राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET/ RTET) जिसको बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन राजस्थान (RBSE) द्वारा संचालित किया जाता है| इस परीक्षा में, दो पेपर होते हैं, पेपर- I प्राथमिक और पेपर- II उच्च-प्राथमिक शिक्षकों के लिए आवेदक दोनों के लिए भी आवेदन कर सकते हैं| आवेदक जो पेपर- I के लिए अर्हता प्राप्त करते हैं, उन्हें कक्षा I-V और पेपर- II को कक्षा V-VIII तक पढ़ाने के लिए पात्र माना जाता है|
एक पाठ्यक्रम-वार अध्ययन हमेशा उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी करने में मदद करता है और उन्हें परीक्षा में अच्छा स्कोर करने में भी मदद करता है| इसलिए उम्मीदवारों को राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा अंकन पैटर्न और पाठ्यक्रम के संपूर्ण विवरण को जानने के लिए इस पूरे लेख को पढ़ने की सलाह दी जाती है| परीक्षा की सम्पूर्ण जानकारी के लिए यहाँ पढ़ें- आरटीईटी / रीट परीक्षा (RTET / REET Exam) योग्यता और परिणाम
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राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा अंकन योजना और पैटर्न
राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) अंकन योजना और पैटर्न को परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए प्राधिकरण के माध्यम से प्रदान किया गया है| जो आवेदक परीक्षा के लिए आवेदन करना चाहते है, उन्हें परीक्षा की बेहतर तैयारी के लिए परीक्षा अंकन योजना और पैटर्न को जानना आवश्यक है| अभ्यर्थी प्रश्न पत्र की पूरी संरचना को जान सकें इसके लिए परीक्षा अंकन योजना और पैटर्न का विवरण नीचे दिया गया है, जैसे-
1. राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा परीक्षा के पेपर में बहुविकल्पीय प्रश्न होंगे, प्रत्येक में चार विकल्प होंगे|
2. प्रत्येक सही उत्तर के लिए +1 अंक दिया जायेगा और कोई नकारात्मक अंकन नहीं होगा|
3. पेपर- I उन उम्मीदवारों के लिए होगा, जो कक्षा I से V तक के लिए शिक्षक बनना चाहते है|
4. पेपर- II उन उम्मीदवारों के लिए होगा, जो कक्षा छठी से आठवीं कक्षा तक के लिए शिक्षक बनना चाहते है|
5. जो उम्मीदवार कक्षा I से VIII तक के लिए शिक्षक बनना चाहते है उन्हें दोनों पेपरों (पेपर I और पेपर II) में उपस्थित होना पड़ेगा|
6. राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET/ RTET) के प्रत्येक प्रश्न-पत्र की समय अवधि 2.30 घंटे होगी|
7. दोनों प्रश्न-पत्र का भाषा माध्यम (भाषा विषयों को छोड़कर) हिन्दी एवं अंग्रेजी में द्विभाषीय होगा|
8. पेपर- I के प्रश्नों का कठिनाई स्तर सैकण्डरी (कक्षा 10) तक और पेपर- II का प्रश्नों का सीनियर सैकण्डरी (कक्षा 12) तक का होगा|
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9. राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा के दोनों प्रश्न-पत्र के पैटर्न की संरचना निम्नलिखित होगी, जैसे-
पैटर्न पेपर- I (कक्षा 1 से 5 तक) के लिए-
खंड | विषय | प्रश्न संख्या | अधिकतम अंक |
अ | बाल विकास और शिक्षाशास्त्र | 30 | 30 |
ब | भाषा- I (हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, सिंधी, पंजाबी और गुजराती) | 30 | 30 |
स | भाषा- II (हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, सिंधी, पंजाबी और गुजराती) | 30 | 30 |
द | गणित | 30 | 30 |
ह | पर्यावरण अध्ययन | 30 | 30 |
कुल | 150 | 150 |
पैटर्न पेपर- II (कक्षा 6 से 8 तक) के लिए-
खंड | विषय | प्रश्न संख्या | अधिकतम अंक |
अ | बाल विकास और शिक्षाशास्त्र | 30 | 30 |
ब | भाषा- I (हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, सिंधी, पंजाबी और गुजराती) | 30 | 30 |
स | भाषा- II (हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, सिंधी, पंजाबी और गुजराती) | 30 | 30 |
