मसूर की जैविक या परम्परागत खेती प्रमुख रूप से दाल के लिए की जाती है| इसकी दाल अन्य दालों की अपेक्षा अधिक पोष्टिक होती हैं| मसूर के 100 ग्राम दाने में औसतन 25 ग्राम प्रोटीन, 1.3 ग्राम वसा, 60.8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 3.2 ग्राम रेशा, 68 मिलीग्राम कैल्सियम, 7 मिलीग्राम लोहा, 0.21 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन, 0.1 मिलीग्राम [Read More] …
Organic Farming
चने की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, खाद तत्व, देखभाल और उत्पादन
चने की जैविक खेती में भारत प्रमुख चना उत्पादक देश है| क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे देश का महत्वपूर्ण योगदान है| चने की खेती शुष्क और कम पानी वाले क्षेत्रों में अधिक की जाती है| इसलिए जैविक चना उत्पादन भी सरलता से किया जा सकता है| चना भारत की महत्वपूर्ण [Read More] …
गेहूं की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, खाद तत्व, देखभाल और उत्पादन
गेहूं की जैविक खेती उत्पादन की वह पद्धति है, जिसमें फसलों के उत्पादन हेतु प्राकृतिक संसाधनों जैसे- गोबर की सड़ी खाद, हरी खाद, जैव उर्वरकों इत्यादि का प्रयोग फसलों को पादप पोषण और रसायन रहित कीट, रोग एवं खरपतवार नियंत्रण हेतु किया जाता है| इसका आशय यह है, कि गेहूं की जैविक खेती में संश्लेषित [Read More] …
सरसों की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और उत्पादन
सरसों की जैविक खेती, देश क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से सरसों का तिलहनी फसलों में प्रमुख स्थान है| सरसों रबी की एक प्रमुख तिलहनी फसल है, जिसका भारतीय अर्थव्यवस्था में एक विशेष स्थान है| इसकी खेती मुख्य रूप से राजस्थान, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, छतीसगढ़ और अन्य राज्यों में की जाती है| इस लेख में [Read More] …
ऑर्गेनिक या जैविक खेती: लाभ, प्रमुख घटक, उद्देश्य और प्रबंधन
ऑर्गेनिक या जैविक खेती भारत कृषि प्रधान देश है, यहाँ अधिकांश जनसंख्या गांवों में निवास करती है और 60 से 65 प्रतिशत से अधिक रोजगार खेती से ही प्राप्त होता है| दिनो-दिन जनसंख्या वृद्धि के साथ-साथ खाद्यानों की मांग भी बढ़ रही है, अधिकाधिक उत्पादन की होड़ में रसायनिक उर्वरकों , रोग और कीटनाक्षकों का [Read More] …
केंचुआ खाद क्या है?: वर्मी कम्पोस्ट: बनाने की विधि, उपयोग और लाभ
केंचुआ खाद (Vermicompost) एक जैव उर्वरक है, जो जैविक अपशिष्ट पदार्थो को केंचुआ या अन्य कीड़ो द्वारा विघटित कर के बनाई जाती है| वर्मीकम्पोस्ट खाद बिना गंध, स्वच्छ व कार्बनिक पदार्थ है, जिसमें पर्याप्त मात्रा में नाइट्रोजन, पोटाश और पोटाशियम और पौधों के विकास के लिए कई आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल है| केंचुआ खाद [Read More] …
बायो फर्टिलाइजर क्या है?: जैव उर्वरक: प्रकार, उपयोग और लाभ
जैव उर्वरक या बायो फर्टिलाइजर (Biofertilizer) को जीवाणु खाद भी कहते है क्योंकी बायो फ़र्टिलाइज़र एक जीवित उर्वरक है, जिसमें सूक्ष्मजीव विद्यमान होते है| जो फसलों में बायो फर्टिलाइजर इस्तेमाल करने से वायुमंडल में उपस्थित नाइट्रोजन पौधों को अमोनिया के रूप में आसानी से उपलब्ध होती है| और मिट्टी में पहले से उपस्थित अघुलनशील फास्फोरस [Read More] …
हरी खाद क्या है?: हरी खाद कैसे बनती है: फसलें, उपयोग और फायदे
हरी खाद (Green Manure) को एक शुद्ध फसल के रूप में खेत की उपजाऊ शक्ति, भूमि के पोषक और जैविक पदार्थो की पूर्ति करने के उदेश्य से की जाती है| इस प्रकार की फसलों को हरियाली की ही अवस्था में हल या किसी अन्य यंत्र से उसी खेत की मिट्टी में मिला दिया जाता है| [Read More] …
कम्पोस्ट खाद क्या है?: कम्पोस्ट बनाने की विधि, उपयोग और फायदे
अच्छी तरह सड़े हुए पौधों और पशु अवशेषों को कम्पोस्ट खाद कहा जाता है| कम्पोस्ट (Compost) खाद का मतलब है, की खेतो में प्रयोग से पहले उसको अच्छी तरह सड़ा लेना चाहिए, कम्पोस्ट की अवश्यक आवश्यकताओं में हवा, नमी, अनुकूल तापमान और नाइट्रोजन की एक छोटी मात्रा है| यह सूक्ष्मजीवों का एक क्रिया कलाप है [Read More] …
जैविक खेत यार्ड खाद क्या है?: बनाने विधि, उपयोग और फायदे
जैविक खेत यार्ड खाद (FYM) मूलत: मवेशियों के गोबर, मूत्र, कूड़े, अपशिष्ट पुलाव और अन्य डेयरी कचरे का उपयोग कर के तैयार किया जाता है| यह अत्यधिक उपयोगी होता है| इसके फायदे इस प्रकार है| जैविक खेत यार्ड खाद में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते है, पौधों को इस मिश्रण द्वारा संतुलित पोषक तत्व [Read More] …