मेडागास्कर (एसआरआई) विधि धान उत्पादन की एक तकनीक है, जिसके द्वारा पानी के बहुत कम प्रयोग से भी धान का बहुत अच्छा उत्पादन सम्भव होता है| मेडागास्कर को सघन धान प्रनाली के नाम से भी जाना जाता है| धान एवं पानी का रिश्ता अटुट है, यह सभी किसान जानते हैं लेकिन जब से रासायनिक उर्वरकों [Read More] …
Organic Farming
बासमती धान में समेकित नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; जाने उपाय
बासमती धान की फसल जो कि मुख्य रूप से हरियाण, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब एवं उत्तरांखण्ड राज्यों में उगाई जाती है| बासमती धान अनेक कीड़ों और रोगों के प्रकोप से प्रभावित होती है| किसान इनके नियंत्रण के लिए रासायनिक कीटनाशकों और फफूदीनाशकों का अविवेकपूर्ण प्रयोग करते हैं| जिससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है, बल्कि [Read More] …
धान की जैविक खेती: किस्में, रोपाई, सिंचाई, देखभाल और उत्पादन
भारत धान की जैविक और परम्परागत पद्धति की खेती में विश्व में विशेष स्थान रखता है| धान की खेती यहां की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में अपनी गहरी छाप रखती है| आधुनिक कृषि पद्धति में सघन खेती, रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों एवं नींदानाशकों के अंधाधुंध प्रयोग से भारत लगभग फसलोत्पादन में आत्मनिर्भर तो हो गया [Read More] …
आलू में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; जाने अच्छी उपज हेतु
आलू की फसल हमारे देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, क्योंकि यहां की जलवायु आलू उत्पादन के लिए बहुत अनुकूल है| आलू में लगभग भारत के हर क्षेत्र का उत्पादन में योगदान है| आलू का प्रयोग अधिकतर पोष्टिक व्यंजन, सब्जी एवं आलू के चिप्स बनाने में किया जाता है| हमारे किसानों को इसके [Read More] …
दलहनी फसलों में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; जाने उपाय
दलहनी फसलें हमारे देश की खाद्य सामग्री में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं| दलहनी फसलों का हमारी कृषि पद्धति में प्रमुख स्थान है, क्योंकि इनकी खेती में लागत थोड़ी आती है और यह भूमि को उपजाउ करने की क्षमता रखती है तथा उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है, जहां पर नमी की कमी होती है| दलहनें [Read More] …
तिलहनी फसलों में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; जाने उपाय
तिलहनी फसलें उन फसलों को कहते हैं, जिनसे वनस्पति तेल का उत्पादन होता है| तिलहनी फसलों में प्रमुख हैं, जैसे- तिल, सरसों, मूँगफली, सोयाबीन तथा सूरजमुखी| हमारे देश में तिलहनी फसलों की खेती अनुपजाऊ भूमि और पानी की कमी वाले क्षेत्रों में की जाती है| क्षेत्रफल की दृष्टि से खाद्यान्न फसलों के बाद भारत में [Read More] …
गेहूं में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; जाने उपयोगी उपाय
गेहूं विश्व में विस्तृत क्षेत्र में उगाई जाने वाली फसल है, भारत में यह द्वितीय मुख्य खाद्य फसल है| हमारे देश में गेहूं की उत्पादकता कम होने के प्रमुख कारणों में से रोग और कीट प्रमुख है| जो कि प्रतिवर्ष लगभग 10 से 20 प्रतिशत तक हानि पहुँचाते है, इसलिए इस क्षति को कम करने [Read More] …
मक्का में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; जाने उपयोगी उपाय
मक्का में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन, हमारे देश में मक्का खरीफ मौसम की एक प्रमुख फसल है| यदि किसान क्षेत्र विशेष तथा परिस्थितियों के अनुसार अनुमोदित उन्नत किस्मों का चयन कर अच्छी गुणवत्ता के बीजों का चुनाव करें, बीज की सही मात्रा डालें, बिजाई सही समय और सही विधि से करें, मक्का में उर्वरकों का सही [Read More] …
फल व फली छेदक कीट का एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें
फल व फली छेदक (हेलिकोवरपा आर्मीजेरा) एक बहुत ही हानिकारक कीट है| जो कि हर फसल पर आक्रमण कर उन्हें नुक्सान पहुंचाता है| फल व फली छेदक कीट का प्रकोप मुख्य रूप से चना, मटर, फ्रासबीन, भिन्डी, टमाटर व गोभी में अधिक देखा गया है| किसानों भाइयों के लिए यह आवश्यक है, कि वे इस [Read More] …
सब्जियों में एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन कैसे करें; अच्छी उपज हेतु
सब्जियों में भारत पूरे विश्व में महत्वपूर्ण स्थान रखता हैं या यु कहें की सब्जियां पूरे विश्व में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं, और मनुष्य के भोजन का एक अभिन्न तत्व हैं| दिन प्रतिदिन बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ-साथ सब्जियों की आवश्यकता भी हर रोज बढ़ती जा रही है, लेकिन कृषि योग्य भूमि की एक सीमा [Read More] …