवस्था की आधारशिला खेती ही [Read More] …
फ्लाई ऐश (राख) का खेती में महत्व: आवश्यकता और मिट्टी में उपयोग
फ्लाई ऐश (राख) का खेती में महत्व, हमारा देश खेती प्रधान देश है| जिसमें अधिकांश 70 प्रतिशत जनसंख्या कृषि पर निर्भर है| हमारे देश की बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए खेती में उपज में वृद्धि बहुत ही आवश्यक है| खेती में लगातार विकास और उपज में वृद्धि सिर्फ वैज्ञानिक प्रबंधन के द्वारा ही संभव है| [Read More] …
हरी खाद उगाकर मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाएं
मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बनाये रखने के लिए हरी खाद एक सस्ता और अच्छा विकल्प है| सही समय पर फलीदार पौधे की खड़ी फसल को मिट्टी में ट्रेक्टर से हल चला कर दबा देने की प्रतिक्रिया को हरी खाद कहते हैं| इस लेख में किसान भाइयों की जानकारी के लिए इस खाद के लाभ [Read More] …
राइजोबैक्टीरिया का उपयोग मृदा स्वास्थ्य सुधार हेतु कैसे करें
राइजोबैक्टीरिया का उपयोग, वर्तमान में कृषि में हो रहे रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों के अधांधुध प्रयोग ने पैदावार में वृद्धि के साथ-साथ कई स्वास्थ्य और पर्यावरण समस्याओं को जन्म दिया है| पंजाब के मालवा क्षेत्र में इसका प्रत्यक्ष उदाहरण देखा जा सकता है| जहां कृषि में हो रहे रसायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग ने [Read More] …
कपास फसल की विभिन्न अवस्थाओं के प्रमुख कीट और रोगों का प्रकोप
भारत में कपास फसल का संपूर्ण क्षेत्रफल लगभग 10.26 मिलियन हेक्टेयर है| भारत में बी.टी. कपास फसल की उत्पादकता केवल 580 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है| जबकि विश्व की सामान्य उत्पादकता 740 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है| कपास की फसल की कम पैदावार के लिए जैविक तथा भौतिक कारण उत्तरदायी हैं| जैविक कारणों में कीट, पतंगे कपास [Read More] …
कपास में एकीकृत कीट प्रबंधन | कपास में कीट नियंत्रण कैसे करें
कपास में एकीकृत कीट प्रबंधन, कपास हमारे देश की एक प्रमुख नकदी फसल है| औद्योगिक एवं निर्यात की दृष्टि से कपास हमारे देश की की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| देश के कुल घरेलू उत्पाद में इसका योगदान 3 प्रतिशत, औद्योगिक उत्पाद में 14 प्रतिशत, रोजगार उपलब्धता में 18 प्रतिशत और निर्यात में लगभग [Read More] …
स्वस्थ नर्सरी द्वारा बासमती धान की पैदावार बढ़ाये
स्वस्थ नर्सरी द्वारा तैयार पौध धान या चावल जैसी मुख्य फसल की बढ़वार और विकास का मूल आधार है| खेत में पौधों की उचित संख्या जो स्वस्थ एवं पुष्ट पौध पर निर्भर करती है, स्वस्थ पौधों की रोपाई करने से चावल की उच्च उपज मिलती है एवं चावल उगाने वाले कृषकों को अधिक लाभ प्राप्त [Read More] …