लाल बहादुर शास्त्री भारत के सबसे प्रसिद्ध प्रधानमंत्रियों में से एक हैं| उनका जन्म 2 अक्टूबर 1904 को वाराणसी के पास स्थित एक छोटे से शहर मुगलसराय में हुआ था| उन्होंने बहुत कठिन समय में भारत की बागडोर संभाली; वह भारत के प्रधान मंत्री थे जब 1965 भारत-पाक युद्ध छिड़ गया था| यह वह समय था, जब उन्होंने “जय जवान जय किसान” का अपना प्रसिद्ध नारा दिया था| जो उन्हें युद्ध के दौरान काफी लोकप्रिय बनाता हैं|
वह एक साधारण जीवन जीने वाले व्यक्ति थे, महात्मा गांधी के शिष्य होने के नाते वे दिखावा करने में कभी विश्वास नहीं करते थे| भारत की स्वतंत्रता के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने विभिन्न मंत्रालयों में कार्य किया| जवाहर लाल नेहरू की मृत्यु के बाद 11 जून 1964 को वे भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने|
लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल के दौरान भारत ने बहुत तेजी से प्रगति की और श्वेत क्रांति और अन्य सामाजिक सुधारों जैसी प्रगति देखी| यदि आप लाल बहादुर शास्त्री पर भाषण, निबंध, नारे या उद्धरण जैसी सामग्री की तलाश कर रहे हैं| तो आप सही जगह पर हैं|
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लाल बहादुर शास्त्री के अनमोल विचार
हमने यहां आपके लिए लाल बहादुर शास्त्री के सभी प्रसिद्ध और प्रेरक उद्धरण एक ही स्थान पर उपलब्ध कराए हैं| लाल बहादुर शास्त्री द्वारा कहे गए इन उद्धरणों को पढ़ें और उनके बहुमूल्य विचारों के बारे में जानें, जैसे-
लाल बहादुर शास्त्री के 10 अनमोल वचन
1. जय जवान, जय किसान|
2. हमें शांति के लिए उतनी ही बहादुरी से लड़ना चाहिए, जितना हम युद्ध में लड़ते हैं|
3. मैं किसी दूसरे को सलाह दूं और उसे मैं खुद पर अमल ना करूं तो मैं असहज महसूस करता हूं|
4. देश की ताकत और मजबूती के लिए सबसे जरूरी काम है लोगों में एकता स्थापित करना|
5. हम खुद के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं| -लाल बहादुर शास्त्री
6. यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा|
7. आजादी की रक्षा सिर्फ हमारे देश के सैनिको का काम नहीं है इसकी रक्षा के लिए पुरे देश को मजबूत होना पड़ेगा|
8. लोगो को सच्चा स्वराज या लोकतंत्र कभी भी असत्य और हिंसा के बल से प्राप्त नहीं हो सकता है|
9. कानून का सम्मान किया जाना चाहिए, ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और हमारा लोकतंत्र भी मजबूत बना रहे|
10. जो शासन करते है उन्हें देखना चाहिए की लोग कैसी प्रतिक्रिया करते है, क्योंकि लोकतंत्र में जनता ही मुखिया होती है| -लाल बहादुर शास्त्री
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लाल बहादुर शास्त्री के 20 अनमोल वचन
11. मेरे समझ से प्रशासन का मूल विचार यह होना चाहिए की समाज को एकजुट रखा जाए ताकि वह विकास कर, अपने लक्ष्यों को पूरा कर सके|
12. जब स्वतंत्रता और देश की अखंडता खतरे में हो तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना सभी का एकमात्र कर्तव्य होता है और इसके लिए किसी भी प्रकार के बलिदान के लिए भी एक साथ मिलकर तैयार रहना होगा|
13. हमारे देश का रास्ता सीधा और स्पष्ट है, अपने देश में सबके लिए स्वतंत्रता और संपन्नता के साथ लोकतंत्र की स्थापना और अन्य सभी देशों के साथ मित्रता के सम्बन्ध स्थापित करना|
14. हम सभी को अपने क्षेत्र में उसी समर्पण और उत्साह के साथ कार्य करना होगा जो रणभूमि में एक योद्धा को अपने कर्तव्य के प्रति प्रेरित और उत्साहित करती है और यह सिर्फ बोलना नहीं बल्कि करके दिखाना है|
15. देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है और यह एकदम पूर्ण निष्ठा है, क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं करता की इसके बदले उसे क्या मिलता है| -लाल बहादुर शास्त्री
16. यदि हम लगातार लड़ते रहेगे तो हमारी ही जनता को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा, हमे लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अशिक्षा से लड़ना चाहिए|
17. मरो नही, मारों|
18. मेरे विचार से पुरे देश के लिए एक सम्पर्क भाषा का होना अवश्यक है, अन्यथा इसका तात्पर्य यह होगा की भाषा के आधार पर देश का विभाजन हो जायेगा| एक प्रकार से एकता छिन्न-भिन्न हो जाएगी, भाषा ही एक ऐसा सशक्त बल है, एक ऐसा कारक है| जो हमे और हमारे देश को एकजुट करता है, और यह क्षमता हिन्दी में है|
19. आर्थिक मुद्दे हमारे लिए सबसे जरूरी है, जिससे हम अपने सबसे बड़े दुश्मन गरीबी और बेरोजगारी से लड़ सकें|
20. यदि मै एक तानाशाह होता तो धर्म और राष्ट्र अलग-अलग होते, मै धर्म के लिए जान तक दे दूगां| लेकिन यह मेरा निजी मामला है, राज्य का इसे कोई लेना देना नही है| राष्ट्र धर्म-निरपेक्ष, कल्याण, स्वास्थ्य, संचार, विदेशी सम्बंधो, मुद्रा इत्यादी का ध्यान रखेगा लेकिन मेरे या आपके धर्म का नही, वो सबका निजी मामला है| -लाल बहादुर शास्त्री
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लाल बहादुर शास्त्री के 25 अनमोल वचन
21. भ्रष्टाचार को खत्म करना कोई आसान काम नही है, इसे पकड़ना बहुत मुश्किल है| लेकिन मै पुरे दावे के साथ कह सकता हु, कि यदि हम इस परेशानी से गम्भीरता के साथ नही निपटेगे तो हम अपने कर्तव्यों का निर्वाह करने में असफल रहेगें|
22. जैसा मै दिखता हूँ, उतना साधारण मै हूँ नही|
23. विज्ञान और वैज्ञानिक कार्यों में सफलता असीमित या बड़े संसाधनो का प्रावधान करने से नही मिलती, बल्कि यह समस्याओं और उदेश्यों को बुद्धिमानी और सतर्कता से चुनने से मिलती है| और सब से बढ़कर जो चीज चाहिये, वो है निरंतर कठोर परिश्रम और समर्पण|
24. हम भले ही अपने देश की आजादी चाहते है, लेकिन उसके लिए ना ही हम किसी का शोषण करेगे| और ना ही दुसरे देशों को निचा दिखाएगें, मै अपने देश की स्वतंत्रता कुछ इस प्रकार चाहता हूँ| कि दुसरे देश उससे कुछ सीख सकें, और मेरे देश के संसाधनो को मानवता के लाभ के लिए प्रयोग में ले सके|
25. हम सभी को अपने-अपने क्षत्रों में उसी समर्पण उसी उत्साह और उसी सकंल्प के साथ काम करना होगा, जो रणभूमि में एक योद्धा को प्रेरित और उत्साहित करता है| यह सिर्फ बोलना नही है, बल्कि वास्तविकता में कर के दिखाना है| -लाल बहादुर शास्त्री
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