चमेली की खेती (Jasmine farming) एक महत्वपूर्ण फूल की फसल है, जो व्यापारिक स्तर पर पूरे भारत में हर स्थान पर की जाती है| चमेली की खेती (Jasmine farming) का पौधा 10 से 15 फीट की ऊंचाई तक पहुंच जाता है| इसके सदाबाहार पत्ते किस्म के आधार पर 2 से 3 इंच लम्बे, हरे, तना [Read More] …
लोबिया की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
लोबिया की खेती (Cultivation of cowpea) दाल, सब्जी, हरी खाद और चारे के लिए पुरे भारत में की जाती है| यह अफ्रीकी मूल की फसल है| लोबिया की खेती सूखे को सहने और जल्दी पकने वाली फसल है| यह मिट्टी में नमी बनाए रखने में मदद करती है| लोबिया प्रोटीन, कैल्शियम और लोहे का मुख्य [Read More] …
गेंदा की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
गेंदा की खेती हमारे देश में लगभग हर क्षेत्र में की जाती है| यह बहुत महत्तवपूर्ण फूल की फसल है| क्योंकि इसका उपयोग व्यापक रूप से धार्मिक और सामाजिक कार्यों में किया जाता है| गेंदे की खेती व्यवसायिक रूप से केरोटीन पिगमेंट प्राप्त करने के लिए भी की जाती है| इसका उपयोग विभिन्न खाद्य पदार्थों [Read More] …
ग्लेडियोलस की खेती: किस्में, रोपाई, पोषक, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
ग्लेडियोलस एक बहुत ही महत्वपूर्ण एवं लोकप्रिय पुष्पीय तथा एक वर्षीय पौधा है| जो मुख्य रूप से घरेलु और अन्तर्राष्ट्रीय बाजारों में कटे फूलों के रूप में प्रसिद्ध है| कन्दीय फूलों में ग्लेडियोलस को क्वीन (कन्दीय फूलों की रानी) कहा जाता है| आकर्षित फूल घरेलू तथा अन्तर्राष्ट्रीय खास कर यूरोपीय देशों में इसकी शरद ऋतु [Read More] …
गुलाब की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
गुलाब प्रकृति-प्रदत्त एक अनमोल फूल है| जिसकी आकर्षक बनावट, सुन्दर आकार, लुभावना रंग एवं अधिक समय तक फूल का सही दिशा में बने रहने के कारण इसे अधिक पसंद किया जाता है| यदि गुलाब की खेती वैज्ञानिक विधि से किया जाए तो इसकी फसल से लगभग पूरे वर्ष फूल प्राप्त किये जा सकते हैं| सर्दी [Read More] …
हल्दी की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
हल्दी की खेती (Turmeric cultivation) भारत की एक महत्वपूर्ण मसाले वाली फसल है| हल्दी की खेती आँध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल एवं कर्नाटक में अधिक की जाती है| जिसका मुख्य उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है| परन्तु यह रंग और औषधि के रूप में भी प्रयोग में लायी जाती है| मसाले [Read More] …
सौंफ की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
सौंफ मसाले की एक प्रमुख फसल है| सौंफ की व्यसायिक रूप से एक साल की जड़ी बूटी के रूप में खेती की जाती है| इसके दाने आकार में छोटे और हरे रंग के होते है| सोंफ का उपयोग आचार बनाने में और सब्जियों में खशबू और जयका बढाने में किया जाता है| इसके आलावा इसका [Read More] …
अलसी की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
अलसी का उपयोग मुख्यतः तेल व रेशे के लिए किया जाता है| इसका तेल औधोगिक उत्पाद बनाने, खाने के लिए व औषधि के रुप मे काम में लिया जाता है| अलसी की खेती (Linseed farming) उचित प्रबंधन के साथ की जाए तो पैदावार में लगभग 2 से 2.5 गुना वृद्धि की जा सकती है| इस [Read More] …
अरंडी की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
अरंडी वानस्पतिक तेल प्रदान करने वाली खरीफ की एक मुख्य व्यवसायिक फसल है| अरंडी (Castor) के तेल का उपयोग साबुन, रंग, वार्निश, कपड़ा रंगाई उद्योग, हाइड्रोलिक ब्रेक तेल, प्लास्टिक, चमड़ा उद्योग में होता है| अरण्डी की पत्तियां रेशम के कीटों को पालने व हरी खाद बनाने में काम आती हैं| खली खाद के रूप में [Read More] …
राजमा की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
राजमा की खेती (Farming of French bean) रबी ऋतु में की जाती है| राजमा को फ्रेंच बीन कहते है| इसकी खेती सब्जी और दाना के लिए की जाती है| स्वाद और सेहत के लिहाज से राजमा की फलियां (बीन्स) सबसे महत्वपूर्ण होती है, और इसकी जायकेदार सब्जी प्रायः सभी लोग बेहद पसंद करते है| अधिक [Read More] …