द | गणित और विज्ञान या सामाजिक अध्ययन | 60 | 60 |
कुल | 150 | 150 |
राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा सिलेबस
जिन आवेदकों ने राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन किया है| उनको अच्छे परिणाम के लिए पाठ्यक्रम का अध्ययन करना आवश्यक है| क्योंकि पाठ्यक्रम-वार अध्ययन हमेशा उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी करने में मदद करता है और उन्हें परीक्षा में अच्छा स्कोर करने में भी मदद करता है| राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET/ RTET) के दोनों प्रश्न-पत्र का पाठ्यक्रम निम्नलिखित है, जैसे-
पेपर- I (कक्षा 1 से 5 तक) के लिए-
राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) पेपर- I का पाठ्यक्रम निम्नलिखित है, जैसे-
खंड-अ)- बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र (Child Development and Pedagogy) 30 प्रश्न के साथ 30 अंक-
1. अ. बाल विकास : वृद्धि और विकास की संकल्पना, विकास के सिद्धान्त एवं आयाम, विकास को प्रभावित करने वाले तत्त्व (विशेषकर परिवार एवं विद्यालय के संदर्भ में) एवं अधिगम से उनका संबंध|
ब. वंशक्रम एवं वातावरण की भूमिका|
2. अ. अधिगम का अर्थ एवं संकल्पना एवं प्रक्रियाये, अधिगम को प्रभावित करने वाले तत्त्व|
ब. अधिगम के सिद्धान्त एवं इसके अभिप्रेत|
स. बालक में चिन्तन एवं अधिगम|
द. अभिप्रेरणा एवं अधिगम|
3. अ. व्यक्तिगत विभिन्नताओं का अर्थ, प्रकार व पहिचान, व्यक्तिगत विभिन्नताओं को भाषा, जाति, लिंग, समुदाय के आधार पर समझना|
ब. व्यक्तित्व की संकल्पना, प्रकार व व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले तत्त्व व व्यक्तित्व मापन|
स. बुद्धि : संकल्पना, सिद्धान्त एवं इसका मापन, बहुआयामी बुद्धि एवं इसके अभिप्रेत
4. अ. विविध अधिगमकर्ताओं की समझ : पिछड़े हुये, मानसिक रूप से पिछड़े, प्रतिभाशाली, सृजनशील वंचित एवं अलाभान्वित, विशेष-योग्य|
ब. अधिगम की कठिनाइयाँ|
स. समायोजन की संकल्पना एवं तरीके, समायोजन में अध्यापक की भूमिका|
5. अ. शिक्षण अधिगम की प्रक्रियायें, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा- 2005 के संदर्भ में शिक्षण अधिगम की व्यूह रचनायें एवं विधियाँ|
ब. आकलन, मापन एवं मूल्यांकन का अर्थ एवं उद्देश्य, समग्र एवं सतत् मूल्यांकन, उपलब्धि परीक्षण का निर्माण|
स. क्रियात्मक अनुसन्धान|
द. शिक्षा का अधिकार अधिनियम- 2009 अध्यापकों की भूमिका – एवं दायित्व|
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खंड- ब)- भाषा- I हिंदी (Language-I Hindi) 30 प्रश्न के साथ 30 अंक-
1. एक अपठित गद्यांश में से निम्नलिखित व्याकरण संबंधी प्रश्न-
शब्द ज्ञान, तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी शब्द | पर्यायवाची, विलोम, एकार्थी शब्द | उपसर्ग, प्रत्यय, संधि और समास | संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, अव्यय|
2. एक अपठित गद्यांश में से निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रश्न-
रेखांकित शब्दों का अर्थ स्पष्ट करना, वचन, काल, लिंग ज्ञात करना | दिए गए शब्दों का वचन काल और लिंग बदलना|
3. वाक्य रचना, वाक्य के अंग, वाक्य के प्रकार, पदबंध, मुहावरे और लोकोक्तियाँ|
4. भाषा की शिक्षण विधि, भाषा शिक्षण के उपागम, भाषा दक्षता का विकास|
5. भाषायी कौशलों का विकास (सुनना, बोलना, पढ़ना, लिखना) हिंदी भाषा शिक्षण में चुनौतियाँ, शिक्षण अधिगम सामग्री, पाठ्य पुस्तक, बहु-माध्यम एवं शिक्षण के अन्य संसाधन|
6. भाषा शिक्षण में मूल्यांकन, उपलब्धि परीक्षण का निर्माण समग्र एवं सतत् मूल्यांकन, उपचारात्मक शिक्षण|
खंड- स)- भाषा- II अंग्रेजी (LANGUAGE- II English) 30 प्रश्न के साथ 30 अंक-
1. Unseen Prose Passage-
Linking Devices, Subject-Verb Concord, Inferences.
