नवजात शिशुओं के छाले (Pemphigus Neonatorum) कहे या स्कैल्डड स्किन सिंड्रोम एक जीवाणु संक्रमण है, जो त्वचा को नुकसान पहुचता है| जिसके कारण त्वचा छिलने का कारण बनता है, जो जली हुई त्वचा जैसा होता है| आप जिस विषय शिशुओं के छाले या पेम्फिगुस नेओनाटोरम की तलाश कर रहे है, वह पर्याय या वैकल्पिक नाम है| इस रोग की चिकित्सा स्थिति स्कैल्डड स्किन सिंड्रोम से निकटता से संबंधित है|
यह हालत स्टेफिलोकोकास ओरियस के कारण होती है, जो एक विष उत्पन करता है, इसलिए इसको स्टेफीओलो कोकल स्कैल्डड स्किन सिंड्रोम कहते है| इसको एसएसएसएस के रूप में भी जाना जाता है, विषाक्त पदार्थ से त्वचा नाजुक हो जाती है, और त्वचा की परत आसानी से छिलने लगती है| जब उन पर थोड़ा सा दबाब डाला जाता है|
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शिशुओं के छाले रोग आमतौर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है| यह वयस्कों में बहुत दुर्लभ है, लेकिन जो गुर्दे की विफलता, प्रति रक्षा तंत्र की कमी और अन्य पुरानी बिमारियों वाले इस रोग की कमजोरी हो सकते है| निकट सम्पर्क से यह संक्रमण एक से दुसरे व्यक्ति में फ़ैल सकता है|
जीवाणु द्वारा उत्पाधित विष आमतौर पर गुर्दे की मदद से व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली में फैला दिया जाता है|जिससे रक्त में विष का परिचालन हो जाता है| और यह शरीर के अधिकांश हिस्सों को प्रभावित करता है| छाले या स्किल्डड स्किन रोग एक गंभीर संक्रमण रोग है, जिससे जान भी जा सकती है|
छाले रोग के दो रूप है
1. स्कैल्डड स्किन सिंड्रोम का स्थानीय रूप
2. स्कैल्डड स्किन सिंड्रोम का सामान्यीकृत रूप
रोग के कारण और लक्षण
जैसा की शिशुओं के छाले रोग एक प्रकार के वैक्टीरिया के कारण होता है| यह वैक्टीरिया एक एपिडर्म नामक रसायन पैदा करता है| और यह रसायन या विष मनुष्य की उपरी त्वचा को नष्ट करता है| जबकि वैक्टीरिया पुरे शरीर में स्वय फैलता नही है, यह खून के माध्यम से अपने विष द्वारा पूरी त्वचा को प्रभावित करता है| जो छाले के रूप में दिखाई पड़ते है|
यह संक्रमण एक छोटे से क्षेत्र से शुरू होता है, नवजात शिशुओं में यह नाभि या डायपर के आसपास एक क्रेस्टेड क्षेत्र के रूप में दिखाई दे सकता है| 1 से 6 वर्ष की आयु तक के बच्चों में नाक या कान के पास एक छोटा लाल छाले के रूप में दिखाई दे सकता है|
इस रोग के बाद शिशुओं में कोई उर्जा नही हो सकती है, इससे बुखार भी हो सकता है, छाले या दाने पूरी तरह दिखाई देने से पहले त्वचा संवेदनशील और असहज हो जाती है| छाले क्रस्तिंग के मूल क्षेत्र के आसपास लाल पैच के रूप में शुरू होता है| छाले दिखाई देते है और त्वचा झुरीदार लग सकती है| ये छाले बड़े हो जाते है तो थोड़े से दबाब से फुट जाते है, और इनके निचे की त्वचा चमकीली, नम और गुलाबी होती है| 2 से 3 दिन में यह पुरे शरीर पर फ़ैल जाता है|
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शिशुओं के छाले का उपचार
कोई वैक्टीरिया आमतौर पर प्रदर्शित नही किया जाता है| इस रोग का उपचार आमतौर पर रोगी के लक्षणों और प्रकार पर निर्भर करता है| जो इस रोग से ग्रस्त है, त्वचा का एक नमूना माइक्रोस्कोप के तहत लिया जाना चाहिए| फिर इसकी जांच की जाती है, यदि रोगी की बीमारी सचमुच एसएसएसएस है तो बायोप्सी एक विशेषता प्रकट करेगी, आमतौर पर जीवाणु संक्रमण के मामले में मौजूद उन कोशिकाओं का कोई संचय नही होगा| इसके बजाए त्वचा की उपरी परत के विघटन के प्रमाण होंगे|
निर्जलीकरण के विकास से बचने के लिए उपचार में सावधानीपूर्वक ध्यान दिया जाना चाहिए, विभिन्न प्रकार की क्रीम और लोशन प्रभावित क्षेत्रों में लागु किए जा सकते है| यह शुखने और नमी की हानी के खिलाफ रक्षा करते है|
ज्यदातर रोगी इस रोग से 10 से 14 दिन में छुटकारा पा लेते है| अधिकांश रोगियों में घावों के बिना उपचार होता है| अगर गंभीर निर्जलीकरन और सेप्सिस बीमारी ही मुश्किल में डाल सकती है, और मौत भी हो सकती है| इन जटिलताओं में लगभग 3 प्रतिशत बच्चे मर जाते है और वयस्कों की तादाद 50 प्रतिशत के निकट होती है|
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