सरसों की उन्नत किस्मों का चुनाव क्षेत्रीय अनुकूलता और बीजाई के समय को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए, ताकि इनकी उत्पादन क्षमता का लाभ लिया जा सके| भारत का सरसों उत्पादन में अहम स्थान है| भारत में सरसों की उत्पादकता और उपज को और अधिक बढ़ाने की अपार संभावनाएं है| इसलिए किसानों को अधिक [Read More] …
सरसों की खेती में कीट और रोग नियंत्रण कैसे करें: बचाव के उपाय
सरसों की खेती और तोरिया कुल की फसलें अपनी विभिन्न पौध अवस्थाओं में अनेक कीटों के प्रभाव में आती है, कुल मिलाकर करीब करीब 35 से 40 प्रकार के कीट सरसों की खेती के दुश्मन होते है एवं 10 से 90 प्रतिशत तक पैदावार पर असर डालते है| सरसों की खेती के कुछ कीटों का [Read More] …
फसलों का फफूंदनाशक, कीटनाशक, जीवाणु कल्चर से बीज उपचार
प्रमुख फसलों का इतना महंगा और प्रमाणित बीज खरीदने के बाद भी फसलों के बीज का फफूंद नाशक, कीटनाशक, जैव रसायन एवं जीवाणु कल्चर से बीज उपचार आवश्यक क्यों है, यह प्रश्न हर जागरूक कृषक का होता है, बीज उपचार आवश्यक इसलिए है, की प्रारंभ में ही बीज जनित रोगों और कीटों का प्रभाव रोकने [Read More] …
बीज उपचार क्या है | बीज उपचार कैसे करें | बीज उपचार की विधियां
बीज उपचार गुणवत्तायुक्त भरपूर फसल उत्पादन प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है, कि उन्नत और रोग प्रतिरोधी किस्मों के स्वच्छ, स्वस्थ और पुष्ट बीज से बुआई की जाये, बीज को निरोग एवं स्वस्थ बनाने के लिए उसे अनुशंसित रसायन या जैव रसायन से उपचारित करना होता है| बीज उपचार से बीज में उपस्थित आन्तरिक [Read More] …
मधुमक्खियों के दुश्मन कीट और रोगों की रोकथाम
मधुमक्खियों का मानव जाति से घनिष्ठ सम्बन्ध है| यह कीट मानव जाति के कल्याण में हमेशा तत्पर रहता है| यह कीट किसानों का सच्चा मित्र है, अन्य जीवों की तरह मधुमक्खियों को भी दुश्मनों से जुझना पड़ता है| इन दुश्मनों के बारे में जानकारी हासिल करना आवश्यक है| ताकि हम अपने मित्र कीट को संकट [Read More] …
मधुमक्खी पालन: लाभ, प्रजातियां, जीवन चक्र, देखभाल और प्रबंधन
मधुमक्खी ही केवल कीट प्रजाति का जीव है, जो मनुष्यों के लिए खाद्य पदार्थ (शहद) उत्पादित कर मानव सेवा में लगी हुई जो मित्र कीट के रूप में पहचानी जाती है| मधुमक्खी पालन से शहद के साथ-साथ फसलों में भी परागण की क्रिया तेज होने से 25 प्रतिशत से अधिक कृषि, उद्यानिकी व वानिकी फसलों [Read More] …
चूहों से खेती को कैसे बचाएं? | फसलों को चूहों से कैसे बचाएं?
चूहों से खेती को कैसे बचाएं, विश्व के सभी स्थानों पर चूहे पाये जाते हैं जो सभी प्रकार की भोजन सामग्री, फसलों, बागों ओर गोदामों में भण्डारित खाद्य पदार्थों को क्षति पहुंचाने के साथ साथ विभिन्न रोग फैलाने वाले मनुष्य जाति के बहुत बड़े शत्रु हैं| इनका प्रजनन बड़ी तेजी से होता है, इसलिए इनसे [Read More] …
टपक सिंचाई प्रणाली: लाभ, मुख्य घटक, देखभाल, अनुदान, प्रबंधन
टपक सिंचाई प्रणाली (Drip irrigation system), कृषि के लिये जल एक बहुत महत्वपूर्ण निवेश है| खेतों व बाग-बगीचों में सीधे पानी लगाने यानि सतही सिंचाई विधि से बहुमूल्य पानी का 60 प्रतिशत भाग किसी न किसी कारण बर्बाद हो जाता है| इसलिए पानी की बर्बादी को रोकना अत्यंत आवश्यक है| भविष्य में जल की कमी [Read More] …
नींबू वर्गीय फलों की उन्नत बागवानी के लिए वार्षिक कृषि कार्य?
नींबू वर्गीय फलों की उन्नत बागवानी, भारत में उगाये जाने वाले फल वृक्षों में अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं, जो कि विभिन्न प्रकार की भूमि और जलवायु में उगाये जा सकते हैं| नींबू वर्गीय फलों के अन्तर्गत नारंगी, सन्तरा, कागजी नीबू, लैमन, ग्रेपफूट, चकोतरा आदि फल आते हैं| नींबू वर्गीय फलों का व्यवसायिक और अन्य गुणों की [Read More] …
नींबू वर्गीय फलों की खेती: किस्में, पोषक तत्व, देखभाल, पैदावार
भारतवर्ष में उगाये जाने वाले विभिन्न फलों में नींबू वर्गीय फलों का महत्वपूर्ण स्थान है| नींबू वर्गीय फलों में विटामिन-ए, बी, सी और खनिज तत्व प्रचूर मात्रा में पाये जाते हैं, विटामिन सी सभी जातियों में अधिकता से पाई जाती है| नींबू वर्गीय फलों में मौसमी, मालटा, सन्तरा और नींबू आदि प्रमुख है| उपयुक्त जलवायु [Read More] …