2. Unseen Poem-
Identification of Alliteration, Simile, Metaphor Personification, Assonance, Rhyme.
3. Modal Auxiliaries, Phrasal Verbs and Idioms, Literary Terms: Elegy, Sonnet, Short Story, Drama.
4. Basic knowledge of English Sounds and their Phonetic Transcription.
5. Principles of Teaching English, Communicative Approach to English Language Teaching, Challenges of Teaching English: Language Difficulties, Errors and Disorders.
6. Methods of Evaluation, Remedial Teaching.
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खंड- द)- गणित (Mathematics) 30 प्रश्न के साथ 30 अंक-
1. एक करोड़ तक की पूर्ण संख्याऐं, स्थानीय मान, तुलना, गणितीय मूल संक्रियाएँ – जोड़, बाकी, गुणा, भाग; भारतीय मुद्रा|
2. भिन्न की अवधारणा, उचित भिन्ने, समान हर वाली उचित भिन्नों की तुलना, मिश्र भिन्न, असमान हर वाली उचित भिन्नों की तुलना, भिन्नों की जोड़ बाकी, अभाज्य एवं संयुक्त संख्याएं, अभाज्य गुणनखण्ड, लघुत्तम समापवर्त्य, महत्त्म समापवर्तक|
3. एकिक नियम, औसत, लाभ-हानि, सरल ब्याज|
4. अ. समतल व वक्रतल, समतल व ठोस ज्यामितिय आकृतियाँ; समतल ज्यामितीय आकृतियों की विशेषतायें; बिन्दु, रेखा, किरण, रेखाखण्ड; कोण एवं उनके प्रकार|
ब. लम्बाई, भार, धारिता, समय, क्षेत्रमापन एवं इनकी मानक इकाइयां एवं उनमें संबंध|
स. वर्गाकार तथा आयतकार वस्तुओं के पृष्ठ तल का क्षेत्रफल एवं परिमाप|
5. गणित की प्रकृति एवं तर्क शक्ति, पाठ्यक्रम में गणित की महत्ता, गणित की भाषा, सामुदायिक गणित|
6. औपचारिक एवं अनौपचारिक विधियों द्वारा मूल्यांकन, शिक्षण की समस्याएं, त्रुटि विश्लेषण एवं शिक्षण एवं अधिगम से संबंधित, निदानात्मक एवं उपराचात्मक शिक्षण|
खंड- ह)- पर्यावरण अध्ययन (Environmental Studies) 30 प्रश्न के साथ 30 अंक-
1. अ. परिवार- आपसी संबंध, एकल एवं संयुक्त परिवार, सामाजिक बुराईयां (बाल विवाह, दहेज प्रथा, बालश्रम, चोरी), दुर्व्यसन (नशाखोरी, धूम्रपान) और इनके व्यक्तिगत, सामाजिक एवं आर्थिक दुष्परिणाम|
ब. वस्त्र एवं आवास- विभिन्न ऋतुओं में पहने जाने वाले वस्त्र, घर पर वस्त्रों का रख-रखाव, हस्त करघा तथा पावरलूम, जीव जंतुओं के आवास, विभिन्न प्रकार के मानव-आवास; आवास और निकटवर्ती स्थानों की स्वच्छता, आवास निर्माण हेतु विभिन्न प्रकार की सामग्री|
2. अ. व्यवसाय- अपने परिवेश के व्यवसाय (कपड़े सिलना, बागवानी, कृषि कार्य, पशुपालन, सब्जीवाला आदि), लघु एवं कुटीर उद्योग, राजस्थान राज्य के प्रमुख उद्योग, उपभोक्ता संरक्षण की आवश्यकता, सहकारी समितियाँ|
