समस्त जीवधारियों की तरह फसलों या पौधों को भी भोजन की आवश्यकता होती है, परन्तु पौधे इसके लिए किसी बाहयकरण कारक पर निर्भर नहीं हैं| प्रकृति में फसलों या पौधों में यह क्षमता पाई जाती है, कि वे अपने भोजन का निर्माण स्वयं कर सकते हैं| फसलों या पौधों के लिए आवश्यक खनिज तत्वों की [Read More] …
मूंग की बसंतकालीन खेती: किस्में, बुवाई, खाद तत्व, देखभाल, उपज
मूंग की बसंतकालीन उन्नत खेती, संसार में दलहनी फसलों का सबसे अधिक क्षेत्रफल भारत में है| फसल पद्धतियों के विकास में दलहनी फसलों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है| एक और ये भूमि की उर्वरा शक्ति को बनाए रखती हैं, दूसरी और पोषक आहार के रूप में दाल हमारे भोजन का प्रमुख हिस्सा है| दाल के [Read More] …
जीवामृत बनाने की विधि: सामग्री, उपयोग, प्रभाव और फायदे
जीवामृत, वर्तमान में खेती आमतौर पर विदेशों से आयातित या अपने देश में निर्मित कृषि रसायनों पर आधारित है| परिणाम स्वरूप खेती निरन्तर महंगी, विषाक्त जल एवं वातावरण प्रदूषण की समस्या भयावह होती जा रही है| कृषि रसायन के अंधाधुंध उपयोग के कारण भूमि में जीवान्श (जैविक कार्बन) की कमी होती जा रही है| देश [Read More] …
अलसी की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, खाद तत्व, देखभाल, उत्पादन
अलसी की जैविक खेती, यह तिलहनी फसल है जो एक या दो पानी में तैयार हो जाती है| अलसी किसानों को कम लागत में समुचित आर्थिक लाभ पहुंचाती है| इसके भूसे और छोटे रेशों का उपयोग कलात्मक कागज एवं हार्डबोर्ड बनाने के लिए कच्चा माल के तौर पर भी उपयोग किया जाता है| खुरदुरे अलसी [Read More] …
मसूर की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, खाद तत्व, देखभाल, उत्पादन
मसूर की जैविक या परम्परागत खेती प्रमुख रूप से दाल के लिए की जाती है| इसकी दाल अन्य दालों की अपेक्षा अधिक पोष्टिक होती हैं| मसूर के 100 ग्राम दाने में औसतन 25 ग्राम प्रोटीन, 1.3 ग्राम वसा, 60.8 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 3.2 ग्राम रेशा, 68 मिलीग्राम कैल्सियम, 7 मिलीग्राम लोहा, 0.21 मिलीग्राम राइबोफ्लेविन, 0.1 मिलीग्राम [Read More] …
चने की अधिक पैदावार के लिए आवश्यक सुझाव: आधुनिक टिप्स
चना एक दलहनी फसल है, और भारत इसका प्रमुख उत्पादक है| लेकिन चने की अधिक पैदावार से हमारे किसान भाई जानकारी के या संसाधनो आभाव काफी पीछे है| इस लेख में चने की अधिक पैदावार लेने के लिए आवश्यक बिंदू सुझाएँ गये है, जिनको उपयोग में लाकर कृषक अपनी चने की खेती से सफलतापुर्वक अच्छी [Read More] …
गेहूं की पैरा विधि से खेती: किस्में, बुवाई, खाद, देखभाल और उत्पादन
गेहूं की पैरा विधि से खेती, गेहूं ऐसी फसल है, जो सभी प्रकार के जलवायु में अच्छी पैदावार देती है| वैसे तो यह प्रमुख रूप से ठण्डे प्रदेशों में पैदा की जाती थी, परन्तु कृषि वैज्ञानिकों के प्रयासों से यह अब पूरे विश्व में पैदा की जाने लगी है| वर्तमान युग में इसे खाद्यान्नों के [Read More] …
चना उत्पादन कम होने के मुख्य कारण: जाने महत्वपूर्ण बिंदु
भारत चना उत्पादन में प्रमुख स्थान रखता है, लेकिन कुछ प्रमुख कारणों से हम क्षेत्रफल के हिसाब से अन्य देशों से चना उत्पादन में पिछड़े है, इस लेख में भारत में चना के उत्पादन और उत्पादकता को प्रभावित करने वाले प्रमुख अवरोधकारी तत्वों को संक्षिप्त रूप में निम्न प्रकार से वर्णित किया जा रहा है, [Read More] …
चने की जैविक खेती: किस्में, बुवाई, खाद तत्व, देखभाल और उत्पादन
चने की जैविक खेती में भारत प्रमुख चना उत्पादक देश है| क्षेत्रफल और उत्पादन की दृष्टि से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हमारे देश का महत्वपूर्ण योगदान है| चने की खेती शुष्क और कम पानी वाले क्षेत्रों में अधिक की जाती है| इसलिए जैविक चना उत्पादन भी सरलता से किया जा सकता है| चना भारत की महत्वपूर्ण [Read More] …
चने की उन्नत किस्में | चना की किस्में | चने की अच्छी किस्म कौन सी है
चने की उन्नत किस्में, दलहनी फसलों में चना एक महत्वपूर्ण फसल है| चने के दानों में 21 प्रतिशत प्रोटीन, 62 प्रतिशत कोर्वोहाइड्रेट, रेशा, वसा, कैल्श्यिम, लोहा और हरे चने में प्रचुर मात्रा में विटामिन “सी” पाया जाता है| चना दुधारू पशुओं और विशेषकर घोड़ों को खिलाने के काम आता है| इसका भूसा नमकीन होने के [Read More] …