अमिताभ बच्चन पर एस्से: भारतीय सिनेमा के इतिहास में अमिट छाप छोड़ने वाले ‘अमिताभ बच्चन’ का जन्म 11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में हुआ था| उनके पिता डॉ. हरिवंश राय बच्चन प्रसिद्ध हिन्दी कवि थे| उनकी मां तेजी बच्चन एक उच्च शिक्षित और आधुनिक विचारों वाली महिला थीं| उनकी शादी 3 जून 1973 को जया भादुड़ी से हुई थी|
अमिताभ की प्राथमिक शिक्षा सेंट मैरी स्कूल, इलाहाबाद में हुई| फिर उन्हें नैनीताल के मशहूर स्कूल शेरवुड में भेज दिया गया| उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की| इसी कॉलेज में पढ़ाई के दौरान उन्होंने ‘एक्टिंग’ को अपना करियर बनाने का फैसला कर लिया था| अमिताभ 1969 में सत्ताईस साल की उम्र में बॉम्बे (मुंबई) चले गए|
अमिताभ बच्चन ने फिल्मों में अपने करियर की शुरुआत 1969 में ख्वाजा अहमद अब्बास द्वारा निर्देशित फिल्म ‘सात हिंदुस्तानी’ से की थी| फिल्म ‘आनंद’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता के फिल्मफेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था| 1973 में फिल्म ‘जंजीर’ की रिलीज के बाद अमिताभ के करियर में नया मोड़ आया| इस फिल्म में एक पुलिस इंस्पेक्टर के जीवंत अभिनय के कारण उन्हें ‘एंग्री यंगमैन’ कहा जाने लगा| उपरोक्त को 200 शब्दों का निबंध और निचे लेख में दिए गए ये निबंध आपको अमिताभ बच्चन पर प्रभावी निबंध, पैराग्राफ और भाषण लिखने में मदद करेंगे|
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अमिताभ बच्चन पर 10 पंक्तियाँ
अमिताभ बच्चन पर त्वरित संदर्भ के लिए यहां 10 पंक्तियों में निबंध प्रस्तुत किया गया है| अक्सर प्रारंभिक कक्षाओं में अमिताभ बच्चन पर 10 पंक्तियाँ लिखने के लिए कहा जाता है| दिया गया निबंध अमिताभ बच्चन के उल्लेखनीय व्यक्तित्व पर एक प्रभावशाली निबंध लिखने में सहायता करेगा, जैसे-
1. अमिताभ बच्चन भारतीय फिल्म इतिहास के सर्वश्रेष्ठ और सबसे प्रसिद्ध कलाकारों में से एक हैं|
2. उनका जन्म 11 अक्टूबर 1942 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था|
3. तेजी बच्चन उनकी मां का पहला नाम है; उनके पिता का नाम हरिवंश राय बच्चन है|
4. उनकी मां फैसलाबाद (अब पाकिस्तान में) की एक पंजाबी सिख थीं और उनके पिता हिंदी भाषा के कवि थे|
5. अमिताभ ने दिल्ली विश्वविद्यालय और नैनीताल के शेरवुड कॉलेज में पढ़ाई की|
6. अमिताभ बच्चन, जो अब तक लगभग 190 से अधिक भारतीय फिल्मों में दिखाई दे चुके हैं, 1970 के दशक में बॉलीवुड के “एंग्री यंग मैन” के रूप में जाने जाते थे|
7. 1969 की फिल्म भुवन शोम कथन भूमिका में अमिताभ बच्चन की पहली फिल्म थी|
8. जबकि उनकी सबसे प्रसिद्ध फिल्म “आनंद” थी, उन्होंने अपना पहला अभिनय काम “सात हिंदुस्तानी” में किया था|
9. फिल्म “अमर अकबर एंथोनी” के लिए उन्हें 1977 में पहला फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार मिला|
10. वह अभी भी टीवी और फिल्मों में काफी सक्रिय हैं और वह नए सितारों के लिए एक भयंकर प्रतियोगी हैं|
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अमिताभ बच्चन पर 500+ शब्दों का निबंध
