वर्टिसिलियम लेकानी (जिसे पहले सेफैलोस्पोरम लेकेनाई के नाम से जाना जाता था) फफूंद पर आधारित जैविक कीटनाशक है| वर्टिसिलियम लेकानी 1 प्रतिशत डब्लू पी, एवं 1.15 प्रतिशत डब्लू पी के फार्मुलेशन में उपलब्ध है| इसका पहली बार 1861 में वर्णन किया गया था| अब इसका फिर से नाम बदल गया है, इसका नया नाम लेक्नीसीलियम [Read More] …
मेटाराइजियम एनिसोप्ली का कृषि में उपयोग कैसे करें; जाने विधि
मेटाराइजियम एनीसोप्ली फफूंद पर आधारित जैविक कीटनाशक है| मेटाराइजियम एनिसोप्ली 1 प्रतिशत डब्लू पी और 1.15 प्रतिशत डब्लू पी के फार्मुलेशन में उपलब्ध है| मेटाराइजियम एनिसोप्ली, को पहले एंटोमोफ्थोरा एनीसोप्ली कहा जाता था| यह मिट्टी में स्वतंत्र रूप से पाया जाता है एवं यह सामान्यतयः कीटों में परजीवी के रूप में पाया जाता है| इसके [Read More] …
ब्यूवेरिया बेसियाना क्या है? | ब्यूवेरिया बेसियाना का कृषि में महत्व
ब्यूवेरिया बेसियाना एक आधारित जैविक कीटनाशक और सफेद रंग की फफूंद है| ब्युवेरिया बेसियाना 1 प्रतिशत डब्लू पी एवं 1.15 प्रतिशत डब्लू पी के फार्मुलेशन में उपलब्ध है| जो विश्व में सभी जगहों की मिट्टी में स्वाभाविक रूप से पायी जाती है| यह विभिन्न प्रकार के कीटों को एक परजीवी के रूप संक्रमित करता है, [Read More] …
जैविक कीटनाशक क्या है? | जैविक कीटनाशक कैसे तैयार करते हैं?
घरेलू तौर पर जैविक कीटनाशक तैयार करने के लिए यहाँ उदाहरण के तौर पर लेख में ट्राइकोडर्मा फफूंद को बहुगुणित करने की सरल विधि का वर्णन किया गया है| इसी विधि से हम अन्य फफूंदों पर आधारित जैविक कीटनाशक जैसे- वर्टीसीलियम लेकेनाई, ब्यूवेरिया बेसियाना, मेटाराइजियम आदि को भी तैयार कर सकते हैं| इस तकनीक का [Read More] …
ट्राइकोडर्मा विरिडी और हारजिएनम से जैविक कीट और रोग नियंत्रण
ट्राइकोडर्मा फफूंद पर आधारित घुलनशील जैविक फफूंदनाशक है| ट्राइकोडर्मा विरिडी 1 प्रतिशत डब्लू पी, 1.5 प्रतिशत डब्लू पी, 5 प्रतिशत डब्लू पी एवं ट्राइकोडर्मा हारजिएनम 0.5 प्रतिशत डब्लू एस, 1 प्रतिशत डब्लू पी, 2 प्रतिशत डब्लू पी के फार्मुलेशन में उपलब्ध है| ट्राइकोडर्मा विरिडी विभिन्न प्रकार की फसलों फलों और सब्जियों में जड़ सड़न, तना [Read More] …
बीज उपचार क्या है? | बीज उपचार कैसे करें? | बीज उपचार के लाभ?
अच्छी फसल के लिए अच्छे एवं स्वस्थ बीज आवश्यक है| बदलते हुए मौसम तथा जलवायु को देखते हुए बीजों का सही प्रबंधन जरूरी है, कि किसान अच्छी फसल एव पैदावार कर सके| वर्षा में देरी के कारण किसान भाई आमतौर पर अच्छी फसल पाने के लिए 2 से 3 बार बुवाई करते है| फसलों में [Read More] …
सोयाबीन में एकीकृत कीट प्रबंधन कैसे करें; जाने उपयोगी विधि
सोयाबीन में एकीकृत कीट प्रबंधन, यह मानसून पर आधारित हमारे देश की खरीफ की प्रमुख फसल है| सोयाबीन का प्रयोग हमारे देश में प्रोटीन एवं तेल के लिए होता है| जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के घरेलू एवं औद्योगिक कार्य में किया जाता है| गेहूं और मक्का के आटे के साथ सोयाबीन का आटा मिलाकर चपाती [Read More] …
तुलसी की खेती: किस्में, रोपाई, सिंचाई, खाद, देखभाल और उत्पादन
हमारे देश में तुलसी (Basil) का पौधा धार्मिक और औषधीय महत्त्व रखता है| इसे हिन्दी में तुलसी, संस्कृत में सुलभा, ग्राम्या, बहुभंजरी तथा अंग्रेजी में होली बेसिल के नाम से जाना जाता है| तुलसी की ओसिमम बेसीलीकम प्रजाति को तेल उत्पादन के लिए उगाया जाता है| तुलसी की इस प्रजाति की भारत में बड़े पैमाने [Read More] …
स्टीविया की खेती: किस्में, रोपाई, सिंचाई, देखभाल और उत्पादन
स्टीविया की खेती (Stevia farming), प्राचीन काल से लेकर वर्तमान तक शक्कर मनुष्य के भोजन का एक अभिन्न हिस्सा रहा है| गन्ना तथा चुकंदर लम्बे समय से शक्कर प्राप्ति का एक प्रमुख स्त्रोत है| हालांकि इन दोनों ही स्रोतों से प्राप्त शक्कर में मिठास का गुण तो होता है, परन्तु मधुमेह से पीड़ितों को इनका [Read More] …
बच की खेती: किस्में, रोपाई, सिंचाई, पोषक तत्व, देखभाल, उत्पादन
बच एरेसी कुल का एक पौधा है| जिसका वानस्पतिक नाम ‘एकोरस केलमस’ है| इसका तना बहुतशाखित एवं भूमिगत होता है| पत्तियां रेखाकार से भालाकार, नुकीली मोटी मध्य शिरा युक्त होती है| इसका पुष्पक्रम 4.8 सेंटीमीटर का स्पेडिक्स होता है| इसके फूल हरापन लिए पीले होते हैं और इसके फल लाल तथा गोल होते हैं| बच [Read More] …