अनार की किस्मों का चयन करते समय सदैव बहुत सावधानी रखे, क्योकिं किस्मों का प्रदर्शन, क्षेत्र की जलवायु, मौसम विशेष, मृदा की दशा इत्यादि पर निर्भर करता है| क्षेत्र विशेष के लिये किस्म का चुनाव करते समय उसकी उत्पादन क्षमता, पकाव की अवधि, बाजार की मांग, भण्डारण क्षमता, कीट एवं बीमारियों से प्रतिरोधिता इत्यादि बातो को ध्यान में रखे| रोपण हेतु नये पौधे खरीदते समय यह भी ध्यान रखे कि पौधा उसी किस्म का तो है की नही जिसकी जरूरत है और यह भी सुनिश्चित कर ले कि पौधा स्वस्थ एवं रोग मुक्त है|
जिस खेत में बाग़ लगाना है, वहां अनार के पौधों को 10 से 15 पहले लाकर रख ले ताकि पौधे वहां के वातारण में अच्छे से घुल मिल जाये| इस लेख में कृषकों के लिए हमारे देश में उगाई जाने जाने वाली कुछ उन्नत किस्में उनकी विशेषताएं और पैदावार की जानकारी का उल्लेख है| अनार की वैज्ञानिक तकनीक से खेती कैसे करें की विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें- अनार की खेती कैसे करें
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अनार की किस्में
गणेश- इस अनार की किस्म का विकास 1936 में अलान डी से किया गया तथा 1970 में इसका नाम गणेश रखा गया| इस किस्म के फलों का आकार मध्यम (200 से 300 ग्राम वजन) होता है| बीज कोमल, हल्के गुलाबी, रसदार, मीठे और खाने में स्वादिष्ट होते है| महाराष्ट्र में इस किस्म ने अनार की खेती में नई क्रांति ला दी है| औसत पैदावार 8 से 12 किलोग्राम फल प्रति पौधा प्राप्त होते है|
भगवा- इस किस्म के फल कम फटने वाले, वजन में 250 से 300 ग्राम के बहुत आकर्षक, केसरी रंग के तथा चमकदार होते हैं| बीज गोल, आकर्षक लाल रंग के, नरम तथा मीठे होते हैं| बाजार में इस किस्म को अच्छे भाव मिलते हैं| यह अनार की किस्म निर्यात के लिए उपयुक्त है| इस किस्म के फल धब्बे और अनार की अन्य व्याधियों के लिए अन्य किस्मों के फलों की तुलना में असंवेदनशील पाये गए हैं|
मृदुला- यह अनार की अच्छी उपज देने वाली संकर किस्म है| जो गणेश और गुलसा रोज के क्रास से तैयार की गई है| इसके फल का औसत वजन 250 से 300 ग्राम होता है| दाने गहरे लाल रंग के होते हैं|
ज्योति- इस अनार की किस्म के फल मध्यम आकार के, पीलापन लिए लाल रंग के होते हैं| बीजावरण लाल तथा बीज मुलायम होते हैं| इसकी पैदावार क्षमता 18,000 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर पाई गई है|
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अरक्ता- इस अनार की किस्म का फल आकार में बड़ा, मुलायम बीज, सुदृढ़ लाल दाने के साथ साथ मीठा भी होता है| यह किस्म बेहतर प्रबंधन के मामले में उच्च पैदावार (30 से 35 किलोग्राम प्रति पौधा) देती है| फल 120 से 135 दिनों के भीतर तैयार हो जाते हैं, यह अगेती किस्म है|
रूबी- इसके फल छोटे या मध्यम आकार (225 से 250 ग्राम वजन) व पतले छिलके वाले होते हैं| दाने स्वादिष्ट, मीठे, मुलायम और लाल होते हैं|
जालौर सीडलैस- इस अनार की किस्म के फलों की तुड़ाई पुष्पन के 138 से 143 दिनों बाद कर सकते है| फल बड़े (200 ग्राम वजन) बहुत ही आकर्षक, छिलके का रंग गुलाबी से लाल होता है और बीज अत्यंत ही मुलायम व रसीले होते है| शुष्क क्षेत्रों की लोकप्रिय किस्म है|
जोधपुर रेड- इस अनार की किस्म का पौधा बड़ा होता है| फल का रंग पीलापन लिए गुलाबी रंग का होता है| फल बहुत मुलायम होता है और इसमें फल फटने की समस्या बहुत ही कम होती है| इसके फलों में लगभग 66 प्रतिशत तक रस होता है| यह भी उत्तर-पश्चिम की प्रचलित किस्म है|
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Hariram Dewasi says
मेरे भगवा गोटी अनार लगवाना है