प्याज की जैविक खेती वर्तमान समय की आवश्यकता है| चूँकि प्याज का सीधा सम्बंध मानव स्वास्थ्य से जुड़ा है| जिसका प्रयोग दैनिक भोजन में सब्जी, सलाद, अचार और मसाले के रूप में किया जाता है| प्याज का प्रयोग हरी एवं पकी हुई दोनों अवस्थाओं में करते है| यह गर्मी और लू के प्रकोप को भी [Read More] …
Organic Farming
आलू की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और उत्पादन
आलू की खेती भी लगभग पुरे विश्व में की जाती है| आलू की सम्भावनाओं को देखते हुए, आलू की जैविक खेती किसानो के लिए वरदान साबित हो सकती है| क्योंकि आलू पौष्टिक तत्वों का खजाना है, इसमें सबसे प्रमुख स्टार्क, जैविक प्रोटीन, सोडा, पोटाश और विटामिन ए व डी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते है| [Read More] …
प्याज में समेकित नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; अच्छे उत्पादन हेतु
प्याज में समेकित नाशीजीव प्रबंधन अच्छी पैदावार के लिए जरूरी है| क्योंकि प्याज एक बहुत ही महत्वपूर्ण सब्जी फसल है| जिसकी पूरे देश में व्यापक रूप से खेती की जाती है| प्याज 1.20 मिलियन हेक्टेयर क्षेत्र में उगाया जाता है, जिसका वार्षिक उत्पादन 20.6 मिलियन टन हैं, जो उत्पादकता के मामले में कई देशों से [Read More] …
भिंडी की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और उत्पादन
भिंडी की जैविक खेती वर्तमान की आवश्यकता है| क्योंकि भिंडी एक वर्षीय शाकीय पौधा है, जो देश के प्रायः सभी राज्यों में उगाया जाता है| भिंडी में कीड़ों व रोगों का प्रकोप अधिक होता है| जिसका नियंत्रण रासायनिक विधि से करने से दवा का असर स्वास्थ्य पर पड़ता है| जिससे लोग रोगों से ग्रसित हो [Read More] …
ग्वार की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और उत्पादन
ग्वार की जैविक खेती समय की आवश्यकता है| क्योंकि ग्वार की फसल मुख्य रूप से चारा, हरी खाद, दाने और मानव आहार के लिए बोई जाती है| ग्वार का औद्योगिक महत्व भी है| क्योंकि इससे- गम तैयार किया जाता है| ग्वार के दानों में 28 से 30 प्रतिशत गौंद की मात्रा पाई जाती है| ग्वार [Read More] …
गन्ने की जैविक खेती: किस्में, रोपाई, सिंचाई, देखभाल और उत्पादन
गन्ने की जैविक खेती किसानों के लिए चिंतन का विषय है, क्योंकि जैविक खेती एक समग्र रूप से उत्पादन प्रबंधन प्रणाली है| जो स्वस्थ कृषि पारिस्थितिक क्षेत्र सहित जैव विविधता, जैविक चक्र तथा जैविक गतिविधियों को प्रोत्साहन और बढ़ावा देती है| गन्ने की जैविक खेती दुनिया भर में करीब 50,000 हेक्टेयर क्षेत्र में की जाती [Read More] …
नीम आधारित जैविक कीटनाशक कैसे बनाएं; जाने बनाने का तरीका
नीम आधारित जैविक कीटनाशक (बायो पेस्टीसाइड्स) समन्वित कीट प्रबन्धन में फसलों को कीट व्याधि से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण और उपयुक्त घटक मानी गई है| इनके उपयोग से पर्यावरण को बिना नुकसान पहुँचाये फसलों के रस चूसने वाले कीटों, मधुआ, थ्रिप्स, सफेद मक्खी इत्यादि पर प्रभावी नियंत्रण किया जा सकता है| आजकल कई बहुराष्ट्रीय या [Read More] …
तिल में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन | तिल में कीट और रोग नियंत्रण
तिल तिलहनी फसलों में एक प्रमुख स्थान रखती है| तिल को अनेक प्रकार के व्यंजनों, उत्पादों और तेल के रूप में उपयोग किया जाता है| इसलिए तिल हमारे लिए अतिमहत्वपूर्ण तिलहनी फसल है| इसकी सफलतम खेती से अधिकतम उत्पादन लेने के लिए उचित रख-रखाव और देखभाल की जरूरत पड़ती है| तिल की फसल में कुछ [Read More] …
सोयाबीन की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
सोयाबीन एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है| सोयाबीन की जैविक खेती आज की आवश्यकता बन गई है| क्योकि वर्तमान में किसानों को सरकारी प्रोत्साहन और जैविक उत्पादों को मिलने वाले उचित मूल्यों के कारण जैविक पद्धति से उगाई गई सोयाबीन की विश्व में मांग बढ़ी है| जिससे मुख्यतः तेल उत्पादन के अलावा सोयाबीन का सोया पनीर, [Read More] …
मूंगफली फसल में समेकित नाशीजीव प्रबंधन (आईपीएम) कैसे करें
मूंगफली फसल में समेकित नाशीजीव प्रबंधन (आईपीएम), मूंगफली भूमि में नाईट्रोजन की वृद्धि करने वाली लेग्युमिनेसी कुल की फसल हैं| यह खरीफ और जायद के मौसम में उगायी जाने वाली महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है| हमारे देश में इसे मुख्यतः गुजरात, आन्ध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू, राजस्थान, उड़ीसा और मध्य प्रदेश राज्यों में उगाया जाता है| भारत में [Read More] …