• Skip to primary navigation
  • Skip to main content
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
Dainik Jagrati Logo

दैनिक जाग्रति

Dainik Jagrati (दैनिक जाग्रति) information in Hindi (हिंदी में जानकारी) - Health (स्वास्थ्य) Career (करियर) Agriculture (खेती-बाड़ी) Organic farming (जैविक खेती) Biography (जीवनी) Precious thoughts (अनमोल विचार) Samachar and News in Hindi and Other

  • खेती-बाड़ी
  • करियर
  • स्वास्थ्य
  • जैविक खेती
  • अनमोल विचार
  • जीवनी
  • धर्म-पर्व

बाजरा की उन्नत किस्में, जानिए विशेषताएं एवं पैदावार की जानकारी

Author by Bhupender 7 Comments

बाजरा की उन्नत किस्में

भारत में बाजरा खरीफ की बहुत महत्वपूर्ण फसल है| बाजरे की अधिक पैदावार लेने के लिए किसानों को उसको सही समय पर बोने, उपयुक्त खाद देने और समय पर पौध संरक्षण उपाय अपनाने के साथ साथ अपने क्षेत्र की प्रचलित किस्म चुनने की ओर भी विशेष ध्यान देना चाहिये| सामान्य बाजरे की तुलना में संकर और संकुल बाजरा किस्मों की पैदावार काफी अधिक है| जहां वर्षा की कमी हो यानि की जहां वर्षा 250 से 300 मिलीमीटर के आसपास होती है वहां भी संकर या संकुल बाजरा असिंचित फसल के रुप में बोया जा सकता है| इस लेख में बाजरा की उन्नत किस्में और इनकी विशेषताएं एवं पैदावार की जानकारी का उल्लेख है| बाजरा की खेती की पूरी जानकारी के लिए यहां पढ़ें- बाजरे की खेती कैसे करे पूरी जानकारी

यह भी पढ़ें- बाजरा में पोषक तत्व एवं खरपतवार प्रबंधन कैसे करें, जानिए उत्तम तकनीक

बाजरा की उन्नत किस्में एवं विशेषताएं

पूसा 322- यह बाजरा की संकर किस्म, जिसकी पकने की अवधि 75 से 80 दिन, पौधे की ऊचाई 150 से 210 सेंटीमीटर, दाने की औसतन पैदावार 25 से 30 क्विंटल और चारे की पैदावार 40 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|

एम एच 143- यह बाजरा की संकर किस्म, जिसकी औसत पैदावार 52 क्विंटल और सूखे चारे की 83 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|

एम बी एच 151- इस बाजरा की संकर किस्म की औसत पैदावार 50 क्विंटल और सूखे चारे की 88 से 90 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है|

एच एच बी 67- यह किस्म वर्षा की कमी और अधिकता दोनों ही परिस्थितियों हेतु उपयुक्त है| 65 से 70 दिन में पकने वाली इस संकर किस्म के पौधे 140 से 195 सेन्टीमीटर ऊँचे और बाली (सिट्टे) 15 से 20 सेन्टीमीटर लम्बे शंकु आकार के होते हैं| तना पतला होता है तथा यह जल्दी व देरी से बुवाई के लिये उपयुक्त है| 15 से 20 क्विण्टल प्रति हैक्टेयर पैदावार देने वाली इस किस्म के दाने सामान्य मोटाई के होते हैं| इससे प्राप्त सूखे चारे की पैदावार 15 से 20 क्विण्टल प्रति हैक्टेयर है| यह किस्म तुलासिता रोग प्रतिरोधी है|

राज 171 (एम पी 171)- मध्यम व सामान्य वर्षा वाले क्षेत्रों हेतु उपयुक्त, 85 दिन में पकने वाली इस संकुल किस्म के पौधों की ऊँचाई 170 से 200 सेन्टीमीटर और सिट्टों (बालीयां) की लम्बाई 25 से 27 सेन्टीमीटर है| सिट्टे लम्बे, सामान्य मोटे, बेलनाकार, ऊपरी भाग में कुल पतले दानों से कसे हुए होते हैं| तना मोटा और दो तीन फुटान वाला होता है| दाना हल्की पीली झांई लिये हुए हल्का सलेटी होता है| तुलासिता रोग प्रतिरोधी यह किस्म 20 से 25 क्विण्टल दाने और 45 से 48 क्विण्टल चारे की पैदावार प्रति हैक्टेयर होती है|

