जावा सिट्रोनेला (Java citronella) अथवा सिट्रोनेला (जावा घास) का वैज्ञानिक नाम सिम्बोपोगॉन विंटेरियनस है| यह ‘पोएसी’ कुल की एक बहुवर्षीय घास है| हमारे देश में सिट्रोनेला (जावा घास) की खेती मुख्यतया आसाम, पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, गोवा, केरल तथा मध्य प्रदेश में हो रही है| विश्व में भारत, चीन, श्रीलंका, ताईवान, [Read More] …
Agriculture
नींबू घास की उन्नत खेती: किस्में, रोपाई, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
औषधीय एवं सगंध घासों में नींबू घास (सिम्बोपोगॉन फ्लेक्सुयोसस) का प्रमुख एवं विशिष्ट स्थान है| अंग्रेजी में इसे लेमन ग्रास (Lemon grass) के नाम से जाना जाता है| नींबू घास पोएसी कुल से संबंधित है| इस घास की पत्तियों से नींबू जैसी तीक्ष्ण सुगंध के कारण ही इसका नाम नींबू घास रखा गया है| यह [Read More] …
सफेद मूसली की उन्नत खेती: किस्में, रोपाई, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
सफेद मूसली (Safed Musli) को विभिन्न भाषाओं में भिन्न-भिन्न नाम से जाना जाता है| एक अनुमान के अनुसार विश्वभर में सफेद मूसली की मांग 35,000 टन प्रति वर्ष है, जबकि उत्पादन या उपलब्धता मात्र 5000 टन ही है| एक-डेढ़ फीट ऊँचाई के इस पादप की जड़ें औषधीय महत्व की हैं| व्यावसायिक रुप से इसकी खेती [Read More] …
सर्पगंधा की उन्नत खेती: किस्में, रोपाई, सिंचाई, देखभाल और पैदावार
सर्पगंधा (Sarpagandha) एपोसाइनेसी कुल का पौधा है| सर्पगंधा की कई प्रजातियाँ होती हैं| जिसमें राउभोलफिया सरपेनटिना एवं राउभोलफिया टेट्राफाइलस प्रजाति के पौधों को औषधीय पौधों के रूप में उगाया जाता है| सर्पगंधा की जड़ औषधि के रूप में प्रयोग में लाये जाती हैं| इसके पौधे की ऊँचाई 30 से 75 सेंटीमीटर तक की होती है| [Read More] …
हल्दी की उन्नत किस्में | हल्दी की सबसे अच्छी किस्में कौन सी है?
हल्दी की गाँठों के रंग और आकार के अनुसार अनेक किस्में पाई जाती हैं| मालावार की हल्दी औषधीय महत्त्व की होती है| जिसका उपयोग जुकाम के उपचार के लिए किया जाता है| पूना एवं बंगलौर की हल्दी रंग के लिए अच्छी होती है| लौरवण्डी हल्दी से रंग निकाला जाता है| जंगली हल्दी सुगन्धित गाँठों के [Read More] …
सौंफ की उन्नत किस्में | सौंफ की सबसे अच्छी किस्में कौन सी है?
सौंफ की स्थानीय एवं उन्नत किस्में बहुत हैं, जो अपने क्षेत्र विशेष में अधिक प्रचलित हैं| सौंफ की स्थानीय किस्मों में उत्पादकता एवं गुणवत्ता स्थिर नहीं होने के उपरान्त भी इनका उपयोग जारी है| जबकि देश में क्षेत्रवार सौंफ की उन्नत किस्में उपलब्ध हैं| उन्नत किस्मों में अधिक उत्पादन एवं सुनिश्चित गुणवत्ता युक्त उपज निश्चित [Read More] …
अलसी की फसल के कीट एवं रोग और उनका नियंत्रण कैसे करें
अलसी की फसल को विभिन्न प्रकार के रोग जैसे गेरूआ, उकठा, चूर्णिल आसिता तथा आल्टरनेरिया अंगमारी एवं कीट यथा फली मक्खी, अलसी की इल्ली, अर्धकुण्डलक इल्ली चने की इल्ली द्वारा भारी क्षति पहुचाई जाती है| जिससे अलसी की फसल के उत्पादन में भरी कमी आती है| अलसी की फसल से अच्छी उपज प्राप्त करने के [Read More] …
अलसी की उन्नत किस्में | अलसी की सबसे अच्छी किस्में कौन सी है?
अलसी का उपयोग मुख्यतः तेल और रेशे के लिए किया जाता है| यदि किसान बन्धु अलसी की खेती उन्नत किस्मों के साथ करें, तो वो इसकी फसल से अच्छा उत्पादन प्राप्त कर सकते है| लेकिन जानकारी के आभाव में किस्मों का चयन कर पाना मुस्किल कार्य है| कृषकों की जानकारी के लिए इस लेख में [Read More] …
मेथी की उन्नत किस्में | मेथी की सबसे अच्छी किस्में कौन सी है?
भारत में मेथी की दो प्रकार की किस्मों की खेती की जाती है| एक समान्य और दूसरी कसूरी मेथी की किस्में, यदि किसान बन्धुओं इसकी फसल से अच्छी उपज प्राप्त करना चाहते है, तो उनको स्थानीय किस्मों की अपेक्षा उन्नत किस्मों को महत्व देना चाहिए| इसके लिए कृषकों को किस्मों की जानकारी होना भी आवश्यक [Read More] …
मसूर की फसल में कीट और रोग नियंत्रण कैसे करें; आधुनिक विधि
मसूर की फसल को बहुत से हानिकारक कीट और रोग नुकसान पहुचाते है| जिससे किसानों को मसूर की फसल से अपनी इच्छित उपज प्राप्त नही हो पाती है| यदि समय पर आर्थिक स्तर से अधिक हानि पहुचाने वाले कीट एवं रोगों पर नियंत्रण कर लिया जाए तो मसूर की फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त की [Read More] …