ब. सार्वजनिक स्थल एवं संस्थाएं- सार्वजनिक स्थल जैसे विद्यालय, चिकित्सालय, डाकघर, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन ; सार्वजनिक संपत्ति (रोड लाइट, सड़क, बस, रेल, सरकारी इमारतें आदि); विद्युत और जल का अपव्यय, रोजगार नीतियाँ; पंचायत, विधानसभा और संसद की सामान्य जानकारी|
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स. हमारी सभ्यता और संस्कृति- मेले एवं त्यौहार, राष्ट्रीय पर्व, राजस्थान राज्य की वेशभूषा, खान-पान और कला व क्राफ्ट; राजस्थान के पर्यटन स्थल; राजस्थान की प्रमुख विभूतियां|
3. अ. परिवहन और संचार- यातायात और संचार के साधन, सड़क पर चलने और यातायात के नियम; संचार साधनों का जीवन शैली पर प्रभाव|
ब. अपने शरीर की देख-भाल – शरीर के बाह्य अंग और उनकी साफ-सफाई, शरीर के आंतरिक तंत्रों की सामान्य जानकारी, संतुलित भोजन की जानकारी और इसका महत्व; सामान्य रोग (आंत्रशोथ, अमीयोबायोसिस, मेटहीमोग्लोबिन, एनिमिया, फ्लुओरोसिस, मलेरिया, डेंगू) उनके कारण और बचाव के उपाय, पल्स पोलियो अभियान|
स. सजीव जगत- पादपों और जंतुओं के संगठन के स्तर, सजीवों में विविधता, राज्य पुष्प, राज्य वृक्ष, राज्य पक्षी, राज्य पशु; संरक्षित वन क्षेत्रों (राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, बाघ संरक्षित क्षेत्र, विश्व धरोहर) की जानकारी ; पादपों तथा जंतुओं की जातियों का संरक्षण ; खरीफ और रबी की फसलों की जानकारी|
4. अ. पदार्थ एवं ऊर्जा- पदार्थों के सामान्य गुण (रंग, अवस्था, तन्यता, घुलनशीलता) विभिन्न प्रकार के ईंधन, ऊर्जा के विभिन्न रूप और इनका एक दूसरे में रूपांतरण; दैनिक जीवन में ऊर्जा के उपयोग, प्रकाश के स्रोत, प्रकाश के सामान्य गुण|
ब. वायु, जल, वन, नमभूमि और मरूस्थल की मूलभूत जानकारी ; विभिन्न प्रकार के प्रदूषण, राजस्थान के नवीकरणीय तथा अनवीकरणीय संसाधन और इनके संरक्षण की अवधारणा, मौसम और जलवायु ; जल चक्र|
5. अ. पर्यावरण अध्ययन के क्षेत्र एवं संकल्पना|
ब. पर्यावरण अध्ययन का महत्व, समाकलित पर्यावरण अध्ययन
स. पर्यावरण अध्ययन, पर्यावरण शिक्षा के अधिगम सिद्धान्त
द. विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान के साथ अर्न्तसम्बन्ध एवं क्षेत्र
य. संकल्पना प्रस्तुतीकरण के उपागम
ह. क्रियाकलाप|
5. प्रयोगात्मक/प्रायोगिक कार्य, चर्चा, समग्र एवं सतत मूल्यांकन, शिक्षण सामग्री/सहायक सामग्री और शिक्षण की समस्याएं|
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पेपर- II (कक्षा 6 से 8 तक) के लिए-
राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) पेपर- I का पाठ्यक्रम निम्नलिखित है, जैसे-
खंड-अ)- बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र (Child Development and Pedagogy) 30 प्रश्न के साथ 30 अंक-
राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET/ RTET) बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र, पेपर- I और पेपर- II के विषय समान है| इसलिए उपर दिए गए पेपर- I के पाठ्यक्रम का अध्ययन करें|
खंड- ब)- भाषा- I हिंदी (Language-I Hindi) 30 प्रश्न के साथ 30 अंक-
राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET/ RTET) भाषा- I, हिंदी पेपर- I और पेपर- II के विषय समान है| इसलिए उपर दिए गए पेपर- I के पाठ्यक्रम का अध्ययन करें|
खंड- स)- भाषा- II अंग्रेजी (LANGUAGE- II English) 30 प्रश्न के साथ 30 अंक-
राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET/ RTET) भाषा- II, अंग्रेजी पेपर- I और पेपर- II के विषय समान है| इसलिए उपर दिए गए पेपर- I के पाठ्यक्रम का अध्ययन करें|
भाग- द)- गणित और विज्ञान (Math and Science) 60 प्रश्न के साथ 60 अंक-
गणित के विषय-
1. क. घातांक : समान आधार की घातीय संख्याओं का गुणा तथा भाग, घातांक नियम|
ख. बीजीय व्यंजक : बीजीय व्यंजकों का योग, व्यवकलन, गुणा एवं भाग, सर्वसमिकाएं|
ग. गुणनखण्ड : सरल बीजीय व्यंजकों के गुणनखण्ड|
घ. समीकरण : सरल एकघातीय समीकरण|
ड़. वर्ग और वर्गमूल|
च. घन और घनमूल|
2. क. ब्याज : सरल ब्याज, चक्रवृद्धि ब्याज, लाभ – हानि|
ख. अनुपात एवं समानुपात : समानुपाती भागों में विभाजन, साझा|
ग. प्रतिशतता, जन्म व मृत्यु दर, जनसंख्या वृद्धि, हास|
3. क. रेखा तथा कोण : रेखाखण्ड, सरल एवं वक्र रेखाएं, कोणों के प्रकार|
ख. समतलीय आकृतियाँ : त्रिभुज, त्रिभुजों की सर्वांगसमता, चतुर्भुज तथा वृत्त|
ग. समतलीय आकृतियों का क्षेत्रफल : त्रिभुज, आयत, समान्तर चतुर्भुज एवं समलम्ब चतुर्भुज|
ड़. पृष्ठीय क्षेत्रफल तथा आयतन- घन, घनाभ एवं लम्बवृतीय बेलन|
4. क. सांख्यिकी : आंकड़ों का संग्रह एवं वर्गीकरण, बारम्बारता बंटन सारिणी, मिलान चिह्न, स्तम्भ (बार) लेखाचित्र एवं आयत लेखाचित्र, वृत्तीय ग्राफ (पाई चित्र)|
ख. लेखाचित्र (ग्राफ) : विभिन्न प्रकार के लेखाचित्र|
5. गणित की प्रकृति एवं तर्क शक्ति, पाठ्यक्रम में गणित की महत्ता, गणित की भाषा और सामुदायिक गणित|
6. मूल्याकंन, उपचारात्मक शिक्षण और शिक्षण की समस्यायें|
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विज्ञान के विषय-
1. क. सूक्ष्म जीवः जीवाणु, वायरस, कवक ; (लाभकारी एवं अलाभकारी)|
ख. सजीव- पौधे के विभिन्न भाग, पादपों में पोषण, श्वसन एवं उत्सर्जन, पादप और जंतु कोशिकाओं की संरचना और कार्य, कोशिका विभाजन|