यह भी पढ़ें- बाजरा पेनिसिटम ग्लूकम की खेती, जानिए उपयोग, देखभाल एवं पैदावार

आई सी एम एच 356- बाजरा की यह किस्म 160 से 175 सेन्टीमीटर ऊँची, जोगिया रोगरोधी इस संकर किस्म की पकाव अवधि 75 दिन और पैदावार 18 से 20 क्विण्टल है|

एम एच 169 (पूसा-23)- यह किस्म मध्यम ऊँचाई 165 सेंटीमीटर तथा चमकीले पत्तों की होती है| इस किस्म के सिट्टे (बालियाँ) कसे हुए हुए होते हैं और परागण पीले रंग के होते हैं| 80 से 85 दिन की मध्यम अवधि में पकने वाली, दानों की औसत पैदावार 20 से 30 क्विण्टल प्रति हैक्टेयर है| यह किस्म जोगिया रोग रोधी एवं मध्यम सूखा सहन करने की क्षमता रखती है|

आर एच बी 121- संकर बाजरा की इस किस्म के पौधों की ऊंचाई 165 से 175 सेंटीमीटर होती है| जोगिया (ग्रीन ईयर) रोगरोधी होने के साथ ही इसमें मध्यम सूखा सहन करने की क्षमता भी है| इसके सिट्टे पर रोयें होते हैं और इसकी पकाव अवधि 75 से 78 दिन है| इसमें दाने की औसत पैदावार 22 से 25 क्विण्टल तथा चारे की पैदावार 26 से 29 क्विण्टल प्रति हैक्टेयर है|

सी जेड़ पी 9802- बाजरा की यह किस्म मध्यम ऊँचाई 185 से 200 सेंटीमीटर एवं चमकीले पतों वाली हैं| इस किस्म के सिट्टे (बालियाँ) बिना बाल वाले तथा हल्के कसे हुए होते हैं| परागण बैंगनी से भूरे रंग के होते हैं| 70 से 75 दिन में पकने वाली, यह किस्म जोगिया रोगरोधी एवं पैदावार 13 क्विण्टल प्रति हैक्टेयर है|

यह भी पढ़ें- बाजरा नेपियर संकर घास पशुओं को वर्ष भर हरा चारा की खेती कैसे करें

जी एच बी 538- अधिक उपज देने वाली इस संकर बाजरा की किस्म के पौधों की ऊँचाई 155 से 165 सेंटीमीटर होती है| इस किस्म की पकाव अवधि 70 से 75 दिन है और बालियाँ सख्त, बेलनाकार व बिना रोयें के 22 से 25 सेंटीमीटर लम्बी और पराग कण पीले रंग के होते हैं| यह किस्म जोगिया रोग के लिए प्रतिरोधी और तना छेदक तथा तना मक्खी के प्रति सहनशील है एवं इसमें सूखा सहन करने की क्षमता भी है| इसकी औसत पैदावर 24 क्विण्टल प्रति हैक्टेयर और चारा 42 क्विण्टल प्रति हैक्टेयर होता है|

एच एच बी 67-2- एच एच बी 67 के समान ही जल्दी पकने वाली 62 से 65 दिन में इस संकर बाजरा की किस्म के पौधों की ऊँचाई 160 से 180 सेंटीमीटर होती है| इस किस्म के सिट्टे सख्त, रोयेंदार और 22 से 25 सेंटीमीटर लम्बे एवं परागण पीले रंग के होते है| यह किस्म जोगिया रोग प्रतिरोधी तथा सूखे के प्रति सहनशील है| इसकी एच एच बी 67 की तुलना में दाना और चारा की औसत पैदावार 22 से 25 प्रतिशत ज्यादा होती है|

जी एच बी 719- संकर बाजरा की इस किस्म में बालिया 43 से 45 दिन में निकलती है और 70 से 75 दिन में पक जाती है| इस किस्म के पौधों की ऊँचाई 165 से 170 सेंटीमीटर होती है एवं सिट्टे पूरी तरह बाहर निकले शंकु आकार के रोयेंयुक्त 20 से 22 सेन्टीमीटर लम्बे और परागण क्रीमी रंग के होते है, इसके दाने मध्यम आकार के भूरे रंग के एवं दानों की औसत पैदावार 20 से 24 क्विण्टल प्रति हैक्टर एवं चारा 40 से 50 क्विण्टल प्रति हैक्टर होता है| यह किस्म जोगिया रोग के लिये प्रतिरोधी तथा कीड़ो के प्रति सहनशील है और इसमें सूखा सहन करने की क्षमता भी है|

