टमाटर में एकीकृत पोषक तत्व (खाद व उर्वरक) प्रबन्ध संतुलित मात्रा में खाद और उर्वरकों के प्रयोग करने की वह आधुनिक विधि है| जिसमें रासायनिक उर्वरकों के साथ-साथ स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कार्बनिक खाद तथा जैविक खाद का प्रयोग इस अनुपात में किया जाता है, कि पैदावार अधिक लाभप्रद और टिकाऊ हो|
इसके साथ ही साथ पर्यावरण तथा मिट्टी की भौतिक दशा में भी सुधार हो| इस लेख में टमाटर में एकीकृत पोषक तत्व (खाद व उर्वरक) प्रबंधन कैसे करें का विस्तृत उल्लेख है| टमाटर की उन्नत खेती की जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें- टमाटर की उन्नत खेती कैसे करें
टमाटर में एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन के मुख्य घटक
उर्वरक- रासायनिक उर्वरक
कार्बनिक खादें- गोबर की खाद, चीनी मिल की खाद, (प्रेसमड) उपचारित सीवेज स्लज उनी गलीचे बुजबुन, केंचुए की खाद, सनई, ढेंचा की हरी खाद, कम्पोस्ट खाद आदि|
जैविक उर्वरक- एजोटोबैक्टर, एजोस्पाइरिलम, राइजोबियम, वेसकुलर आर वस्कुलर माइकोराइजा (वैम), फास्फोरक विलेयक (पी एस बी और पी एस एम) आदि|
सूक्ष्म पोषक तत्व- जिंक, बोरान, मालीब्डेनम, कॉपर, मैंग्नीज, आयरन गौण तत्व-सल्फर आदि|
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टमाटर में एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन के लिए क्या करें?
टमाटर में पौध रोपाई के पूर्व कम से कम 6 महीने पुरानी प्रेसमड 5 टन प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में डाले| नत्रजन, फास्फोरस, पोटाश (120:60:60 किलोग्राम) प्रति हेक्टेयर की दर से दें| पौध को एजोटोबैक्टर से उपचारित करके लगायें, और पौध बढ़वार की तीन क्रान्तिक अवस्थाओं क्रमशः 30, 45 व 75 दिन पर 20 पी पी एम फेरस अमोनियम सल्फेट के घोल का पर्णीय छिड़काव करें|
इसके साथ-साथ जिंक, मैंग्नीज, कॉपर का 50 पी पी एम और आयरन तथा अमोनियम, मालीब्डेट का 20 पी पी एम का छिड़काव करें| पूरी फास्फोरस, पोटाश तथा एक तिहाई नत्रजन मिलाकर रोपाई पूर्व दें और शेष नत्रजन रोपाई के लगभग 30 और 45 दिन बाद खड़ी फसल में छिड़काव (टापड्रसिंग) करें|
1. टमाटर की अच्छी, रोग रोधी और अधिक पैदावार देने वाली किस्मों का चुनाव करें, जैसे- संकर टमाटर की काशी अभिमान (सीमित बढ़वार) युवराज (असीमित बढ़वार) मुक्त परागित टमाटर काशी विशेष, काशी अमन, इत्यादि|
2. असीमित बढ़वार वाले टमाटर को सहारा देकर ऊपर चढ़ायें|
3. रासायनिक उर्वरकों को संतुलित मात्रा (एन पी के- 2:1:1) में उपयोग करें|
4. मिटटी परीक्षण के आधार पर ही उर्वरकों का प्रयोग करें|
5. टमाटर में उचित समय पर सिंचाई करें|
6. फास्फोरस की पूर्ति के लिये जहाँ तक संभव हो सिंगल सुपर फास्फेट का प्रयोग करें, क्योंकि इसमें 12 प्रतिशत सल्फर भी पायी जाती है|
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टमाटर में एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन क्यों करें?