ग. मानव शरीर एवं स्वास्थ्य – सूक्ष्म जीवों से फैलने वाले रोग (क्षय रोग, खसरा, डिप्थीरिया, हैजा, टाइफाइड), रोगों से बचाव के उपाय; मानव शरीर के विभिन्न तंत्र; संक्रामक रोग (फैलने के कारण और बचाव) ; भोजन के प्रमुख अवयव और इनकी कमी से होने वाले रोग, संतुलित भोजन|
घ. जन्तु प्रजनन एवं किशोरावस्था : जनन की विधियाँ : लैगिंक एवं अलैगिंक, किशोरावस्था एवं यौवनारम्भ : शारिरीक परिर्वतन, जनन में हार्मोन्स की भूमिका, जननात्मक स्वास्थ्य|
2. क. बल एवं गति- बलों के प्रकार (पेशीय बल, घर्षण बल, गुरूत्व बल, चुम्बकीय बल, स्थिर वैद्युत बल, आदि) दाब गति के प्रकार (रेखीय, यदृच्छ, वृत्ताकार, कम्पन गति, आवर्त गति), चाल|
ख. ऊर्जा के प्रकार, ऊर्जा के परम्परागत तथा वैकल्पिक स्रोत, ऊर्जा संरक्षण|
ग. ऊष्मा – ऊष्मा के उपयोग, ऊष्मा का आदान-प्रदान, ताप की अवधारणा, गलन, क्वथन एवं वाष्पन, संघनन एवं उर्ध्वपातन, दैनिक जीवन में ऊष्मीय प्रसार के उदाहरण, ऊष्मा के कुचालक एवं सुचालक, ऊष्मा की संचरण विधियां (चालन, संवहन और विकिरण)|
घ. प्रकाश एवं ध्वनि- प्रकाश के स्रोत, छाया का बनना, प्रकाश का परावर्तन, समतल दर्पण में प्रतिबिम्ब बनना, ध्वनि के प्रकार, ध्वनि संचरण, ध्वनि के अभिलक्षण, प्रतिध्वनि, शोर और शोर कम करने के उपाय|
3. क. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- दैनिक जीवन में विज्ञान का महत्व, संश्लेषिक रेशे तथा प्लास्टिक – संश्लेषिक रेशों के गुणधर्म एवं प्रकार, प्लास्टिक एवं इसके गुणधर्म, डिटर्जेंट, सीमेंट आदि; चिकित्सा के क्षेत्र में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (एक्स किरण, सी.टी. स्कैन, शल्य चिकित्सा, अल्ट्रासाउण्ड तथा लेजर किरणें), दूरसंचार के क्षेत्र में- फैक्स मशीन, कम्प्यूटर, इन्टरनेट, ई-मेल तथा वेबसाइट की सामान्य जानकारी|
ख. सौर मण्डल- चन्द्रमा एवं तारे, सौर परिवार-सूर्य एवं ग्रह, धूमकेतु, तारा मण्डल|
4. क. पदार्थ की संरचना – परमाणु एवं अणु, परमाणु की संरचना; तत्व, यौगिक और मिश्रण; पदार्थ की अशुद्धियों का पृथक्करण; तत्वों के प्रतीक, यौगिकों के रासायनिक सूत्र तथा रासायनिक समीकरण|
ख. रासायनिक पदार्थ- ऑक्साइड, हरित गृह प्रभाव और वैश्विक तापन, हाइड्रोकार्बन (सामान्य जानकारी), अम्ल, क्षार और लवण, ऑक्सीजन गैस, नाइट्रोजन गैस, नाइट्रोजन चक्र, कोयला, पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस|
5. विज्ञान की संरचना एवं प्रकृति, प्राकृतिक विज्ञान: लक्ष्य एवं उद्देश्य, विज्ञान को समझना और विज्ञान की शिक्षण विधियां|
6. नवाचार, पाठ्य सामग्री/सहायक सामग्री, मूल्यांकन, समस्याऐं और उपचारात्मक शिक्षण|
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भाग- द)- सामाजिक अध्ययन (Social Studies) 60 प्रश्न के साथ 60 अंक-