यह भी पढ़ें- लोबिया की खेती (Cultivation of cowpea) की जानकारी जलवायु, किस्में, रोकथाम व पैदावार

आर एच बी 173 (एम एच-1446)- इस किस्म में लगभग 49 दिन में फूल आ जाते है| पकाव अवधि लगभग 79 दिन, मध्यम उंचाई वाली किस्म, सिट्टे ठोस और बेलनाकार होते हैं| यह किस्म जौगिया रोग से प्रतिरोधी दानें की औसत पैदावार 31 क्विंटल एवं चारे की उपज लगभग 78 क्विंटल, प्रति हैंक्टर है|

जी एच बी 732- बाजरा की यह किस्म देर से पकने वाली, मध्य उंचाई वाली, सिट्टे ठोस तथा दानें मोटे होते हैं| पकने की अवधि लगभग 81 दिन और दाने की पैदावार लगभग 30 क्विंटल तथा चारे की पैदावार लगभग 77 क्विंटल प्रति हैक्टर है|

जी एच बी 744- बाजरा की यह किस्म मध्यम पकाव अवधि वाली लगभग 80 दिन, पौधों की ऊंचाई मध्यम से उच्च, सिट्टे का आकार बैंलनाकार जिसमें परागकण पीले रंग के और दाने भुरे रंग के होते है| दानें की औसत पैदावार 28 क्विंटल एवं चारे की उपज 71 क्विंटल प्रति हैक्टर है|

आर एस बी 177- इस संकर किस्म का जनन आई सी उम ए 843-22 ए (मादा) तथा आर आई बी- 494 (नर) के संयोग से किया गया हैं| अच्छे फुटान वाली इस किस्म की ऊंचाई 150 से 160 सेंटीमीटर और सिट्टो की लम्बाई 21से 23 सेंटीमीटर हैं| जोगिया रोग रोघी एवं शीघ्र पकने वाली 74 दिन, इस किस्म के दानों की औसत पैदावार 42 से 43 क्विंटल प्रति हैक्टेयर हैं| इस किस्म का सिट्टा रोयें युक्त, बेलनाकार दानों से कसा हुआ तथा दाना हल्का भूरा गोलाकार होता हैं| सूखा प्रतिरोघक क्षमता वाली इस किस्म देश के अत्यन्त शुष्क जलवायु क्षेत्रों के लिए उपयोंगी है|

यह भी पढ़ें- बरसीम की खेती (Bursim farming) की जानकारी जलवायु, किस्में, रोकथाम व पैदावार

एम पी एम एच 17- बाजरा की इस संकर किस्म का जनन आई सी एम ए- 04999 (मादा) तथा एम आई आर- 525-2 (नर) के संयोग से किया गया हैं| अच्छे फुटान वाली इस किस्म की ऊंचाई 175 से 185 और बालियों की लम्बाई 22 से 23 सेंटीमीटर हैं| जोगिया रोग रोघी और मध्यम अवधि 79 दिन में पकने वाली, इस इस किस्म के अनाज की औसत पैदावार लगभग 26 से 28 क्विंटल प्रति हैक्टेयर एवं सूखे चारे की पैदावार 61 से 69 क्विंटल प्रति हैक्टेयर हैं|

जी एच बी 732- यह किस्म मध्यम ऊंचाई, ठोस सिट्टे, मोटे दाने तथा देर से पकने वाली है| इस किस्म की पकने की अवधि लगभग 81 दिन है| इस किस्म से दाने की उपज लगभग 30 क्विंटल तथा चारे की उपज लगभग 77 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है| यह किस्म देर से पकने वाली है और पर्याप्त समय तक आश्वासित वर्षा वाले क्षेत्रों में ही उपयुक्त है|

जी एच बी 905- इस किस्म की ऊंचाई मध्यम, सिट्टे ठोस मध्यम लम्बाई के और दाने आकर्षक रंग व मध्यम आकार के होते हैं| यह किस्म सूखा प्रतिरोधी एवं अच्छे फुटान वाली है जो लगभग 75 से 80 दिनों में पक जाती है| इस किस्म से दाने की पैदावार लगभग 27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त होती है|

