प्रमुख फसलों का इतना महंगा और प्रमाणित बीज खरीदने के बाद भी फसलों के बीज का फफूंद नाशक, कीटनाशक, जैव रसायन एवं जीवाणु कल्चर से बीज उपचार आवश्यक क्यों है, यह प्रश्न हर जागरूक कृषक का होता है, बीज उपचार आवश्यक इसलिए है, की प्रारंभ में ही बीज जनित रोगों और कीटों का प्रभाव रोकने के लिए बीजोपचार आवश्यक है|
क्योंकि यह उनसे होने वाले नुकासन को घटाता है, नही तो फसलों की वृद्धि के बाद इनको रोकने के लिए अधिक मूल्य खर्च करना पड़ता है और फसलों में क्षति भी अधिक होती है|
बीजों में अंदर और बाहर रोगों के रोगाणु सुशुप्ता अवस्था में बीज जनित रोग, मिट्टी में मिट्टी जनित रोग एवं हवा में वायु जनित रोग मौजूद रहते हैं| ये अनुकूल वातावरण के मिलने पर उत्पन्न होकर फसलों पर रोग के लक्षण के रूप में प्रकट होते हैं|
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फसलों में रोग के कारक फफूंद रहने पर फफूंदनाशी से, जीवाणु रहने पर जीवाणुनाशी से, सूत्रकृमि रहने पर सौर उपचार या कीटनाशी से उपचार किया जाता है| मिट्टी में रहने वाले कीटों से सुरक्षा के लिए भी कीटनाशी से बीजोपचार किया जाता है|
इसके अतिरिक्त पोषक तत्व स्थिरीकरण के लिए जीवाणु कलचर (राइजोवियम, एजोटोबैक्टर, एजोस्पाइरीलम, फास्फोटिका और पोटाशिक जीवाणु) से भी बीजोपचार किया जाता है| बीज उपचार क्या है, जानिए उपचार की आधुनिक विधियाँ यहां पढ़ें| आइए जानते है कुछ प्रमुख फसलों के बीज उपचार के बारे में, जैसे-
प्रमुख फसलों का फफूंदनाशक रसायन से बीज उपचार-
फसल | रोग का नाम | फफूंदनाशक | मात्रा (ग्राम, प्रति किलोग्राम बीज) | उपचार की विधि |
धान (चावल) | झोंका (ब्लास्ट) कडा (स्पट) पत्ती का भूरा धब्बा रोग, जीवाणु झुलसा जीवाणु अंगमारी | कार्बेन्डाजिम + थायरम (1:1) स्ट्रेप्टोसाइक्लीन या प्लान्टोमाइसिन | 2 ग्राम
4 ग्राम प्रति 25 लीटर पानी | गीला
स्लेरी घोल |
मक्का | अल्टरनॅरिया ब्लाईट, पद गलन पाउडरी मिल्ड्यू | थायरम या कैप्टन कार्बेन्डाजिम | 2 ग्राम 1.5 ग्राम | गीला गीला |
गेहूं | सूत्रकृमि
स्पट | कार्बोक्सीन नमककाबोक्सीन + थायरम | 2 ग्राम 5 प्रतिशत घोल2+1 ग्राम | गीला स्लेरी घोल
गीला |
चना, मसूर, मटर, अरहर | उकठा, झुलसा, तना व जड़ विगलन | कार्बेन्डाजिम + थायरम (1:1) | 2.5 ग्राम | गीला |
अरहर | फाइटोप्थोरा अंगमारी | रिडोमिल (एम जेड- 72) | 3 ग्राम | गीला |
चना | तना व जड़ विगलन | कार्बेन्डाजिम + थायरम (1:1) | 2.5 ग्राम | गीला |
मटर | रतुआ (रस्ट) | कार्बेन्डाजिम | 2 ग्राम | गीला |
मसूर | रतुआ | विजिल (डाई-क्लोक्युट्रोजोल) थायरम | 2.5 ग्राम 2 ग्राम | सुखा गीला |
मूंगफली, सूरजमुखी | जड़ विगलन | थायरम या कैप्टन | 2.5 ग्राम | गीला |
राई | अल्टरनॅरिया ब्लाईट | थायरम या विटाबॉक्स | 2 ग्राम | सुखा |
सरसों, तोरिया | झुलसा, सफेद हरदा डाउनी मिल्ड्यू | कान्डाजिम रिडोमिल | 1.5 ग्राम 2 ग्राम | सुखा |
तिल | पत्र लांक्षण | थायरम | 2.5 ग्राम | सुखा |
टमाटर, बैंगन, मिर्च | आर्द्रपतन, उकठा जड़ सड़न श्यामवरण | थायरम या कैप्टन कार्बेन्डाजिम | 2 ग्राम 1,5 ग्राम | सुखा सुखा |
आलू | झुलसा रोग व अन्य फफूंदजनित रोग | मैंकोजेब कार्लेन्डाजिम | 2.5 ग्राम प्रति लिटर पानी 2 ग्राम प्रति लीटर पानी | स्लेरी घोल स्लेरी घोल |
