गोभी वर्गीय या कोल फसलें यानि की बंदगोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, गाँठगोभी तथा ब्रुसेल्स स्प्राउट भारत में सर्दियों की सबसे प्रमुख सब्जियां हैं| गोभी वर्गीय सब्जियों के गुणवत्तापूर्वक उत्पादन में नर्सरी से कटाई उपरांत तक विभिन्न बीमारियों जैसे मृदुरोमिल आसिता, आर्द्र पतन, काले सड़न या ब्लैक रूट, विगलन, स्क्लेरोटिनिया तना सड़न रोग एवं अल्टरनेरिया काला धब्बा [Read More] …
Vegetable Farming
अगेती खेती के लिए सब्जियों की पौध कैसे तैयार करें? आधुनिक विधियाँ
अगेती खेती के लिए ठण्डे वातावरण में यानि जब दिन का तापमान और रात्रि का न्यूनतम तापमान लगभग 0 से 20 सेल्सियस होता है, तभी ऐसे वातावरण में पोलीहाऊस के माध्यम से सब्जियों की स्वच्छ और स्वस्थ पौध तैयार की जा सकती है| सब्जियों की अगेती फसल लेने के लिए बेमौसमी पौध द्वारा सब्जी का [Read More] …
सब्जियों की नर्सरी कैसे तैयार करें | सब्जियों की पौध कैसे तैयारी करें
सब्जियों की खेती में सब्जियों की नर्सरी (पौधशाला) में पौध तैयार करना एक कला है| इसे सुचारू रूप से तैयार करने के लिये तकनीकी जानकारी का होना आवश्यक है| एक सफल किसान बन्धु का प्रयत्न रहता है, कि कम से कम लागत में अधिक से अधिक उत्पाद प्राप्त कर सके| जो किसान सफल पौध तैयार [Read More] …
परवल की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
परवल की खेती कद्दू वर्गीय सब्जी की फसलो में आती है, इसकी खेती बहुवर्षीय की जाती है| परवल की खेती (Parwal farming) ज्यादातर पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल में की जाती है| परवल अत्यन्त ही सुपाच्य, पौष्टिक, स्वास्थ्यवर्धक एंव औषधीय गुणों से भरपूर एक लोकप्रिय सब्जी है| परवल शीतल, पित्तानाशक, हृदय एंव मूत्र सम्बन्धी [Read More] …
तरबूज की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
गर्मी के दिनों में तरबूज एक अत्यन्त लोकप्रिय फल एवं सब्जी मानी जाती है| इसके फल पकने पर काफी मीठे एवं स्वादिष्ट होते हैं| तरबूज की खेती (Farming of watermelon) हिमालय के तराई क्षेत्रों से लेकर दक्षिण भारत के राज्यों तक विस्तृत रूप में की जाती है| इसके फलों के सेवन से “लू’ नहीं लगती [Read More] …
खरबूजे की खेती: किस्में, बुवाई, पोषक तत्व, सिंचाई, देखभाल, पैदावार
कद्दूवर्गीय फसलों में खरबूजा एक महत्वपूर्ण फसल है| खरबूजे की खेती (Melon farming) मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार और मध्य प्रदेश के गर्म तथा शुष्क क्षेत्रों में की जाती है| हमारे देश के उत्तर-पश्चिम में खरबूजा की खेती व्यापक रूप से की जाती है| इसकी खेती नदियों के किनारे मुख्य [Read More] …
जिमीकंद की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, देखभाल और पैदावार
जिमीकंद या सूरन एक भूमिगत कंद है| जो इसकी उपज क्षमता तथा पाक गुणों के कारण लोकप्रिय हो रहा हैं| उच्च उपज, गैर-तीखेपन वाले किस्मों के प्रवेश के कारण इसे पूरे भारत में व्यावसायिक उत्पादन हेतु अपनाया जा रहा हैं| यह कार्बोहाइड्रेट और खनिजों जैसे कैल्शियम और फॉस्फोरस से समृद्ध हैं| बवासीर, पेचिश, दमा, फेफड़ों [Read More] …
शलजम की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल, पैदावार
शलजम (Turnip) भारत के अधिकतर हिस्सों की फसल है| यह एक जड़ का फल या सब्जी है, जिसका उपयोग सलाद या सब्जी के रूप में किया जाता है| शलजम विटामिन और खनिज का स्रोत है| इसका वनस्पति भाग पशुओं के लिए पौष्टिक आहर है| किसान भाई आधुनिक तकनीकी से इसकी खेती कर के अच्छा मुनाफा [Read More] …
मूली की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल और पैदावार
हमारे देश में मूली की खेती (Radish farming) प्रायः सभी क्षेत्रों में की जाती है| सामान्यतः सब्जी उत्पादक कृषक सब्जियों की अन्य फसलों की मेढ़ों पर या छोटे-छोटे क्षेत्रों में मूली लगाकर आय अर्जित करते है| शीत ऋतु में भी कृषक इसकी फसल को 30 से 60 दिन में तैयार कर पुनः बोवनी कर दो [Read More] …
पालक की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, प्रबंधन, देखभाल, पैदावार
पालक की खेती (Spinach farming) का हरी सब्जी फसलों में विशेष स्थान है| देश के लगभग सभी भागों में रबी, खरीफ एवं जायद तीनों मौसम में इसकी खेती की जाती है| देशी तथा विलायती दो प्रकार की पालक अलग-अलग क्षेत्रों में उगाई जाती है| देशी पालक की पत्तियाँ चिकनी अंडाकार, छोटी एवं सीधी होती है| [Read More] …