ग्रीष्म व जायद ऋतू में उगाई जाने वाली कद्दू वर्गीय सब्जियों में चप्पन कद्दू बहुत ही महत्वपूर्ण है| जबकि पॉली हाउस या ग्रीन हाउस में इसकी खेती वर्ष भर की जाती है| यह कुकुरबिटेसी कुल के अन्तर्गत आती हैं| चप्पन कद्दू की खेती उत्तर भारत के साथ-साथ पहाड़ी क्षेत्रों में भी बड़े पैमाने पर की [Read More] …
ककड़ी की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, पोषक तत्व, देखभाल, पैदावार
जायद ऋतू में उगाई जाने वाली कद्दू वर्गीय सब्जियों में ककड़ी बहुत ही महत्वपूर्ण है| यह कुकरबिटेसी परिवार से संबंधित है एवं इसका बानस्पतिक नाम कुकमिस मेलो है| इसका मूल स्थान भारत है| यह हल्के हरे रंग की होती है, जिसका छिल्का नर्म और गुद्दा सफेद होता है| इसे मुख्य रूप से कच्ची अवस्था में [Read More] …
चिकनी तोरई की खेती: किस्में, सिंचाई, पोषक तत्व, देखभाल, पैदावार
चिकनी तोरई कद्दूवर्गीय सब्जियों में अत्यन्त ही महत्वपूर्ण स्वास्थवर्धक और पौष्टिक गुणों से भरपूर सब्जी है| इसका अंग्रेजी नाम स्पान्ज गार्ड एवं वानस्पतिक नाम लूफा सिलेन्ड्रिका या लूफा इजिप्टिका है| इसकी खेती देश के लगभग सभी राज्यों में सुगमता पूर्वक की जाती है| चिकनी तोरई के कोमल मुलायम फलों को सब्जी के लिए उपयोग में [Read More] …
सोवा की खेती: किस्में, बुवाई, सिंचाई, पोषक तत्व, देखभाल, पैदावार
सोवा (सुवा) को मसाला फसल के रूप में जाना जाता है| इसकी खेती समूचे मध्य भारत में की जाती है| सोवा (सुवा) में एक विशेष सुगंध पाई जाती है| इसकी हरी सुगंधित पत्तियों का उपयोग चटनी, आलू, बैंगन, पालक व दूसरी सब्जियों के साथ में किया जाता है| सोवा के बीज से दाल, सब्जी, व [Read More] …
मूली की उन्नत किस्में | मूली की सबसे अच्छी किस्में कौन सी है?
मूली की फसल लेने के लिए ऐसी उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए, जो देखने में सुंदर व खाने में स्वादिष्ट हो, साथ ही अपने क्षेत्र की प्रचलित और अधिक पैदावार देने वाली होनी चाहिए| मूली की खेती मैदानी इलाकों में सितंबर से जनवरी तक और पहाड़ी इलाकों में मार्च से अगस्त तक आसानी से [Read More] …
धनिया की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, खाद, सिंचाई, देखभाल, उपज
धनिया की जैविक खेती का अपना विशेष महत्व है, क्योंकि मसाले के रूप में धनिया का उपयोग प्राचीन काल से हो रहा है| धनिया के बीज एवं पत्ते में विटामिन ‘ए’ प्रचुर मात्रा में पाया जाता है| सूखे बीजों में 11.2 प्रतिशत नमी, 14.1 प्रतिशत प्रोटीन, 16.1 प्रतिशत वसा, 21.6 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 32.6 प्रतिशत रेशा [Read More] …
धनिया फसल के रोग एवं कीट और उनकी रोकथाम कैसे करें
हरी पत्ती और बीजिये मसालों में धनिया फसल का प्रमुख स्थान है| धनिया की फसल दानों एवं पत्तियों दोनों के लिए उगाई जाती है| धनिया भोजन को सुगन्धित व स्वादिष्ट बनाता है और औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है| धनिया की फसल को कीट एवं रोग हानी पहुचाकर उत्पादन को बहुत प्रभावित [Read More] …
धनिया की उन्नत किस्में | धनिया की सबसे अच्छी किस्में कौन सी है?
धनिया की फसल से अधिकतम उत्पादन प्राप्त करने के लिए उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिये| इसके साथ-साथ अपने क्षेत्र की प्रचलित और अधिक उपज देने वाली तथा विकार रोधी गुणों वाली किस्म होनी चाहिए| इन सब के लिए कृषकों को धनिया की किस्मों के प्रति जागरूक होना चाहिए| जिससे इसकी फसल से भरपूर पैदावार [Read More] …
अदरक की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, खाद, सिंचाई, देखभाल, उपज
अदरक हमारे देश की एक महत्वपूर्ण मसाला फसल है| अदरक की जैविक खेती द्वारा उत्पादक कम खर्च में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है| अदरक की जैविक खेती पर्यावरण और मानव जीवन के लिए तो सुरक्षित है, ही साथ में कंद भी उच्च गुणवता के प्राप्त होते है| जिनका मूल्य भी अधिक मिलता है और [Read More] …
अदरक फसल के कीट एवं रोग और उनका जैविक प्रबंधन कैसे करें
हमारे देश में अदरक की फसल एक महत्वपूर्ण मसला फसल है| अदरक के विशिष्ट गुणों की वजह से मसाला परिवार में इसका महत्वपूर्ण स्थान है| लेकिन इस फसल को अनेक कीट एवं रोग और सूत्रकृमि प्रभावित करते है| जिससे इसके उत्पादन पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ता है| इसलिए इन कीट एवं रोग की रोकथाम आवश्यक [Read More] …