बीज उपचार गुणवत्तायुक्त भरपूर फसल उत्पादन प्राप्त करने के लिए यह आवश्यक है, कि उन्नत और रोग प्रतिरोधी किस्मों के स्वच्छ, स्वस्थ और पुष्ट बीज से बुआई की जाये, बीज को निरोग एवं स्वस्थ बनाने के लिए उसे अनुशंसित रसायन या जैव रसायन से उपचारित करना होता है| बीज उपचार से बीज में उपस्थित आन्तरिक [Read More] …
Agriculture
चूहों से खेती को कैसे बचाएं? | फसलों को चूहों से कैसे बचाएं?
चूहों से खेती को कैसे बचाएं, विश्व के सभी स्थानों पर चूहे पाये जाते हैं जो सभी प्रकार की भोजन सामग्री, फसलों, बागों ओर गोदामों में भण्डारित खाद्य पदार्थों को क्षति पहुंचाने के साथ साथ विभिन्न रोग फैलाने वाले मनुष्य जाति के बहुत बड़े शत्रु हैं| इनका प्रजनन बड़ी तेजी से होता है, इसलिए इनसे [Read More] …
टपक सिंचाई प्रणाली: लाभ, मुख्य घटक, देखभाल, अनुदान, प्रबंधन
टपक सिंचाई प्रणाली (Drip irrigation system), कृषि के लिये जल एक बहुत महत्वपूर्ण निवेश है| खेतों व बाग-बगीचों में सीधे पानी लगाने यानि सतही सिंचाई विधि से बहुमूल्य पानी का 60 प्रतिशत भाग किसी न किसी कारण बर्बाद हो जाता है| इसलिए पानी की बर्बादी को रोकना अत्यंत आवश्यक है| भविष्य में जल की कमी [Read More] …
गेहूं की उन्नत किस्में | गेहूं की सबसे अच्छी किस्म कौन सी है?
गेहूं की उन्नत किस्मों का चुनाव क्षेत्रीय अनुकूलता और बीजाई के समय को ध्यान में रखकर किया जाना चाहिए, ताकि इनकी उत्पादन क्षमता का लाभ लिया जा सके| गेहूं की उन्नत पैदावार के लिये बलुई दोमट, अच्छी उर्वरा व जलधारण क्षमतायुक्त मिट्टी वाले सिंचित क्षेत्र उपयुक्त है| खाद्य सुरक्षा और संप्रभुता की दृष्टि से भारत [Read More] …
पौधों में जनन क्या है?: लैंगिक, अलैंगिक, प्रकार, फायदे, समस्याएं
किसान बंधुओं- पौधों में जनन मुख्तया दो प्रकार का होता है, लैंगिक और अलैंगिक, इस लेख के माध्यम से आप जानेगे की पौधों में जनन लैंगिक और अलैंगिक में अन्तर क्या होता है, पौधों में जनन लैंगिक और अलैंगिक के फायदे और समस्याएं किस प्रकार की होती है, तो आइए जानते है पौधों में जनन [Read More] …
लोबिया की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
लोबिया की खेती (Cultivation of cowpea) दाल, सब्जी, हरी खाद और चारे के लिए पुरे भारत में की जाती है| यह अफ्रीकी मूल की फसल है| लोबिया की खेती सूखे को सहने और जल्दी पकने वाली फसल है| यह मिट्टी में नमी बनाए रखने में मदद करती है| लोबिया प्रोटीन, कैल्शियम और लोहे का मुख्य [Read More] …
हल्दी की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
हल्दी की खेती (Turmeric cultivation) भारत की एक महत्वपूर्ण मसाले वाली फसल है| हल्दी की खेती आँध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, उड़ीसा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल एवं कर्नाटक में अधिक की जाती है| जिसका मुख्य उपयोग मसाले के रूप में किया जाता है| परन्तु यह रंग और औषधि के रूप में भी प्रयोग में लायी जाती है| मसाले [Read More] …
सौंफ की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
सौंफ मसाले की एक प्रमुख फसल है| सौंफ की व्यसायिक रूप से एक साल की जड़ी बूटी के रूप में खेती की जाती है| इसके दाने आकार में छोटे और हरे रंग के होते है| सोंफ का उपयोग आचार बनाने में और सब्जियों में खशबू और जयका बढाने में किया जाता है| इसके आलावा इसका [Read More] …
अलसी की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
अलसी का उपयोग मुख्यतः तेल व रेशे के लिए किया जाता है| इसका तेल औधोगिक उत्पाद बनाने, खाने के लिए व औषधि के रुप मे काम में लिया जाता है| अलसी की खेती (Linseed farming) उचित प्रबंधन के साथ की जाए तो पैदावार में लगभग 2 से 2.5 गुना वृद्धि की जा सकती है| इस [Read More] …
अरंडी की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
अरंडी वानस्पतिक तेल प्रदान करने वाली खरीफ की एक मुख्य व्यवसायिक फसल है| अरंडी (Castor) के तेल का उपयोग साबुन, रंग, वार्निश, कपड़ा रंगाई उद्योग, हाइड्रोलिक ब्रेक तेल, प्लास्टिक, चमड़ा उद्योग में होता है| अरण्डी की पत्तियां रेशम के कीटों को पालने व हरी खाद बनाने में काम आती हैं| खली खाद के रूप में [Read More] …