दीमक (Termite) एक खतरनाक एवं बहुजातीय कीट है| एक समूह कार्यों के आधार पर कई श्रेणियों में विभाजित होता है, जैसे- राजा, रानी, श्रमिक और सैनिक दीमक, इनमें से केवल श्रमिक दीमक ही सभी प्रकार की हानि के लिए उत्तरदायी होती हैं| ये अनके कृषि फसलों, वृक्षों, सब्जियों जैसे- गन्ना, गेहूं, मक्का, मूंगफली, जौ, चना [Read More] …
खरपतवारनाशी रसायनों के प्रयोग में सावधानियां और सतर्कता बरतें
किसान बंधुओं खरपतवारनाशी रसायन (Weed chemical) मनुष्य के शरीर में मुंह, त्वचा और श्वांस के माध्यम से प्रवेश करते हैं, जो उचित सावधानी न बरते जाने पर उपयोग कर्ता तथा वातावरण के लिए घातक सिद्ध हो सकते हैं| इसके अतिरिक्त खरपतवारनाशी रसायनों के प्रयोग करने के समय निचे लिखित सावधानियां रखनी चाहिए, जैसे- खरपतवारनाशी रसायन [Read More] …
रबी फसलों में खरपतवार नियंत्रण कैसे करें: जाने भरपूर उत्पादन हेतु
हमारी कृषि की स्थिति को सुदृढ़ बनाये रखने के लिए रबी मौसम में उगाई जाने वाली फसलों की उत्पादकता का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान है| इनकी उत्पादकता को विकसित देशों की उत्पादकता के समान लाने के लिए हमें विभिन्न प्रकार के खरपतवारों, कीड़ों और बीमारियों के प्रकोप से फसलों को बचाना पड़ेगा| हमारे देश में [Read More] …
शीत ऋतु में आम के बागों की देखभाल कैसे करें, भरपूर उपज हेतु
शीत ऋतु में आम के बागों की देखभाल, आम अपने विशिष्ट गुणों के कारण फलों का राजा कहलाता है| देश में आम का कुल क्षेत्रफल 2.31 मिलियन हेक्टेयर है, जिससे 15.03 मिलियन टन आम पैदा किया जाता है| विगत वर्षों में आम का क्षेत्रफल लगातार बढ़ता रहा है, परन्तु पैदावार उसी अनुपात में नहीं बढ़ [Read More] …
सरसों की फसल में शाखाओं की छंटाई जाने एक लाभदायक तकनीक
सरसों की फसल तेल एवं प्रोटीन का एक महत्वपूर्ण स्रोत होने की दृष्टि से दुनिया भर में सरसों की फसल का या उत्पादन बढ़ रहा है| इसका उत्पादन क्षेत्र 6.83 मिलियन हेक्टेयर से बढ़कर 29.83 मिलियन हेक्टेयर हो गया साथ ही साथ इसकी पैदावार 4.5 मिलियन टन से बढ़कर 49.82 मिलियन टन हो गयी है| [Read More] …
क्षारीय पानी का खेती में स्थायी और सुरक्षित उपयोग कैसे करें
क्षारीय जल (Alkaline water) में उपस्थित धनायनों में कैल्शियम एवं मैग्नीशियम की अपेक्षा सोडियम आयन अधिक मात्रा में होता है और ऋणायनों में कार्बोनेट तथा बाई कार्बोनेट आयनों की मात्रा क्लोराइड एवं सल्फेट आयन की तुलना में अधिक होती है, यानि की ऐसे जल में सोडियम कार्बोनेट और सोडियम बाई कार्बोनेट लवणों की प्रचुरता होती [Read More] …
लवणीय एवं क्षारीय जल का खेती में सुरक्षित उपयोग कैसे करें
लवणीय एवं क्षारीय निम्न गुणवत्ता वाला जल, वह जल है, जो कुछ निश्चित गुण रखता है| जिसके कारण उसका कृषि में उपयोग करने पर वह कुछ समस्या पैदा कर देता है, जैसे मृदा की लवणीय एवं क्षारीय को बढ़ा देना, पैदावार को घटा देना इत्यादि| निम्न गुणवत्ता वाले जल में लवणीय एवं क्षारीय जल, औद्योगिक [Read More] …
फसलों या पौधों में जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति के लिए खादें
समस्त जीवधारियों की तरह फसलों या पौधों को भी भोजन की आवश्यकता होती है, परन्तु पौधे इसके लिए किसी बाहयकरण कारक पर निर्भर नहीं हैं| प्रकृति में फसलों या पौधों में यह क्षमता पाई जाती है, कि वे अपने भोजन का निर्माण स्वयं कर सकते हैं| फसलों या पौधों के लिए आवश्यक खनिज तत्वों की [Read More] …
मूंग की बसंतकालीन खेती: किस्में, बुवाई, खाद तत्व, देखभाल, उपज
मूंग की बसंतकालीन उन्नत खेती, संसार में दलहनी फसलों का सबसे अधिक क्षेत्रफल भारत में है| फसल पद्धतियों के विकास में दलहनी फसलों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है| एक और ये भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखती हैं, दूसरी और पोषक आहार के रूप में दाल हमारे भोजन का प्रमुख हिस्सा है| दाल के [Read More] …
जीवामृत बनाने की विधि: सामग्री, उपयोग, प्रभाव और फायदे
जीवामृत, वर्तमान में खेती आमतौर पर विदेशों से आयातित या अपने देश में निर्मित कृषि रसायनों पर आधारित है| परिणाम स्वरूप खेती निरन्तर महंगी, विषाक्त जल एवं वातावरण प्रदूषण की समस्या भयावह होती जा रही है| कृषि रसायन के अंधाधुंध उपयोग के कारण भूमि में जीवान्श (जैविक कार्बन) की कमी होती जा रही है| देश [Read More] …