अच्छी तरह सड़े हुए पौधों और पशु अवशेषों को कम्पोस्ट खाद कहा जाता है| कम्पोस्ट (Compost) खाद का मतलब है, की खेतो में प्रयोग से पहले उसको अच्छी तरह सड़ा लेना चाहिए, कम्पोस्ट की अवश्यक आवश्यकताओं में हवा, नमी, अनुकूल तापमान और नाइट्रोजन की एक छोटी मात्रा है| यह सूक्ष्मजीवों का एक क्रिया कलाप है [Read More] …
जैविक खेत यार्ड खाद क्या है?: बनाने विधि, उपयोग और फायदे
जैविक खेत यार्ड खाद (FYM) मूलत: मवेशियों के गोबर, मूत्र, कूड़े, अपशिष्ट पुलाव और अन्य डेयरी कचरे का उपयोग कर के तैयार किया जाता है| यह अत्यधिक उपयोगी होता है| इसके फायदे इस प्रकार है| जैविक खेत यार्ड खाद में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते है, पौधों को इस मिश्रण द्वारा संतुलित पोषक तत्व [Read More] …
जैविक खेती कैसे करें: आवश्यकता, मुख्य घटक, जैविक खाद, फायदे
जैविक खेती (Organic farming) देशी खेती का आधुनिक तरीका है| जहां प्रकृति एवं पर्यावरण को संतुलित रखते हुए खेती की जाती है| इसमें रसायनिक खाद कीटनाशकों का उपयोग नहीं कर खेत में गोबर की खाद, कम्पोस्ट, जीवाणु खाद, फसल अवशेष, फसल चक और प्रकृति में उपलब्ध खनिज जैसे रॉक फास्फेट, जिप्सम आदि द्वारा पौधों को पोषक [Read More] …
धान की खेती: किस्में, रोपाई, सिंचाई, पोषक तत्व, देखभाल, पैदावार
धान (Paddy) भारत की सबसे महत्वपूर्ण खाद्य फसल है| जो कुल फसले क्षेत्र का एक चौथाई क्षेत्र कवर करता है| चावल लगभग आधी भारतीय आबादी का भोजन है| बल्कि यह दुनिया की मानविय आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए विशेष रूप से एशिया में व्यापक रूप से खाया जाता है| गन्ना और मक्का के [Read More] …
कपास की जैविक खेती: भूमि, किस्में, बुवाई, खाद, देखभाल, पैदावार
देशी, नरमा और बीटी कपास की जैविक खेती का अपना महत्व है| क्योकि कपास का रेशे वाली फसलों में प्रमुख स्थान है| कपास के रेशे से वस्त्र बनाये जाते हैं और इसका रेशा निकालने के बाद इसके बिनौले को पशुओं को खिलाने के काम में लाया जाता है| बिनौले से तेल भी निकला जाता है| [Read More] …
कपास की खेती: किस्में, बुवाई, देखभाल, सिंचाई, प्रबंधन, पैदावार
कपास की खेती भारत की सबसे महत्वपूर्ण रेशा और नगदी फसल में से एक है| और देश की औदधोगिक व कृषि अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख भूमिका निभाता है| कपास की खेती लगभग पुरे विश्व में उगाई जाती है| यह कपास की खेती वस्त्र उद्धोग को बुनियादी कच्चा माल प्रदान करता है| भारत में कपास की [Read More] …
छाल रोग का आयुर्वेदिक और घरेलू इलाज | सोरायसिस का उपचार
छाल रोग या सोरायसिस (Psoriasis) एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है जो पपड़ीदार, खुजलीदार और लाल त्वचा के पैच की विशेषता है| यह एक छोटे से क्षेत्र तक सीमित हो सकता है या आपके पूरे शरीर में भी फैल सकता है| जब अंतर्निहित संक्रमण आपकी त्वचा की सतह तक पहुंचता है, तो स्वस्थ [Read More] …
सोरायसिस: लक्षण, कारण, जोखिम, जटिलताएं, निदान और इलाज
छाल या सोरायसिस (Psoriasis) एक त्वचा रोग है जो खुजली, पपड़ीदार पैच के साथ चकत्ते का कारण बनता है, जो आमतौर पर घुटनों, कोहनी, धड़ और खोपड़ी पर होता है| सोरायसिस एक सामान्य, दीर्घकालिक (पुरानी) बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है| यह दर्दनाक हो सकता है, नींद में बाधा डाल सकता है और ध्यान [Read More] …
एक्जिमा: लक्षण, कारण, परीक्षण, निवारण, निदान और इलाज
यदि आपकी त्वचा शुष्क, खुजलीदार और लाल है, तो आपको छाजन या एक्जिमा (Eczema) हो सकती है| यह एक सामान्य त्वचा की स्थिति है जो संक्रामक नहीं है| यदि आपको अस्थमा या एलर्जी है तो आपको उच्च जोखिम है| ऐसे उपचार हैं जो लक्षणों का प्रबंधन करते हैं, लेकिन कोई इलाज नहीं है| 15 से [Read More] …
बिवाई फटना: कारण, लक्षण, जटिलताएं, निदान, बचाव और इलाज
फटी एड़ियां या बिवाई फटना (Cracked Heels) पैरों की एक आम समस्या है| फटी एड़ियां भले ही भद्दे लगें, लेकिन वे आमतौर पर गंभीर समस्या पैदा नहीं करती हैं| यह वयस्कों और बच्चों दोनों में हो सकता है, और पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक बार प्रभावित करता है| ज्यादातर लोगों के लिए, फटी [Read More] …