एम पी एम एच 21- बाजरा की यह संकर किस्म दाने व चारे दोनों के लिए उपयुक्त है| करीब 75 दिनों में पकने वाली इस किस्म की ऊँचाई 169 सेंटीमीटर तथा सिट्टे की लम्बाई 20 सेंटीमीटर, इस किस्म के दानों की औसत उपज 24 क्विंटल व चारे की उपज 48 किंवटल प्रति हैक्टर है| यह किस्म मिटटी रोमिल आसिता रोग (डाऊनी मिल्ड्यू) के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधक एवं कण्डवा के प्रति मध्य प्रतिरोधी पाई गई है|

यह भी पढ़ें- हरे चारे के लिए ज्वार की खेती कैसे करें, जानिए उपयोगी तकनीक

अन्य संकर किस्में- बी के- 560-230, बी डी- 111, बी जे- 104, एच बी- 2 व 3 जिनकी औसत पैदावार 30 से 40 और चारा 70 से 85 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिलता है|

विशेष- किसान भाइयों की जानकारी हेतु की कुछ कम्पनियों द्वारा अनुमोदित बाजरा की किस्मे जैसे- नंदी- 70 व 72, 86 एम 64, प्रोएग्रो- 9444 व 9555 और जी एच बी- 526 आदि जिनकी पैदावार अच्छी मानी जाती है|

यदि उपरोक्त जानकारी से हमारे प्रिय पाठक संतुष्ट है, तो लेख को अपने Social Media पर Like व Share जरुर करें और अन्य अच्छी जानकारियों के लिए आप हमारे साथ Social Media द्वारा Facebook Page को Like, Twitter व Google+ को Follow और YouTube Channel को Subscribe कर के जुड़ सकते है|

Share this:

  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)
  • Click to share on LinkedIn (Opens in new window)
  • Click to share on Telegram (Opens in new window)
  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)

Reader Interactions

Comments

  1. Rajneesh says

    जून 11, 2019 at 11:51 अपराह्न

    Rajasuhan me susk birani fild ke liye kon kon si sankr kism ka bajri ka bij uplbd kar sakte h

    प्रतिक्रिया
  2. राजू says

    जून 18, 2019 at 2:29 अपराह्न

    एम एच 143 बाजरा कंपनी का नाम कया है ओर पैदावार कितनी है

    प्रतिक्रिया
  3. रामलाल यादव says

    जून 18, 2019 at 2:32 अपराह्न

    एम एच 143 बाजरा कंपनी का नाम कया है ओर पैदावार कितनी है

    प्रतिक्रिया
  4. Yogendra shukla says

    जुलाई 17, 2019 at 7:28 पूर्वाह्न

    Kaveri supar boss kaisa h iski paidavar prti bighe kitni h

    प्रतिक्रिया
  5. Jagjeet Singh says

    जुलाई 20, 2019 at 7:05 पूर्वाह्न

    Mh 143 baajra seeds kaise milega

    प्रतिक्रिया
  6. Saurav mittal says

    मई 17, 2020 at 1:15 अपराह्न

    Sir,
    I am from Bharatpur district in Rajasthan. I am very excited by seeing ur M.H 143 & MBH 151.
    But I cannot find it in market. So pls tell me from where I can get it.
    Thank u
    Regards,
    Saurav mittal
    Bharatpur, rajasthan

    प्रतिक्रिया
    • Bhupender says

      मई 22, 2020 at 10:38 पूर्वाह्न

      Hello Saurav,
      आप E-Mail या Call के माध्यम से सीधा कम्पनी से सम्पर्क कर सकते है, आजकल कम्पनियां बीज घर पहुंचती है.

      प्रतिक्रिया

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Primary Sidebar

इस ब्लॉग की सदस्यता लेने के लिए अपना ईमेल पता दर्ज करें और ईमेल द्वारा नई पोस्ट की सूचनाएं प्राप्त करें।

हाल के पोस्ट

  • बिहार पुलिस सब इंस्पेक्टर परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम
  • बिहार में स्टेनो सहायक उप निरीक्षक कैसे बने, जाने पूरी प्रक्रिया
  • बिहार स्टेनो असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर परीक्षा पैटर्न और पाठ्यक्रम
  • बिहार में वन क्षेत्रपाल अधिकारी कैसे बने, जाने पूरी प्रक्रिया
  • बिहार वन रेंज अधिकारी अंकन योजना, पैटर्न और पाठ्यक्रम

Footer

Copyright 2020

  • About Us
  • Contact Us
  • Sitemap
  • Disclaimer
  • Privacy Policy