गेहूं में एकीकृत उर्वरक प्रयोग, भारत वर्ष में धान के बाद गेहूं प्रमुख धान्य फसल है| आमतौर पर धान कटाई के उपरांत गेहूं का उत्पादन उसी खेत में लिया जाता है| भारत में गेहूं की उत्पादकता अंतराष्ट्रीय औसत उत्पादकता से कम है| इसका प्रमुख कारण गेहूं में एकीकृत या उर्वरकों का समुचित उपयोग न कर [Read More] …
गेहूं में खाद एवं उर्वरकों का संतुलित प्रयोग अच्छी उपज हेतु कैसे करें
गेहूं में खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग फसल में उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता है| लेकिन कई बार इसका असंतुलित उपयोग फसल को नुकसान भी पहुचता है, इसलिए किसान भाइयों को गेहूं में खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग संतुलित और परिस्थितियों के अनुसार करना चाहिए, इस लेख में गेहूं में खाद एवं उर्वरक का [Read More] …
गेहूं की सिंचाई कैसे करें? | गेहूं फसल की सिंचाई कब कब करें?
गेहूं की सिंचाई, भारत में गेहूं की फसल शरद ऋतु में उगायी जाती है| जोकि लगभग 130 दिन का फसल चक्र पूरा करती है| असिंचित क्षेत्रों में गेहूं की फसलावधि मध्य अक्टूबर से मार्च माह के बीच होती है और सिंचित क्षेत्रों में यह अवधि मध्य नवम्बर से मार्च से अप्रैल के बीच होती है| [Read More] …
गेहूं की फसल के रोग और उनकी रोकथाम के उपाय, जाने कैसे करें
गेहूं भारत की प्रमुख रबी की फसल है| भारत जैसे विशाल देश में खाद्य समस्या को सुलझाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है| परन्तु गेहूं की फसल के रोगों के कारण इनकी पैदावार क्षमता कम हो जाती है, लेकिन कभी-कभी रोगों के कारण फसल पूरी तरह से तबाह हो जाती है| अतः अधिक से [Read More] …
गेहूं के प्रमुख कीट की रोकथाम | गेहूं फसल में कीट नियंत्रण कैसे करें
गेहूं भारत की प्रमुख खाद्य फसल है| भारत जैसे विशाल देश में खाद्य समस्या को सुलझाने में यह महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है| गेहूं के प्रमुख कीटों से नुकसान कारण इसकी उत्पादन क्षमता कम हो जाती है| परन्तु कभी-कभी फसल पूरी तरह से चौपट हो जाती है| इसलिए अधिक से अधिक पैदावार प्राप्त करने के [Read More] …
गेहूं की खरपतवार रोकथाम कैसे करें?: खरपतवार नियंत्रण के उपाय
गेहूं की खरपतवार में प्रमुख रूप से संकरी पत्ती वाले खरपतवार जैसे मंडूसी, कनकी, गुल्ली डंडा, जंगली जई, पोआ घास, लोमड़ घास और चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार जैसे बथुआ, खरथुआ, जंगली पालक, मैना, मैथा, सोंचल, मालवा, मकोय, हिरनखुरी, कंडाई, कृष्णनील, प्याजी, चटरी-मटरी आदि पाये जाते हैं| इन सब गेहूं की खरपतवार रोकथाम के लिए निम्नलिखित [Read More] …
गेहूं की श्री विधि से खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
गेहूं की श्री विधि से खेती लघु और सीमांत किसानों के लिए विशेष लाभदायी साबित हुई है, क्योंकि वे बहुत ही कम जमीन एवं सीमित संसाधनों के साथ खेती करते हैं तथा उन्हें अधिक बीज और खाद का प्रयोग किये बिना अधिक उपज की आवश्यकता होती है| ऐसे में गेहूं की श्री विधि से खेती [Read More] …
गेहूं की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, खाद तत्व, देखभाल और उत्पादन
गेहूं की जैविक खेती उत्पादन की वह पद्धति है, जिसमें फसलों के उत्पादन हेतु प्राकृतिक संसाधनों जैसे- गोबर की सड़ी खाद, हरी खाद, जैव उर्वरकों इत्यादि का प्रयोग फसलों को पादप पोषण और रसायन रहित कीट, रोग एवं खरपतवार नियंत्रण हेतु किया जाता है| इसका आशय यह है, कि गेहूं की जैविक खेती में संश्लेषित [Read More] …
सरसों की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और उत्पादन
सरसों की जैविक खेती, देश क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से सरसों का तिलहनी फसलों में प्रमुख स्थान है| सरसों रबी की एक प्रमुख तिलहनी फसल है, जिसका भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विशेष स्थान है| इसकी खेती मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़ और अन्य राज्यों में की जाती है| इस लेख में [Read More] …
ऑर्गेनिक या जैविक खेती: लाभ, प्रमुख घटक, उद्देश्य और प्रबंधन
ऑर्गेनिक या जैविक खेती भारत कृषि प्रधान देश है, यहाँ अधिकांश जनसंख्या गांवों में निवास करती है और 60 से 65 प्रतिशत से अधिक रोजगार खेती से ही प्राप्त होता है| दिनो-दिन जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ खाद्यानों की मांग भी बढ़ रही है, अधिकाधिक उत्पादन की होड़ में रसायनिक उर्वरकों , रोग और कीटनाक्षकों का [Read More] …