भारतीय सभ्यता, संस्कृति एवं समाज- सिन्धु घाटी सभ्यता, वैदिक संस्कृति, भारतीय समाज : विशेषताएँ, परिवार, विवाह, लैंगिक संवेदनशीलता, ग्रामीण जीवन एवं शहरीकरण|
मौर्य तथा गुप्त साम्राज्य एवं गुप्तोत्तर काल- राजनीतिक इतिहास और प्रशासन, भारतीय संस्कृति के प्रति योगदान, गुप्त-काल की सांस्कृतिक उपलब्धियाँ, भारत (600-1000 ईस्वी.), बाहरी विश्व से भारत का सांस्कृतिक संबंध|
मध्यकाल एवं आधुनिक काल- भक्ति और सूफी आन्दोलन, मुगल-राजपूत संबंध; मुगल प्रशासन, मध्यकालीन सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक दशा, भारतीय राज्यों के प्रति ब्रिटिश नीति, 1857 की क्रांति, भारतीय अर्थव्यवस्था पर ब्रिटिश प्रभाव, पुनर्जागरण एवं सामाजिक सुधार, भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन (1919-1947)|
भारतीय संविधान एवं लोकतंत्र- उद्देशिका, मूल अधिकार एवं मूल कर्त्तव्य, धर्मनिरपेक्षता एवं सामाजिक न्याय|
सरकार: गठन एवं कार्य- संसद; राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री एवं मंत्रिपरिषद्; उच्चतम न्यायालय; राज्य सरकार; पंचायती राज एवं नगरीय स्व-शासन|
पृथ्वी के प्रमुख घटक- स्थलमण्डल, जलमण्डल, वायुमण्डल, जैवमण्डल, चट्टानों के प्रकार, पृथ्वी की सतह पर परिवर्तनकारी आन्तरिक एवं बाह्य शक्तियां|
संसाधन एवं विकास- संसाधनों के प्रकार, संसाधन संरक्षण, मृदा, खनिज और ऊर्जा संसाधन, कृषि, उद्योग, मानव संसाधन|
भारत का भूगोल एवं संसाधन- भू-आकृति प्रदेश, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, वन्य जीवन, बहुउद्देशीय योजनाएँ, कृषि फसलें, उद्योग, परिवहन, जनसंख्या, जनसुविधाएँ, विकास के आर्थिक एवं सामाजिक कार्यक्रम, उपभोक्ता-जागृति|
राजस्थान का भूगोल एवं संसाधन- भौतिक प्रदेश, जल-संरक्षण एवं संग्रहण, कृषि फसलें, खनिज एवं ऊर्जा संसाधन, परिवहन, उद्योग एवं जनसंख्या|
राजस्थान का इतिहास एवं संस्कृति- प्राचीन सभ्यताएँ एवं जनपद, राजस्थान में स्वतंत्रता आंदोलन, राजस्थान का एकीकरण, राजस्थान की विरासत एवं संस्कृति (किले, महल, मेले, त्योहार, लोक कलाएं, हस्त कलाएँ),राजस्थानी साहित्य, पर्यटन, विरासत का संरक्षण|
शिक्षा शास्त्रीय मुद्दे 1- सामाजिक विज्ञान/सामाजिक अध्ययन की संकल्पना एवं प्रकृति; कक्षा-कक्ष की प्रक्रियाएँ, क्रियाकलाप एवं विमर्श; सामाजिक विज्ञान/सामाजिक अध्ययन के अध्यापन की समस्याएँ; समालोचनात्मक चिन्तन का विकास|
शिक्षा शास्त्रीय मुद्दे 2- पृच्छा/आनुभाविक साक्ष्य; शिक्षण अधिगम सामग्री एवं सहायक सामग्री; प्रायोजना कार्य; मूल्यांकन|
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