गैनोडर्मा मशरूम इसको रिशी मशरूम के नाम से भी जानते है, यह एक सख्त और वर्षा ऋतु में सूखे व जीवित वृक्षों की जड़ों के पास उगती है| इसका रंग गहरा लाल, भूरा और स्लेटी होता है एवं चमकदार होता है| प्रकृति में इसकी कई किस्में पायी जाती है| ताजा गैनोडर्मा मशरूम गूदेदार होती है [Read More] …
शिताके (जापानी) मशरूम की खेती: बुवाई, देखभाल, तुड़ाई, उत्पादन
शिताके मशरुम को जापानी मशरुम भी कहा जाता है| शिताके (जापानी) मशरूम में भरपुर औषधीय गुण होते है| इसमें उपलब्ध बीटा ग्लुकेन केन्सर रोधी क्षमता से युक्त होते है| शिताके (जापानी) मशरूम में लेन्टिनान नामक तत्व पाया जाता है, जो शरीर की रोग रोधी क्षमता बढ़ाता है| यह मशरुम आज विश्व की सर्वाधिक उत्पादन की [Read More] …
पुआल (चाइनीस) मशरूम की खेती: बुवाई, देखभाल, तुड़ाई, उत्पादन
पुआल मशरूम (वोल्वेरिएला वोल्वेसिया) की खेती, जिसे चाइनीस मशरूम और गर्मा मशरूम के नाम से भी जाना जाता है| यह उपोषण व उष्ण कटिबंध भाग की खाद्य मशरूम है| ये सापेक्षत उच्च तापमान पर उगती है, यह तेजी से उगने वाली मशरूम है और अनुकूल उत्पादन परिस्थितियों में इसका एक फसल चक्र 4 से 5 [Read More] …
ढींगरी (ऑयस्टर) मशरूम की खेती: बुवाई, देखभाल, तुड़ाई, उत्पादन
ढींगरी (ऑयस्टर) मशरूम की खेती, हमारे भारत देश में मुख्यतः चार प्रकार के मशरूम की खेती की जाती है- बटन मशरूम, ढींगरी (ऑयस्टर) मशरूम, दूधीया मशरूम और पुआल मशरूम, हमारे भारत की जलवायु भिन्न-भिन्न प्रकार की है और ऋतुओं को ध्यान में रखकर हम अलग-अलग समय पर विभिन्न प्रकार के मशरूमों की खेती कर सकते [Read More] …
दूधिया मशरूम की खेती: जलवायु, बुवाई, देखभाल, तुड़ाई, पैदावार
दूधिया मशरूम का उत्पादन भारतवर्ष के अधिकतर उत्तरी भू-भाग में श्वेत बटन मशरूम की खेती की जा रही है, इसके बाद कुछ भागों में ढींगरी मशरूम की खेती का वर्चस्व कायम है| दूधिया मशरूम की खेती केवल दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में व्यवसायिक स्तर पर उगाई जा रही है| जबकि देश के पहाड़ी इलाकों [Read More] …
श्वेत बटन मशरूम की खेती: बुवाई, रखरखाव, तुड़ाई, भंडारण, पैदावार
भारत में श्वेत बटन मशरूम (खुम्ब) की एगेरिकस बाईसपोरस प्रजाति की खेती बड़े पैमाने पर की जा रही है| उत्पादन की दृष्टि सेश्वेत बटन मशरूम (खुम्ब) का विश्व में प्रथम स्थान है| देश के मैदानी और पहाड़ी भागों में श्वेत बटन मशरूम (खुम्ब) को शरद ऋतु में उगाया जाता है, क्योंकि इस ऋतु में तापमान [Read More] …
हॉप्स की खेती: किस्में, रोपाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
हॉप्स सामान्य तौर से प्रायः मादा शंकुओं (कोन्स) के लिए उगाया जाता है| ये शंकु पेय पदार्थों के परिरक्षण व उन्हें सुंगधित बनाने के लिए उपयोग में लाये जाते हैं, क्योंकि इनमें हॉप तेल और अल्फा अम्ल पाये जाते हैं| औषधीय रूप में हॉप्स का उपयोग टॉनिक और जीवाणुनाशक के रूप में उल्लेखनीय है| इस [Read More] …
अंजीर की खेती: किस्में, रोपाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
अंजीर उपोष्ण क्षेत्रों में पाया जाने वाला महत्त्वपूर्ण फल है| कोहरे को सहन करने में इसकी विशेष क्षमता होती है| अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार में इसके ताजे अर्द्ध-सूखे, सूखे फलों एवं विधायन द्वारा तैयार पदार्थों की बढ़ती मांग को देखते हुये इसके व्यवसायिक उत्पादन की अपार सम्भावनाएं हैं| अंजीर एक लोकप्रिय फल है, जो ताजा और सूखा [Read More] …
चीकू की खेती: किस्में, रोपाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
भारत में सपोटा या चीकू (मनीलकारा आचरस) एक लोकप्रिय फल है| इसका जन्म स्थान मेक्सिको और मध्य अमेरिका माना जाता है| इसका फल खाने में सुपाच्य, कार्बोहाइड्रेट (14 से 21 प्रतिशत), प्रोटीन, वसा, फाइबर, खनिज लवण, कैल्शियम और आयरन का एक अच्छा स्रोत माना जाता है और इसका प्रयोग खाने के साथ-साथ जैम व जैली [Read More] …
कटहल की खेती: किस्में, रोपाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
कटहल का पौधा एक सदाबहार 8 से 15 मीटर ऊँचा बढ़ने वाला, फैलावदार तथा घने छत्रकयुक्त बहशाखीय वृक्ष है, जो भारत का देशज है| भारत वर्ष में इसकी खेती पूर्वी एवं पश्चिमी घाट के मैदानों, उत्तर से पूर्व के पर्वतीय क्षेत्रों, संथाल परगना एवं छोटानागपुर के पठारी क्षेत्रों, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं बंगाल के [Read More] …