एकीकृत पोषक तत्व प्रबन्धन में कार्बनिक खादों के साथ-साथ रासायनिक उर्वरकों के संतुलित उपयोग से न केवल अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है, बल्कि लम्बे समय तक इनके प्रयोग से भूमि की उर्वरता स्तर में भी सुधार होता है|
1. संकर टमाटर की 100 से 150 टन प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त की जा सकती है|
2. मुक्त परागित टमाटर से 60 से 90 टन प्रति हेक्टेयर पैदावार प्राप्त की जा सकती है|
3. सूक्ष्म पोषक तत्व के पर्णीय छिड़काव से 100 रूपये अतिरिक्त लगाकर 5000 रूपये की अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है|
4. मिटटी के स्वास्थ्य और उर्वरता को बनाये रखने में सहायक है|
5. अच्छे गुणवत्ता वाले टमाटर प्राप्त किये जा सकते हैं|
टमाटर में एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन कैसे करें?
1. टमाटर में एकीकृत पोषक तत्व प्रबन्धन हेतु कार्बनिक खाद को रोपाई से 15 से 20 दिन पूर्व खेत में मिलाकर जुताई कर दें|
2. रासायनिक खाद को भी रोपाई से 2 से 3 दिन पूर्व ही खेत में मिला दे|
3. टमाटर में एकीकृत पोषक तत्व प्रबन्धन हेतु रोपाई के समय पौधों की जड़ों, को एजोटोबैक्टर से उपचारित करके लगायें|
4. उपचारित करने के लिये 200 ग्राम एजोटोबैक्टर + 200 ग्राम गुड़ + 1.0 किलोग्राम महीन उपजाऊ मिट्टी को 2 लीटर पानी में घोलकर गाढ़ा घोल तैयार कर लें, इससे लगभग 2000 पौधों को उपचारित किया जा सकता है|
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5. टमाटर में फसल पर सल्फर के 20 पी पी एम घोल का छिड़काव करें| घोल बनाने के लिये फेरस अमोनियम सल्फेट की 75.3 ग्राम मात्रा को 600 लीटर पानी में घोलकर एक हेक्टेयर में छिड़काव करें|
6. टमाटर में फसल पर 124.5 ग्राम आयरन सल्फेट, 110.00 ग्राम जिंक सल्फेट, 98.25 ग्राम कॉपर सल्फेट तथा 76.75 ग्राम मैंगनीज सल्फेट को 600 लीटर पानी में घोलकर 50 पी पी एम को घोल तैयार करें, यह एक हेक्टेयर में छिड़काव के लिए पर्याप्त होता है|
7. मालिब्डेनम एवं बोरान के 20 पी पी एम का घोल तैयार करने के लिए 18.4 ग्राम अमोनियम मालिब्डेट तथा 57.24 ग्राम बोरेक्स की मात्रा 600 लीटर पानी में घोलें और एक हेक्टेयर फसल में छिड़काव करें|
8. असीमित बढ़वार वाले टमाटर को सहारा देने के लिये पौधों को कतार से कतार 90 सेंटीमीटर और पौध से पौध 45 सेंटीमीटर की दूरी पर रोपाई करें तथा रोपाई के 30 दिन बाद ही सहारा देने की तैयारी शुरू कर दें| लोहे के पोल या बाँस के टुकड़ों को प्रत्येक कतार की लम्बाई में 6 मीटर की दूरी पर गाड़े एवं उनमें कम से कम चार लाइन तार या रस्सी को खींचकर बांधे तथा उसी तार या रस्सी के सहारे टमाटर के पौधों को सुतली से इस प्रकार बाँधकर चढ़ायें ताकि तनों को कोई हानि न पहुँचे|
टमाटर में एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन में क्या न करें?
1. टमाटर में उर्वरकों का असंतुलित मात्रा में प्रयोग कदापि न करें|
2. सूक्ष्म पोषक तत्वों की बतायी गयी मात्रा का ही प्रयोग करें|
3. इनकी मात्रा अधिक होने पर मुख्यतया बोरान, मालीब्डेनम से दैहिक व्याधियाँ हो सकती हैं और फल विषैला हो सकता है|
4. उर्वरकों का गलत विधि व गलत तरीके से प्रयोग न करें|
5. मिट्टी में नमी की कमी न होने दें अन्यथा बहुत सूखी जमीन में सिंचाई करने से टमाटर के फल फट जायेंगे और फलों के अन्तिम छोर की सड़ने की समस्या हो जायेगी|
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