मूंगफली एक महत्वपूर्ण तिलहनी फसल है| तिलहनी फसल होने के साथ ही यह एक महत्वपूर्ण पौष्टिक खाद्य फसल और पशुओं के राशन तथा चारे के रूप में भी प्रयोग की जाती है| मूंगफली दलहनी वर्ग की भी फसल मानी जाती है, क्योंकि इसकी जड़ग्रन्थियों में निवास करने वाले जीवाणुओं से वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का भूमि में [Read More] …
Organic Farming
मूंगफली की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
मुंगफली खरीफ और जायद में उगाई जाने वाली प्रमुख तिलहन फसल है| किसान बन्धु मूंगफली की जैविक खेती द्वारा इससे अच्छा मुनाफा ले सकते है| क्योकि इसको अनेक प्रकार से मानव आहर में प्रयोग किया जाता है और वर्तमान में जैविक खेती के उत्पाद की मांग बढ़ रही है| लेकिन मूंगफली की जैविक खेती से [Read More] …
मूंग एवं उड़द की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, देखभाल और पैदावार
दलहनी फसलों में मूंग एवं उड़द की महत्वपूर्ण भूमिका है| इनसे पौष्टिक तत्व प्रोटीन प्राप्त होने के अतिरिक्त फलियाँ तोड़ने के उपरांत फसलों को भूमि में पलट देने से मिटटी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा में वृद्धि कर रासायनिक उर्वरकों के उपयोग में बचत होती है| मूंग की फसल को खरीफ, रबी और जायद तीनों [Read More] …
अरहर की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और पैदावार
अरहर की जैविक खेती, देश में क्षेत्रफल और उत्पादन दोनों की दृष्टि से अरहर का दलहनी फसलों में प्रमुख स्थान है, जिसकी उत्पादकता 500 से 700 किलोग्राम प्रति हैक्टेयर हैं| कम उत्पादकता का प्रमुख कारण कम उर्वरकों का उपयोग तथा कम उत्पादकता वाली किस्मों का बोया जाना है| सम्पूर्ण भारत में अरहर की दाल बड़े [Read More] …
बाजरा की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और पैदावार
बाजरा की जैविक खेती गर्म जलवायु और 50 से 60 सेन्टीमीटर वर्षा वाले क्षेत्रों में अच्छी तरह से की जा सकती है| बाजरे की फसल अधिक वर्षा वाले उन क्षेत्रों में अच्छी तरह से की जा सकती है जहां पर उचित जल निकास हो| बाजरा की जैविक खेती के लिए उपयुक्त जलवायु बाजरा फसल के [Read More] …
जैविक विधि से कीट और रोग तथा खरपतवार प्रबंधन कैसे करें?
जैविक विधि से कीट एवं रोग और खरपतवार नियन्त्रण अवश्यक है क्यों की वर्तमान खेती में रासायनिक उर्वरक और कीट नाशक रसायनों का प्रयोग दिनों-दिन बढ़ रहा है| इसके परिणामस्वरूप पर्यावरण प्रदूषण एवं भूमि की उर्वरा शक्ति का ह्रास हो रहा है| साथ ही साथ फल, सब्जी तथा अनाज की गुणवत्ता में भी गिरावट आ [Read More] …
जैविक कृषि प्रबंधन के अंतर्गत फसल उत्पादन के बिंदु और लाभ
जैविक कृषि प्रबंधन के अन्तर्गत एक आम धारणा के अनुसार जैविक कृषि का अर्थ है, बिना रसायनिक उत्पादों के खेती करना परन्तु वास्तव में यह एक ऐसी जीवन शैली है| जिसमें प्रकृति के सहयोग से सभी जीव स्वरूपों जैसे पौधे, पशु, मानव आदि के बीच सामंजस्य स्थापित कर बिना किसी बाहरी उत्पादों, की मदद के [Read More] …
मक्का की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और उत्पादन
मक्का की जैविक खेती, भारत में मक्का खरीफ मौसम की एक प्रमुख फसल है| यह एक बहुउपयोगी फसल है, जिसका प्रयोग भोजन एवं अन्य परिष्कृत खाद्य पदार्थ जैसे कार्न फ्लेक्स, पापकोर्न आदि में किया जाता है| खाद्य पदार्थ के रूप में उपयोग होने के कारण यदि इसका जैविक उत्पादन किया जाये तो अधिक लाभ होगा, [Read More] …
कपास में समेकित नाशीजीव प्रबंधन | कपास में कीट और रोग नियंत्रण
कपास में समेकित नाशीजीव प्रबंधन, कपास भारत की प्रमुख फसलों में से एक है जो देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| कपास की उच्च उपज वाली किस्मों के विकास, प्रौद्योगिकी के उपयुक्त हस्तांतरण, बेहतर कृषि प्रबंधन प्रथाओं को अपनाने एवं संकर बीटी कपास की खेती के तहत बढ़े हुए क्षेत्र के माध्यम [Read More] …
हांडी जैविक कीटनाशक क्या है? | हांडी जैविक कीटनाशक कैसे बनाएं?
हांडी दवा एक जैविक कीटनाशक है| हमारे देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है एवं किसानों की मुख्य आय का साधन खेती है| अधिक उत्पादन के लिए खेती में अधिक मात्रा में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशक का उपयोग करना पड़ता है, जिससे जल, भूमि, वायु तथा वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है और [Read More] …