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चने की अधिक पैदावार हेतु आवश्यक बिंदु, जानिए आवश्यक सुझाव

Author by Bhupender Leave a Comment

चने की अधिक पैदावार हेतु आवश्यक बिंदु

चना एक दलहनी फसल है, और भारत इसका प्रमुख उत्पादक है| लेकिन चने की अधिक पैदावार से हमारे किसान भाई जानकारी के या संसाधनो आभाव काफी पीछे है| इस लेख में चने की अधिक पैदावार लेने के लिए आवश्यक बिंदू सुझाएँ गये है, जिनको उपयोग में लाकर कृषक अपनी चने की खेती से सफलतापुर्वक अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते है| यदि आप चने की उन्नत खेती की पूर्ण जानकारी चाहते है, तो यहां पढ़ें- चने की खेती (Gram farming) की जानकारी जलवायु, किस्में, रोकथाम व पैदावार

यह भी पढ़ें- चना उत्पादन कम होने के कारण, जानिए इसके प्रमुख महत्वपूर्ण बिंदु

चने की अधिक पैदावार हेतु बिंदु 

1. भूमि में रोग और कीटो के प्रसुप्तावस्था में पड़े प्यूपा को नष्ट करने के लिये तीन वर्ष में एक बार ग्रीष्म कालीन गहरी जुताई करे|

2. चने की अधिक पैदावार के लिए पोषक तत्वों की मात्रा मिट्टी परीक्षण के आधार पर ही दें|

3. बीज का उपचार ट्राइकोडर्मा विरडी (6 ग्राम) एवं कार्बोक्सिन (1 ग्राम) प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से करे|

4. उकठा रोग रोधी या सहनशील किस्मो जैसे जे जी- 315, जे जी- 12, जे जी-11, जाकी- 9218, जे जी के- 1, जे जी के- 2, जे जी के- 3 या अन्य इत्यादि को क्षेत्र विशेष की अनुकूलता अनुसार ही बोयें|

5. फूल की अवस्था में खेत में T आकार की खूटियाँ 50 प्रति हेक्टेयर के हिसाब से लगाये तथा दाना पक्ते समय इनको निकाल दें|

6. फेरोमेन ट्रेप्स का प्रयोग करें (12 प्रति हेक्टेयर)|

7. चने की अधिक पैदावार हेतु फसल जब 15 से 20 सेंटीमीटर ऊँचाई की हो जाये तो खुटाई करे|

8. फसल में शाखाएँ बनते समय और फली बनते समय सिंचाई करे|

यह भी पढ़ें- गेहूं की पैरा विधि से खेती कैसे करें, जानिए पूरी प्रक्रिया की जानकारी

9. बीज का उपचार अमोनियम मोलिब्डेट 1 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज के हिसाब से चना-सोयाबीन फसल प्रणाली वाले क्षेत्रो में करे|

10. फसल मंज फल आने के पहले की अवस्था में NSKE 5 प्रतिशत या एजेडिराक्टिन 0.03 प्रतिशत (300 पी पी एम) WSP की 2500 से 5000 ग्राम प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 15 दिन के अन्तराल छिडकाव पर करे|

11. जैविक कीट नियंत्रण हेतु NSKE (5 प्रतिशत) का प्रयोग करें, द्वितीय स्प्रे NPV 250 एल ई और तृतीय स्प्रे इंडोक्साकार्ब (1 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी)|

12. पौध संरक्षण के लिये एकीकृत पौध संरक्षण के उपायों को अपनाना चाहिए|

13. चने की अधिक पैदावार हेतु खरपतवार नियंत्रण अवश्य करे|

14. चने में फुल आते समय सिंचाई न करें|

15. चने की अधिक पैदावार हेतु चने की बुआई उत्तर-दक्षिण से नियंत्रित करें|

16. तकनीकी जानकारी हेतु अपने जिले के नजदीकी कृषि विज्ञान केन्द्र से संपर्क करें|

17. भारत सरकार और राज्य सरकार द्वारा फसल उत्पादन (जुताई, खाद, बीज, सूक्ष्म पोषक तत्व, कीटनाशी, सिंचाई के साधनो), कृषि यन्त्रों, भण्डारण इत्यादि हेतु दी जाने वाली सुविधाओं/अनुदान सहायता/ लाभ की जानकारी हेतु संबधित राज्य/जिला/ विकास खण्ड स्थित कृषि विभाग से संपर्क करें|

उपरोक्त बिन्दुओं पर ध्यान केन्द्रित कर के किसान अपनी चने की फसल से उत्तम पैदावार प्राप्त कर सकते है|

यह भी पढ़ें- चने की उन्नत किस्में, जानिए उनकी महत्वपूर्ण विशेषताएं एवं पैदावार

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