अमिताभ बच्चन, एक ऐसा नाम जो भारतीय फिल्म उद्योग में गूंजता है, एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं जिन्होंने सिनेमा की दुनिया पर एक अमिट छाप छोड़ी है| 11 अक्टूबर, 1942 को भारत के इलाहाबाद में जन्मे बच्चन भारतीय सिनेमा का पर्याय बनकर पांच दशकों से अधिक समय से सिल्वर स्क्रीन पर राज कर रहे हैं|
अमिताभ बच्चन की शुरुआती ज़िंदगी और पेशा
अमिताभ हरिवंश राय बच्चन का जन्म प्रसिद्ध हिंदी कवि हरिवंश राय बच्चन और तेजी बच्चन के घर हुआ था| शेरवुड कॉलेज, नैनीताल और दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद, वह अभिनय में अपना करियर बनाने के लिए मुंबई चले गए| उनकी यात्रा सीधी नहीं थी; अपने अपरंपरागत लुक और गहरी आवाज के कारण उन्हें कई अस्वीकृतियों का सामना करना पड़ा| हालाँकि, यही लक्षण बाद में उनकी विशिष्ट विशेषताएँ बन गए|
अमिताभ बच्चन का स्टारडम की ओर उदय
अमिताभ बच्चन को सफलता 1973 में फिल्म ‘जंजीर’ से मिली| ‘एंग्री यंग मैन’ के उनके किरदार ने दर्शकों को खूब पसंद किया, जिससे बॉलीवुड में एक नए युग की शुरुआत हुई| उनका लंबा, चिन्तित व्यक्तित्व और गहरी आवाज़ उस समय के भ्रमित युवाओं का प्रतीक बन गई| ‘दीवार’ और ‘शोले’ जैसी फिल्मों से उन्होंने खुद को बॉलीवुड के ‘शहंशाह’ के रूप में स्थापित किया|
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अमिताभ बच्चन का संघर्ष और वापसी
अपनी सफलता के बावजूद, अमिताभ बच्चन को महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा| 1982 में ‘कुली’ के सेट पर एक घातक दुर्घटना के कारण उन्हें अभिनय से ब्रेक लेना पड़ा| उन्होंने राजनीति और व्यापार में कदम रखा, लेकिन दोनों प्रयास असफल रहे| 1990 के दशक के अंत में अभिनय में उनकी वापसी वित्तीय संघर्षों और बॉक्स ऑफिस विफलताओं की एक श्रृंखला के कारण हुई| हालाँकि, उनकी किस्मत 2000 में टेलीविज़न गेम शो ‘कौन बनेगा करोड़पति’ से बदल गई, जिसने लोगों की नज़रों में उनके पुनरुत्थान को चिह्नित किया|
अमिताभ बच्चन की विरासत और प्रभाव
अमिताभ बच्चन की विरासत उनकी बहुमुखी प्रतिभा और दीर्घायु द्वारा चिह्नित है| बदलते सिनेमाई रुझानों के अनुरूप ढलने की उनकी क्षमता और विविध भूमिकाएँ निभाने की उनकी इच्छा ने उन्हें 21वीं सदी में भी प्रासंगिक बनाए रखा है| ‘पा’, ‘पिंक’ और ‘102 नॉट आउट’ जैसी फिल्मों में उनका प्रदर्शन उनकी असाधारण अभिनय क्षमता और रेंज को दर्शाता है|
अमिताभ बच्चन का प्रभाव सिनेमा से परे तक फैला हुआ है| उनकी बैरिटोन आवाज़ का उपयोग कई वॉयसओवर और कथनों के लिए किया गया है| उन्हें उनकी परोपकारिता, शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा राहत जैसे विभिन्न कार्यों में योगदान देने के लिए भी जाना जाता है|
निष्कर्ष
अमिताभ बच्चन एक जीवित किंवदंती हैं जिनका भारतीय सिनेमा में योगदान अद्वितीय है| एक संघर्षरत अभिनेता से बॉलीवुड के ‘शहंशाह’ तक का उनका सफर उनकी दृढ़ता, प्रतिभा और अनुकूलनशीलता का प्रमाण है| भारतीय सिनेमा और लोकप्रिय संस्कृति पर उनका प्रभाव गहरा बना हुआ है, जिससे वह वास्तव में एक प्रतिष्ठित व्यक्ति बन गए हैं| उतार-चढ़ाव के बावजूद, बच्चन का सितारा लगातार चमक रहा है और अभिनेताओं की भावी पीढ़ियों के लिए रास्ता रोशन कर रहा है|
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