मटर | जीवाणु पत्ती एवं फली अंगमारी | थायरम या कैप्टन | 2.5 ग्राम | गीला |
गोभी वर्गीय सब्जियाँ | आर्द्रपतन, जड़ सड़न, तना विगलन | थायरम | 2 ग्राम | सुखा |
अदरक, हल्दी | तना विगलन, जड़ सड़न | थायरम या कैप्टन | 2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी | स्लेरी घोल |
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प्रमुख फसलों का कीटनाशक रसायन से बीज उपचार-
फसल | कीट या रोग का नाम | कीटनाशक | मात्रा (ग्राम या किलोग्राम बीज | उपचार की विधि |
मूंग, उरद, अरहर | मोजेक रोग (रोगवाहक सफेद या मक्खी) | इमिडाक्लोप्रिड- 70 डब्ल्यू एस या क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी | 3 ग्राम 5 मिलीलीटर | गीला गीला |
तिल | बांझपन (बांझपन थ्रिप्स) | इमिडाक्लोप्रिड- 70 डब्ल्यू एस | 3 ग्राम | सुखा |
खाद्यान्न फसलें दलहनी फसलें सब्जियां | दीमक, कजरा पिल्लू, सफेद गिडार | क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी | 6 से 7 मिलीलीटर | गीला |
टमाटर, भिंडी, मिर्च, बैंगन | सफेद मक्खी थ्रिप्स जैसिड लीफ हॉपर | इमिडाक्लोप्रिड- 70 डब्ल्यू एस | 3 ग्राम | सुखा |
गन्ना | दीमक | इमिडाक्लोप्रिड- 17.8 एस एल | 15 से 20 मिलीलीटर प्रति 10 लीटर पानी | घोल में 5 से 10 मिनट डुबोकर उपचारित करें |
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फसलों का जैव रसायन से बीज उपचार-
फसल | रोग | जैव रसायन की मात्रा |
गन्ना | जड़ सड़न, उकठा | ट्राइकोडर्मा 4 से 6 ग्राम, प्रति किलोग्राम बीज |
धान | जड़ सड़न, बैक्टीरियल शीथ ब्लाइट | ट्राइकोडर्मा 5 से 10 ग्राम, प्रति किलोग्राम बीज सुडोमोनस फलोरेसेन्स 10 ग्राम, प्रति किलोग्राम बीज |
मिर्च | एन्छेकनोज, आर्द्रगलन, उकठा | ट्राइकोडर्मा विरिडी 6 ग्राम, प्रति किलोग्राम बीज ट्राइकोडर्मा प्रजाति 6 ग्राम, प्रति किलोग्राम बीज |
मटर | जड़ सडन | वैसेलस सब्टेलीस या सुडोमोनस फलोरेसेन्स 10 ग्राम, प्रति किलोग्राम बीज |
टमाटर | मृदा जनित रोग (उकठा, आर्द्रगलन रोग) आगात झुलसा | ट्राइकोडर्मा विरिडी 6 ग्राम, प्रति किलोग्राम बीज |
गोभी, मुली, पत्तागोभी | मृदा जनित रोग | ट्राइकोडर्मा विरिडी 5 से 6 ग्राम, प्रति किलोग्राम बीज |
चना | उकठा और गलका रोग | ट्राइकोडर्मा विरिडी 10 से 12 ग्राम, प्रति किलोग्राम बीज |
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जीवाणु कल्चर का विभिन्न फसलों में उपयोग –
जीवाणु कल्चर | प्रयोग होने वाली फसलें |
राइजोबियम | सभी दलहनी फसलों के लिए लेकिन प्रत्येक फसल के लिए अलग-अलग किस्में| मात्रा- एक पैकेट 250 ग्राम, प्रति एकड़ बीज उपचारित करने के लिए| |
एजोटोबैक्टर | गेहूं, बाजरा, जौ, कपास, आलू, गोभी, प्याज उपचारित करने के लिए| मात्रा- एक पैकेट 250 ग्राम, प्रति एकड़ बीज उपचारित करने के लिए| |
एजोस्पाइरिलम | धान, ज्वार, बाजरा, गेहूं, जौ, मक्का, गन्ना आदि| मात्रा- एक पैकेट 250 ग्राम, प्रति एकड़ बीज उपचारित करने के लिए| |
माइज़ फोकस (फास्फेटिक या पी. एस. वी.) | सभी फसलों के लिए| मात्रा- एक पैकेट 250 ग्राम, प्रति एकड़ बीज उपचारित करने के लिए| |
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