भारत ने कृषि के क्षेत्र और तिलहनी फसलों में बहुत उन्नति की है, जिसमें सिंचाई की उन्नत विधियाँ, सघन खेती तथा नत्रजन उर्वरकों के अधिक उपयोग के कारण फसलों की उपज में निरन्तर वृद्धि हुई है| रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग ने निश्चित रूप से नत्रजन के असंतुलित प्रयोग को बढ़ावा दिया है, जिसके फलस्वरूप गंधक [Read More] …
Agriculture
जीरे की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, पोषक तत्व, देखभाल, पैदावार
बीजीय मसाला फसलों में उत्पादन एवं क्षेत्रफल के हिसाब से जीरे (Cumin) का प्रथम स्थान है| अतः जीरा एक महत्वपूर्ण बीजीय मसाला है, जो कि उत्तरी मिस्र, तुर्की और पूर्वी भू-मध्य क्षेत्र में उत्पन्न हुआ माना जाता है| जीरे की खेती मुख्य रुप से भारत, तुर्की, ईरान, पाकिस्तान, सीरिया तथा इटली जैसे देशों में की [Read More] …
हाइड्रोजेल का कृषि में महत्व; जाने कम जल में उच्च उत्पादन तकनीक
हाइड्रोजेल (Hydrogel) का कृषि में महत्व, कृषि में जल का महत्व बढ़ती हुई जनसंख्या, कृषि, उद्योग और शहरी आबादी के बीच जल की प्रतिस्पर्धा के चलते कृषि में जल की उत्पादकता बढ़ाना वैश्विक चिंता का विषय है| बारानी खेती के तहत आने वाले उत्पादन क्षेत्र तथा इससे मिलने वाली फसल के मूल्य की दृष्टि से [Read More] …
मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए हरी खाद का प्रयोग कैसे करें
वर्तमान समय में मिट्टी में रसायनिक उर्वरकों के असंतुलित प्रयोग एवं सीमित उपलब्धता को देखते हुये अन्य पर्याय भी उपयोग में लाना आवश्यक हो गया है| तभी हम खेती की लागत को कम कर फसलों की प्रति एकड उपज को भी बढ़ा सकते हैं, साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति को भी अगली पीढी के [Read More] …
अंतरवर्ती फसल उत्पादन तकनीक; जानिए अधिकतम लाभ हेतु
आज का आधुनिक दौर, जिसको मशीनीकरण का दौर कहा जाता है, यदि मशीनों का उपयोग कर अंतरवर्ती फसल उत्पादन को अपनाया जाये तो निश्चित तौर पर कम लागत में अधिक लाभ अर्जित किया जा सकता है| खेती में जिस प्रकार दिन-प्रतिदिन बढ़ती लागत को लेकर किसान परेशान हैं| उसको देखते हुये यदि उपलब्ध संसाधनों में [Read More] …
धान की खेती में भूरा पौध माहू की समन्वित रोकथाम कैसे करें
हमारे देश में धान की खेती की जाने वाले लगभग सभी भू-भागों में भूरा पौघ माहू नीलपर्वत लूगेंस स्टाल (होमोप्टेरा डेल्फासिडै) धान का एक प्रमुख नाशककीट है| हाल में पूरे एशिया में इस कीट का प्रकोप गंभीर रूप से बढ़ा है, जिससे धान की फसल में भारी नुकसान हुआ है| ये कीट तापमान एवं नमी [Read More] …
पान की उन्नत खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, उर्वरक, देखभाल, पैदावार
पान (Betel) पाइपरेसी कुल का पौधा है| यह एक बहुवर्षीय, सदाबहार, लत्तरदार, उभयलिंगी एवं छाया पसंद करने वाली लता है| जिसे नकदी फसलों में महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है| पान की फसल से हमारे देश को प्रति वर्ष लगभग 7 से 8 सौ करोड़ रूपये की आमदनी होती है| देश में पान का कुल रकवा 51,700 [Read More] …
बेल की खेती: किस्में, रोपाई, सिंचाई, पोषक तत्व, देखभाल, पैदावार
बेल (Vine) अति प्राचीन एवं औषधीय गुणों से भरपूर भारतीय वृक्ष है| विपरीत जलवायु में भी इसकी खेती की जा सकती है, आज के संदर्भ में, इस बदलते परिवेश में भारत के लोग औषधीय फलों के प्रति अधिक जागरूक हो गये हैं| ऐसे में बेल की बागवानी अधिक उपयोगी हो गई है| अतः इसकी बागवानी [Read More] …
बेल की उन्नत किस्में | बेल की सबसे अच्छी किस्में कौन सी है?
बेल में अत्यन्त जैव विविधता पाई जाती है| अतः इसके संकलन की आवश्यकता है| विभिन्न कृषि विश्वविद्यालय एवं आई सी ए आर के संस्थानों द्वारा विभिन्न चयनित बेल की किस्मों के कारण पूर्व में विकसित किस्मों, जैसे- सिवान, देवरिया बडा, कागजी इटावा, चकिया, मिर्जापुरी, कागजी गोण्डा आदि के रोपण की संस्तुति अब नहीं की जा [Read More] …
धान में हरित शैवाल और अजोला का प्रयोग; जानिए लाभ की विधि
धान में हरित शैवाल और अजोला का प्रयोग इसलिए आवश्यक है| क्योंकि नील हरित शैवाल जलीय पौधों का एक ऐसा समूह होता है, जिसे साइनो बैक्टीरिया भी कहा जाता हैं, यह एक कोशिकीय जीवाणु है, जो काई के आकार का होता है| जबकि एजोला ठण्डे पानी में उगने वाली एक घास है, जो प्रायः तालाबों [Read More] …